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राजनीतिक शुद्धता और अपराधों में कमी के लिए अब धर्म का सहारा, भाजपा सांसद ने दिया 'हेमाद्रि संकल्प' का ये मंत्र - राजनीतिक शुद्धता और अपराधों में कमी

भाजपा के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने राजनीतिक शुद्धता और अपराधों में कमी के लिए 'हेमाद्रि संकल्प' का धार्मिक मंत्र दिया है. गुरुवार को जयपुर में तिवाड़ी ने खुद जलकुंड में उतरकर सप्त ऋषियों का पूजन किया.

Ghanshyam Tiwari Hemadri Sankalp
अर्धनग्न जल कुंड में उतरे तिवाडी संकल्प लेते..
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Published : Sep 1, 2022, 3:54 PM IST

Updated : Sep 1, 2022, 4:02 PM IST

जयपुर. राजनीतिक शुद्धता और अपराधों में कमी के लिए भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने 'हेमाद्रि संकल्प' का धार्मिक मंत्र दिया है. तिवाड़ी का मानना है कि (Religious Mantra of Hemadri Sankalp) साल भर में एक बार ऋषि पंचमी के दिन 'हेमाद्रि संकल्प' करने से ना केवल राजनीति में शुद्धता आएगी, बल्कि अपराधों में भी कमी आएगी. तिवाड़ी के अनुसार भारतीय दंड संहिता में जितने अपराधों का वर्णन नहीं है, उससे अधिक 'हेमाद्रि संकल्प' में वर्णन है. गुरुवार को खुद तिवाड़ी ने जलकुंड में खड़े होकर मंत्रोचार के साथ यह संकल्प लिया.

दरअसल, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी धार्मिक रूप से भी विद्वान माने जाते हैं, लेकिन राजनीति में शुद्धता और अपराधों में कमी को लेकर उन्होंने जो धार्मिक मंत्र दिया है वो अब राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है. राजनीति के महारथी घनश्याम तिवाड़ी ने खुद (Ghanshyam Tiwari Hemadri Sankalp) गुरुवार को हरिहर मंदिर परिसर में ऋषि पंचमी के मौके पर अन्य मित्रों और साथियों के साथ जलकुंड में खड़े होकर मंत्रोचार के साथ सप्त ऋषियों का पूजन किया और 'हेमाद्रि संकल्प' भी लिया.

क्या कहा तिवाड़ी ने...

पढ़ें : Ghanshyam Tiwari Exclusive: ये किसी खेमे की न हार है, न जीत...वसुंधरा विरोधी होने की बात गलत- घनश्याम तिवाड़ी

भारतीय दंड संहिता से ज्यादा अपराधों का वर्णन है हेमाद्री संकल्प में : घनश्याम तिवाड़ी कहते हैं कि भारतीय दंड संहिता में जितने अपराधों का वर्णन है, उससे कहीं अधिक वर्णन हेमाद्रि संकल्प में है. वे हेमाद्रि संकल्प को भारत राष्ट्र की एकजुटता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक भी बताते हैं. तिवाड़ी कहते हैं कि हेमाद्रि संकल्प में 9000 किलोमीटर लंबे भारत की नदियां, पहाड़, प्रमुख राज्य और महापुरुषों का वर्णन है. जिसे हम मानसिक वाचिक के रूप में किसी भी प्रकार के अपराध जो जाने-अनजाने में हुए हैं, उसके लिए देवों से क्षमा याचना करते हैं. तिवाड़ी के अनुसार हेमाद्रि संकल्प में महिला उत्पीड़न, छुआछूत, पशु संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि से लेकर कई चीजें हैं, जिसके संबंध में जाने-अनजाने कई बार त्रुटि या गलतियां हो ही जाती हैं. जिसकी क्षमा-याचना यदि साल भर में धार्मिक मान्यता के अनुरूप हेमाद्रि संकल्प से की जाती है तो फिर मानसिक रूप से इसमें शुद्धि होती है.

पढ़ें : Rishi Panchami 2022: क्यों रखा जाता है ऋषि पंचमी का व्रत, यहां जानिए शुभ मुहूर्त

धार्मिक अनुष्ठान से इस तरह दिया राजनीतिक शुद्धता का मंत्र : घनश्याम तिवाड़ी प्रदेश के दिग्गज राजनेताओं में शुमार है, लेकिन उन्होंने राजनीतिक शुद्धता का जो धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ा मंत्र दिया है, उसे वे राजनीति से भी जोड़ते हैं. तिवाड़ी कहते हैं कि इस धार्मिक अनुष्ठान हेमाद्रि संकल्प में राजनीति का भी वर्णन है. जिस प्रकार हम कोई भाषण देते हैं, जिसमें जाने अनजाने किसी को ठेस पहुंचती है या कोई आहत होता है. उन सबका भी 'हेमाद्रि संकल्प' में संकल्प होता है. इसलिए मैं चाहता हूं कि साल भर में कम से कम एक बार हर कोई हेमाद्रि संकल्प ले, जिससे अपराधों में भी कमी आएगी और राजनीति में शुद्धता भी आएगी.

जयपुर. राजनीतिक शुद्धता और अपराधों में कमी के लिए भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने 'हेमाद्रि संकल्प' का धार्मिक मंत्र दिया है. तिवाड़ी का मानना है कि (Religious Mantra of Hemadri Sankalp) साल भर में एक बार ऋषि पंचमी के दिन 'हेमाद्रि संकल्प' करने से ना केवल राजनीति में शुद्धता आएगी, बल्कि अपराधों में भी कमी आएगी. तिवाड़ी के अनुसार भारतीय दंड संहिता में जितने अपराधों का वर्णन नहीं है, उससे अधिक 'हेमाद्रि संकल्प' में वर्णन है. गुरुवार को खुद तिवाड़ी ने जलकुंड में खड़े होकर मंत्रोचार के साथ यह संकल्प लिया.

दरअसल, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी धार्मिक रूप से भी विद्वान माने जाते हैं, लेकिन राजनीति में शुद्धता और अपराधों में कमी को लेकर उन्होंने जो धार्मिक मंत्र दिया है वो अब राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है. राजनीति के महारथी घनश्याम तिवाड़ी ने खुद (Ghanshyam Tiwari Hemadri Sankalp) गुरुवार को हरिहर मंदिर परिसर में ऋषि पंचमी के मौके पर अन्य मित्रों और साथियों के साथ जलकुंड में खड़े होकर मंत्रोचार के साथ सप्त ऋषियों का पूजन किया और 'हेमाद्रि संकल्प' भी लिया.

क्या कहा तिवाड़ी ने...

पढ़ें : Ghanshyam Tiwari Exclusive: ये किसी खेमे की न हार है, न जीत...वसुंधरा विरोधी होने की बात गलत- घनश्याम तिवाड़ी

भारतीय दंड संहिता से ज्यादा अपराधों का वर्णन है हेमाद्री संकल्प में : घनश्याम तिवाड़ी कहते हैं कि भारतीय दंड संहिता में जितने अपराधों का वर्णन है, उससे कहीं अधिक वर्णन हेमाद्रि संकल्प में है. वे हेमाद्रि संकल्प को भारत राष्ट्र की एकजुटता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रतीक भी बताते हैं. तिवाड़ी कहते हैं कि हेमाद्रि संकल्प में 9000 किलोमीटर लंबे भारत की नदियां, पहाड़, प्रमुख राज्य और महापुरुषों का वर्णन है. जिसे हम मानसिक वाचिक के रूप में किसी भी प्रकार के अपराध जो जाने-अनजाने में हुए हैं, उसके लिए देवों से क्षमा याचना करते हैं. तिवाड़ी के अनुसार हेमाद्रि संकल्प में महिला उत्पीड़न, छुआछूत, पशु संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण आदि से लेकर कई चीजें हैं, जिसके संबंध में जाने-अनजाने कई बार त्रुटि या गलतियां हो ही जाती हैं. जिसकी क्षमा-याचना यदि साल भर में धार्मिक मान्यता के अनुरूप हेमाद्रि संकल्प से की जाती है तो फिर मानसिक रूप से इसमें शुद्धि होती है.

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धार्मिक अनुष्ठान से इस तरह दिया राजनीतिक शुद्धता का मंत्र : घनश्याम तिवाड़ी प्रदेश के दिग्गज राजनेताओं में शुमार है, लेकिन उन्होंने राजनीतिक शुद्धता का जो धार्मिक अनुष्ठान से जुड़ा मंत्र दिया है, उसे वे राजनीति से भी जोड़ते हैं. तिवाड़ी कहते हैं कि इस धार्मिक अनुष्ठान हेमाद्रि संकल्प में राजनीति का भी वर्णन है. जिस प्रकार हम कोई भाषण देते हैं, जिसमें जाने अनजाने किसी को ठेस पहुंचती है या कोई आहत होता है. उन सबका भी 'हेमाद्रि संकल्प' में संकल्प होता है. इसलिए मैं चाहता हूं कि साल भर में कम से कम एक बार हर कोई हेमाद्रि संकल्प ले, जिससे अपराधों में भी कमी आएगी और राजनीति में शुद्धता भी आएगी.

Last Updated : Sep 1, 2022, 4:02 PM IST
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