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मिशन 2023 में जुटी भाजपा में बन रहा नेताओं का रिपोर्ट कार्ड...निष्क्रिय नेताओं की होगी छुट्टी

भाजपा मिशन 2023 में (BJP engaged in Mission 2023) जुट गई है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अभी से भाजपा संगठनात्मक मजबूती लाने में लगी है. इसके तहत राजस्थान भाजपा में जल्द निष्क्रिय नेताओं की छुट्टी हो सकती है. उनकी जगह नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है.

BJP engaged in Mission 2023,  inactive leaders may be discharged
मिशन 2023 में जुटी भाजपा में बन रहा नेताओं का रिपोर्ट कार्ड.
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Published : Jun 17, 2022, 3:33 PM IST

जयपुर. मिशन 2023 में जुटी राजस्थान भाजपा (BJP engaged in Mission 2023 ) में जल्द ही निष्क्रिय नेताओं और अपने दायित्व की प्रभावी भूमिका निभा पाने में असफल पदाधिकारियों को बदला जा सकता है. प्रदेश भाजपा नेतृत्व (inactive leaders may be discharged) और संगठन के स्तर पर इसकी कवायद शुरू कर दी गई है.

बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन के स्तर पर जिला अध्यक्षों व प्रभारियों से ऐसे दायित्व वान कार्यकर्ताओं की सूची मांगी गई है. साथ ही उनके क्षेत्र में उन वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की जानकारी भी मांगी गई है जो फिलहाल पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं. पार्टी नेतृत्व ने यह तय किया है कि मिशन 2023 हासिल करने के लिए पार्टी बूथ स्तर तक मजबूत हो. साथ ही तमाम नेता व कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए जो पार्टी के लिहाज से ऊर्जावान और अनुभवी भी हों. इसके लिए पार्टी स्तर पर उन तमाम दायित्व वान कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार हो रहा है.

पढ़ेंः भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक संगठन की संरचना की सौंपी जिम्मेदारी

जिन्हें पार्टी ने अलग-अलग जिम्मेदारियां दे रखी हैं. यह काम पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं जो गोपनीय रूप से चल रहा है. बताया जा रहा है कि कामकाज के परफॉर्मेंस के आधार पर अब जल्द ही कार्यकर्ताओं को बदला जा सकता है और उनके स्थान पर कुछ नए चेहरों को पार्टी में दायित्व दिया जा सकता है. अक्टूबर 2021 में बदले थे 19 जिलों के प्रभारी और सह प्रभारीः इससे पहले भी राजस्थान भाजपा में परफॉर्मेंस के आधार पर कई कार्यकर्ता और पदाधिकारियों में बदलाव किया जा चुका है. इससे पहले अक्टूबर 2021 में राजस्थान भाजपा के 19 जिलों में प्रभारियों को बदला गया था. वहीं 9 जिलों में नए सह प्रभारी लगाए गए थे. तब यह बदलाव निकाय और पंचायत राज चुनाव के परिणामों के बाद किए थे.

पढ़ेंः Rajasthan BJP Mission 2023 : भाजपा में परफॉर्मेंस के आधार पर होगा पदों में बदलाव, पूनिया ने दिए ये संकेत..

पार्टी से दूर अनुभवी नेताओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायदः साल 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी चाहती है कि जो वरिष्ठ व अनुभवी नेता इन दिनों पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं. उन्हें वापस भाजपा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए. हालांकि कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो स्वास्थ्य कारणों से या अन्य कारणों से पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं होते. अब पार्टी ने तय किया है कि स्थानीय भाजपा जिला अध्यक्ष या वहां से जुड़े प्रमुख नेता समय-समय पर इन नेताओं के पास जाकर उनसे चर्चा करें. जिससे यह भी खुद को पार्टी से नजदीक मानते हुए अपने अनुभव का लाभ पार्टी को दें. जिला स्तर पर प्रमुख नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे वरिष्ठ व अनुभवी उम्र दराज नेताओं के संपर्क में रहें.

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का भी है असरः हाल ही में राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके बाद राजस्थान भाजपा की परेशानी बढ़ गई थी. क्योंकि शोभा रानी धौलपुर क्षेत्र से आती है. ऐसे में बदलाव की बयार सबसे पहले धौलपुर क्षेत्र से ही रहने की उम्मीद है.

जयपुर. मिशन 2023 में जुटी राजस्थान भाजपा (BJP engaged in Mission 2023 ) में जल्द ही निष्क्रिय नेताओं और अपने दायित्व की प्रभावी भूमिका निभा पाने में असफल पदाधिकारियों को बदला जा सकता है. प्रदेश भाजपा नेतृत्व (inactive leaders may be discharged) और संगठन के स्तर पर इसकी कवायद शुरू कर दी गई है.

बताया जा रहा है कि प्रदेश संगठन के स्तर पर जिला अध्यक्षों व प्रभारियों से ऐसे दायित्व वान कार्यकर्ताओं की सूची मांगी गई है. साथ ही उनके क्षेत्र में उन वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं की जानकारी भी मांगी गई है जो फिलहाल पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं. पार्टी नेतृत्व ने यह तय किया है कि मिशन 2023 हासिल करने के लिए पार्टी बूथ स्तर तक मजबूत हो. साथ ही तमाम नेता व कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए जो पार्टी के लिहाज से ऊर्जावान और अनुभवी भी हों. इसके लिए पार्टी स्तर पर उन तमाम दायित्व वान कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार हो रहा है.

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जिन्हें पार्टी ने अलग-अलग जिम्मेदारियां दे रखी हैं. यह काम पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं जो गोपनीय रूप से चल रहा है. बताया जा रहा है कि कामकाज के परफॉर्मेंस के आधार पर अब जल्द ही कार्यकर्ताओं को बदला जा सकता है और उनके स्थान पर कुछ नए चेहरों को पार्टी में दायित्व दिया जा सकता है. अक्टूबर 2021 में बदले थे 19 जिलों के प्रभारी और सह प्रभारीः इससे पहले भी राजस्थान भाजपा में परफॉर्मेंस के आधार पर कई कार्यकर्ता और पदाधिकारियों में बदलाव किया जा चुका है. इससे पहले अक्टूबर 2021 में राजस्थान भाजपा के 19 जिलों में प्रभारियों को बदला गया था. वहीं 9 जिलों में नए सह प्रभारी लगाए गए थे. तब यह बदलाव निकाय और पंचायत राज चुनाव के परिणामों के बाद किए थे.

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पार्टी से दूर अनुभवी नेताओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कवायदः साल 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी चाहती है कि जो वरिष्ठ व अनुभवी नेता इन दिनों पार्टी की गतिविधियों से दूर हैं. उन्हें वापस भाजपा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए. हालांकि कई ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो स्वास्थ्य कारणों से या अन्य कारणों से पार्टी की गतिविधियों में शामिल नहीं होते. अब पार्टी ने तय किया है कि स्थानीय भाजपा जिला अध्यक्ष या वहां से जुड़े प्रमुख नेता समय-समय पर इन नेताओं के पास जाकर उनसे चर्चा करें. जिससे यह भी खुद को पार्टी से नजदीक मानते हुए अपने अनुभव का लाभ पार्टी को दें. जिला स्तर पर प्रमुख नेताओं को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे वरिष्ठ व अनुभवी उम्र दराज नेताओं के संपर्क में रहें.

राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग का भी है असरः हाल ही में राजस्थान की 4 राज्यसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी विधायक शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. जिसके बाद राजस्थान भाजपा की परेशानी बढ़ गई थी. क्योंकि शोभा रानी धौलपुर क्षेत्र से आती है. ऐसे में बदलाव की बयार सबसे पहले धौलपुर क्षेत्र से ही रहने की उम्मीद है.

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