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सांभर में पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, CM गहलोत ने उच्च स्तरीय बैठक में दिए निर्देश

जयपुर जिले के सांभर झील में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर रात उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर वस्तुस्तिथि की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए.

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Published : Nov 15, 2019, 12:13 PM IST

जयपुर. सांभर झील में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ने पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खोलने के निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

सांभर में एक और रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, सीएम गहलोत ने दिए निर्देश

बैठक में बताया कि देश के प्रतिष्ठित संस्थान सालीम अली सेन्टर फॉर आर्निथोलोजी एण्ड नेचुरल हिस्ट्री, भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेषज्ञों ने साइट पर पहुंचकर काम प्रारम्भ कर दिया है. राज्य पशुपालन विभाग की टीम ने वहां से सैम्पल लेकर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग केन्द्र में भेजे दिए थे. वहां की रिपोर्ट के अनुसार एवियन फ्लू से संबंधित रिपोर्ट निगेटिव है. इसलिए फ्लू के संक्रमण का खतरा नहीं है.

यह भी पढ़ें- सांभर झील में लगातार हो रही देशी-विदेशी पक्षियों के मौत की यह है बड़ी वजह

राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के विशेषज्ञों ने एवियन बोट्यूलिज्म की सम्भावना जताई है. हालांकि, भोपाल से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने पर इसके वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा. सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर रात उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर वस्तुस्तिथि की जानकारी ली. साथ ही प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए.

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अब तक की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि पक्षियों की मौत के कारणों की जांच कर प्रभावी कदम उठाए जाएं. साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए. ताकि किसी प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका नहीं रहे.

यह भी पढ़ें- पक्षियों की कब्रगाह बनी सांभर झील, अब तक काल के गाल में समाए हजारों परिंदे

सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि वन्यजीव एवं पक्षी पर्यावरण एवं जैव विविधता का अभिन्न अंग है. सांभर झील पर प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ स्थानीय पक्षियों का बसेरा यहां के नैसर्गिंक सौन्दर्य को बढ़ाता है. साथ ही इनका पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान है. अचानक पक्षियों की मौत होना चिंता का विषय है. राज्य सरकार इसे लेकर बेहद गंभीर है. बैठक में बताया गया कि पशुपालन विभाग की ओर सांभर झील पर चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की 50 सदस्यीय टीम लगातार कार्य कर रही है और वहां पर एक रेस्क्यू सेंटर पहले ही स्थापित किया जा चुका है. जिसने अब तक 63 पक्षियों को बचाया है. जिनमें से 46 पक्षियों में उपचार के बाद सुधार के लक्षण पाए गए हैं. साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है.

वहीं जयपुर, अजमेर और नागौर के जिला कलक्टरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर मृत पक्षियों का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए. राहत कार्यों में एसडीआरएफ की टीम से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि पानी में कोई मृत पक्षी नहीं रहे.

सांभर झील के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए सांभर साल्ट लिमिटेड से भी राहत कार्यों में सहयोग लिया जा रहा है. वहां दो इमरजेंसी मोबाइल यूनिट भी कार्य कर रही है और औषधियों का पर्याप्त इंतजाम किया गया है. पशुपालन विभाग की टीम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति अब नियंत्रण में है.

जयपुर. सांभर झील में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ने पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खोलने के निर्देश दिए हैं. सीएम गहलोत ने सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में उच्च स्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.

सांभर में एक और रेस्क्यू सेंटर खुलेगा, सीएम गहलोत ने दिए निर्देश

बैठक में बताया कि देश के प्रतिष्ठित संस्थान सालीम अली सेन्टर फॉर आर्निथोलोजी एण्ड नेचुरल हिस्ट्री, भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेषज्ञों ने साइट पर पहुंचकर काम प्रारम्भ कर दिया है. राज्य पशुपालन विभाग की टीम ने वहां से सैम्पल लेकर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग केन्द्र में भेजे दिए थे. वहां की रिपोर्ट के अनुसार एवियन फ्लू से संबंधित रिपोर्ट निगेटिव है. इसलिए फ्लू के संक्रमण का खतरा नहीं है.

यह भी पढ़ें- सांभर झील में लगातार हो रही देशी-विदेशी पक्षियों के मौत की यह है बड़ी वजह

राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के विशेषज्ञों ने एवियन बोट्यूलिज्म की सम्भावना जताई है. हालांकि, भोपाल से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने पर इसके वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा. सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर रात उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर वस्तुस्तिथि की जानकारी ली. साथ ही प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए.

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अब तक की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि पक्षियों की मौत के कारणों की जांच कर प्रभावी कदम उठाए जाएं. साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए. ताकि किसी प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका नहीं रहे.

यह भी पढ़ें- पक्षियों की कब्रगाह बनी सांभर झील, अब तक काल के गाल में समाए हजारों परिंदे

सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि वन्यजीव एवं पक्षी पर्यावरण एवं जैव विविधता का अभिन्न अंग है. सांभर झील पर प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ स्थानीय पक्षियों का बसेरा यहां के नैसर्गिंक सौन्दर्य को बढ़ाता है. साथ ही इनका पारिस्थितिक संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान है. अचानक पक्षियों की मौत होना चिंता का विषय है. राज्य सरकार इसे लेकर बेहद गंभीर है. बैठक में बताया गया कि पशुपालन विभाग की ओर सांभर झील पर चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की 50 सदस्यीय टीम लगातार कार्य कर रही है और वहां पर एक रेस्क्यू सेंटर पहले ही स्थापित किया जा चुका है. जिसने अब तक 63 पक्षियों को बचाया है. जिनमें से 46 पक्षियों में उपचार के बाद सुधार के लक्षण पाए गए हैं. साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है.

वहीं जयपुर, अजमेर और नागौर के जिला कलक्टरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर मृत पक्षियों का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए. राहत कार्यों में एसडीआरएफ की टीम से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि पानी में कोई मृत पक्षी नहीं रहे.

सांभर झील के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए सांभर साल्ट लिमिटेड से भी राहत कार्यों में सहयोग लिया जा रहा है. वहां दो इमरजेंसी मोबाइल यूनिट भी कार्य कर रही है और औषधियों का पर्याप्त इंतजाम किया गया है. पशुपालन विभाग की टीम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति अब नियंत्रण में है.

Intro:सांभर में पक्षियों मौत से बचना के लिए एक ओर रेस्क्यू सेंटर खुलेगा , सीएम गहलोत ने उच्चस्तरीय बैठक में दिए निर्देश

जयपुर,
सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री ने पक्षियों को बचाने के लिए एक और रेस्क्यू सेंटर खोलने के निर्देश दिए हैं। सीएम गहलोत ने सांभर पक्षियों की मौत के मामले में उच्चस्तरीय बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए , बैठक में बताया कि देश के प्रतिष्ठित संस्थान सालीम अली सेन्टर फॉर आर्निथोलोजी एण्ड नेचुरल हिस्ट्री, भारतीय वन्यजीव संस्थान तथा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के विशेषज्ञों ने साइट पर पहुंचकर काम प्रारम्भ कर दिया है। राज्य पशुपालन विभाग की टीम ने वहां से सैम्पल लेकर भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग केन्द्र में भेजे दिये थे। वहां की रिपोर्ट के अनुसार एवियन फ्लू से संबंधित रिपोर्ट नेगेटिव है। इसलिए फ्लू के संक्रमण का खतरा नहीं है। राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के विशेषज्ञों ने एवियन बोट्यूलिज्म की सम्भावना जताई है। भोपाल से विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त होने पर इसके वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा , सांभर में पक्षियों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार देर रात उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर वस्तुस्तिथि की जानकारी ली साथ प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए , बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अब तक की वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए कि पक्षियों की मौत के कारणों की जांच कर प्रभावी कदम उठाए जाएं। साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जाए ताकि किसी प्रकार का संक्रमण फैलने की आशंका नहीं रहे। सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि वन्यजीव एवं पक्षी पर्यावरण एवं जैव विविधता का अभिन्न अंग है। सांभर झील पर प्रवासी पक्षियों के साथ-साथ स्थानीय पक्षियों का बसेरा यहां के नैसर्गिंक सौन्दर्य को बढ़ाता है, साथ ही इनका पारिस्थितिकी संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान है। अचानक पक्षियों की मौत होना चिंता का विषय है। राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है। बैठक में बताया गया कि पशुपालन विभाग की ओर सांभर झील पर चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की 50 सदस्यीय टीम लगातार कार्य कर रही है और वहां पर एक रेस्क्यू सेंटर पहले ही स्थापित किया जा चुका है, जिसने अब तक 63 पक्षियों को बचाया है, जिनमें से 46 पक्षियों में उपचार के बाद सुधार के लक्षण पाए गए हैं। साथ ही मृत पक्षियों का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया जा रहा है। जयपुर, अजमेर और नागौर के जिला कलक्टरों को भी निर्देश दिए गए हैं कि अभियान चलाकर मृत पक्षियों का उचित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। राहत कार्योंं में एसडीआरएफ की टीम से भी सहयोग लिया जा रहा है ताकि पानी में कोई मृत पक्षी नहीं रहे। सांभर झील के विस्तृत क्षेत्र को देखते हुए सांभर साल्ट लिमिटेड से भी राहत कार्यों में सहयोग लिया जा रहा है। वहां दो इमरजेंसी मोबाइल यूनिट भी कार्य कर रही है और औषधियों का पर्याप्त इंतजाम किया गया है। पशुपालन विभाग की टीम स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
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