जयपुर. विधायक अशोक लाहोटी ने शुक्रवार को विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए कोचिंग संस्थानों के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने के संबंध में बात रखी. जिस पर मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जवाब देते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों के माध्यम से किसानों के बेटे उच्च पदों पर पहुंचने लगे हैं. लेकिन समय-समय पर जो भी सवाल उठते हैं कि कोचिंग संस्थान नियमों की पालना नहीं कर रहे हैं.
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इसे लेकर सरकार ने एक परिपत्र जारी कर यह निर्णय लिया है कि कोचिंग सेंटर्स पर आउटडोर ध्यान, योग फैसिलिटी जैसी सुविधाएं है या नहीं.18 अप्रैल 2017 को भी निर्देश जारी कर दिए और 6 मार्च 2018 को इसे लेकर कोर्ट ने भी फैसला दिया था कि टाटा इंस्टीट्यूट को लेकर अध्ययन किया जाए कि बच्चे तनाव में क्यों है. इसके बाद 12 जुलाई 2019 को सरकार ने 24 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है कि बच्चे तनाव में आत्महत्या कर रहे हैं क्या. इसे देखते हुए सरकार कोचिंग संस्थानों पर ठोस कार्रवाई के लिए भी काम कर रही है.
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इस पर विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि बच्चों पर कोचिंग से दोहरा भार पड़ रहा है और बच्चे स्कूल-कॉलेज की जगह कोचिंग में जा रहे हैं. बच्चे स्कूल जाने की जगह सीधे कोचिंग जा रहे हैं. जिस पर डोटासरा ने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट ही बंद कर दो यह तो प्रदेश में संभव नहीं है. क्योंकि इससे किसानों के बच्चे पढ़ाई से महरूम रह जाएंगे. हालांकि फीस को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार यह देख रही है कि कोचिंग संस्थान कहीं फीस तो ज्यादा नहीं ले रहे हैं.