जयपुर. पिछले दो दशकों से 14 नवंबर को विश्व डायबिटीज दिवस हर साल मनाया जाता है. लेकिन इस बार 14 नवंबर को दीपावली का त्यौहार होने के चलते इस बार विश्व मधुमेह दिवस नहीं मनाया गया. ऐसे में कोरोना महामारी को देखते हुए रविवार को अनोखे मेडिकल कैंप से मरीजों का चेकअप कर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए भी अटेंप्ट किया गया.
कैंप के संयोजक डॉ. सुनील ढंड ने बताया कि कोरोना संक्रमण में ऐसे मरीजों के लिए स्थिति जानलेवा हो सकती है, जिन्हें पहले से डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारियां हो या उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो. ऐसे में अपना प्लस ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल समय-समय पर मालूम करते रहना चाहिए. इसी उद्देश्य से यह कैंप आयोजित किया गया. इस दौरान कोरोना गाइडलान की पालना करते हुए 160 से अधिक वॉलिंटियर्स को अभियान से जोड़ा गया.
पढ़ें- प्रदेश में कर्फ्यू से डगमगाया शादियों का शेड्यूल, रात की जगह दिन में हो रहे फेरे
वहीं, वॉलिंटियर्स को पहले अनोखे कैंप से जुड़ी ट्रेनिंग दी गई और ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल जांचने के लिए किट दिए गए, जिसके बाद सभी वॉलिंटियर्स अपनी-अपनी जगहों पर अपने परिवारों व आसपास के लोगों के ब्लड शुगर, बीपी, ऑक्सीजन लेवल की जांच की. अनोखे कैंप के सारे डाटा की गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने गहनता से जांच की और इस श्रेणी में सबसे बड़े डायबिटीज कैंप का रिकॉर्ड प्रदान किया गया. इस मौके पर ऑनलाइन डॉक्टरों के पैनल ने पूरे कैम्प पर नजरें रखी और आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.
दरअसल, डायबिटीज एसोसिएशन की ओर से वर्चुअल ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, दुबई समेत देश-विदेश के 160 से अधिक स्थानों पर आयोजित हुए इस कैंप में 8 हजार से अधिक लोगों की शुगर लेवर, ब्लड प्रेशर और ऑक्सीजन लेवल की जांच की गई. वहीं, एसोसिएशन के इस मेगा मेडिकल कैंप को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करने का एटेंप्ट किया गया है.