जयपुर. देशभर में कोरोना संक्रमण का असर देखने को मिल रहा है, जिसका सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. इसके साथ ही इसका प्रभाव ट्रांसपोर्ट पर भी पड़ा है. जिसके कारण देशभर में ट्रांसपोर्ट के साधनों की तस्वीर बदल गई है. जिसमें एक तरफ जहां ट्रेनों में यात्रीभार में कमी आ रही है तो वहीं दूसरी ओर एयरलाइंस भी यात्रियों को टिकट बुकिंग पर नए-नए ऑफर देकर आकर्षित करने में जुटी हुई हैं.
बावजूद इसके यात्री भार में कोई खास बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है. जहां पर कुछ रूट को छोड़ दें तो अधिकांश रूट पर ट्रेन और फ्लाइट खाली संचालित हो रही हैं. कोरोना से पहले जयपुर रेलवे स्टेशन से कुल 192 ट्रेनें संचालित की जाती थी. यानी रोजाना लगभग 120 ट्रेन जयपुर आती और जाती थीं, लेकिन लॉकडाउन के बाद अब महज 14 ट्रेन ही जयपुर से संचालित हो रही हैं.
इन ट्रेनों में पहले रोजाना 45 हजार 595 यात्री यात्रा कर रहे थे, जो अब घटकर महज तीन हजार के आसपास ही रह गए हैं. वहीं, रेलवे की ओर से लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के बीच राजस्थान से कुल 134 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया था.
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इन स्पेशल ट्रेनों से कुल 1.91 लाख प्रवासी राजस्थानी श्रमिक जयपुर सहित प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में लाए गए थे. गौरतलब है कि अभी उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर, जोधपुर, अजमेर और बीकानेर मंडलों से कुल 26 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है. इन ट्रेनों में अभी रोजाना लगभग 25 हजार यात्री सफर कर रहे हैं.
फ्लाइट में यात्री भार में आई भारी गिरावट...
कोविड-19 से पहले जयपुर एयरपोर्ट से रोजाना औसतन 63 फ्लाइट का संचालन हो रहा था. इनमें से 7 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट और 56 घरेलू फ्लाइट संचालित हो रही थी. वहीं, रोजाना 15 हजार यात्रियों का आवागमन भी हो रहा था. साथ ही 1 से 20 सितंबर तक 10 हजार 997 यात्रियों ने यात्रा की और 200 फ्लाइट का संचालन भी हुआ. इनमें से 185 घरेलू और 15 अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट संचालित हुई तो वहीं अभी भी जयपुर एयरपोर्ट से रोज औसतन 22 फ्लाइट संचालित हो रही है. इनमें रोजाना करीब 3 हजार के आसपास यात्रियों का आवागमन हो रहा है. इसके साथ ही नियमित दिनों की तुलना में फिलहाल 40 फ्लाइट रोजाना औसतन से कम संचालित हो रही हैं. जिसके बाद यात्रियों की संख्या भी 11 हजार के आसपास हो गई है.