जयपुर. रोडवेज कर्मचारियों ने शहर में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है. प्रदेशभर के सभी आगारों पर राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया. रोडवेज कर्मचारियों ने आगारों के मुख्य प्रबंधकों और जयपुर में सीएमडी रोडवेज के माध्यम से मुख्यमंत्री को बजट प्रावधान और विशेष पैकेज के लिए ज्ञापन दिया.
रोडवेज कर्मियों के सेवानिवृत्ति परिलाभों के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने की मांग की है. रोडवेज कर्मचारियों ने रोडवेज को 500 बसें सरकार द्वारा तुरंत और अगले वर्ष के बजट में 500 बसें दी जाने की मांग की है. राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन के महामंत्री महेश चतुर्वेदी ने बताया कि रोडवेज में कर्मचारियों की भर्ती और 7 वां वेतनमान जल्द लागू की जाए.
सेवानिवृत कर्मचारियों को बकाया भुगतान करने जैसे प्रमुख मुद्दों सहित 19 सूत्री मांग पत्र के समर्थन में सभी आगारों में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और 19 मार्च को प्रदेश स्तरीय रैली सभी आगारों में केंद्रीय बस स्टैंड पर धरना-प्रदर्शन किया गया. वर्तमान सरकार के परिवहन मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से राजस्थान रोडवेज के कर्मचारियों की मांगों को वाजिव बताते हुए तत्कालीन भाजपा सरकार की आलोचना की थी और वादा किया था कि सत्ता में आते ही हम रोडवेजकर्मियों की इन सभी वाजिव मांगों को पूरा करेंगे.
इस आशा में ही रोडवेजकर्मियों की ओर से कांग्रेस को मत और समर्थन देकर सत्ता में वापसी कराई थी, लेकिन सरकार का आधा कार्यकाल और 2 बजट पेश हो चुके है. लेकिन रोडवेज और रोडवेजकर्मी उन समस्याओं से जो कि भाजपा सरकार के समय थी, आज भी जूझ रहा है. ऐसे में रोडवेजकर्मियों के सामने आंदोलन ही एकमात्र बचा है. राज्य सरकार की ओर से कोरोना काल में रोडवेजकर्मियों को जैसे भी निर्देश दिए गए राष्ट्रहित, उद्योग हित में कर्मचारियों ने पूर्ण योगदान करते हुए कोरोना काल में सेवा कार्य किए.