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Reality check: Coronavirus Unlock के बाद खुले स्कूल, नियमों को लेकर लापरवाही दिख रही साफ... वाहनों में नहीं हो रही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना - कोविड प्रोटोकॉल

मंगलवार को राजधानी जयपुर (Jaipur) के दो निजी स्कूलों में 3 बच्चों के कोविड पॉजिटिव आने के बाद शत-प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोले जाने के सरकार के फैसले पर सवाल लाजिमी नजर आ रहे हैं. अभिभावक संघ (Parents Association) पहले ही सरकारी (Rajasthan Government) फैसले पर ऐतराज जता चुका है. दूसरी तरफ जमीनी हालात भी इशारा करते हैं कि खतरा टला नहीं है और लोग अब भी असावधानी बरत रहे हैं. वहीं अपने बच्चों के भविष्य के मद्देनजर डर के बावजूद अभिभावक (Guardians) बच्चों को स्कूल भेज रहे हैं.

Reality check
Coronavirus Unlock के बाद खुले स्कूल, नियमों को लेकर लापरवाही दिख रही साफ
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Published : Nov 17, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Nov 17, 2021, 12:32 PM IST

जयपुर. 17 नवंबर की सुबह ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने जयपुर (Jaipur) की सड़कों पर चलने वाले स्कूली वाहनों (School Vehicles) और विभिन्न स्कूलों के एंट्री गेट (Entry gates) पर जायजा लिया. जिसमें लापरवाही की तस्वीरें सामने आई. कोरोना गाइड लाइन (Corona Guidelines) की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखीं.

स्कूली छात्रों को लाने-ले जाने वाले ऑटो-टेम्पो की क्षमता 5 से लेकर 8 बच्चों तक की होती है, लेकिन स्कूल जाते कई वाहनों पर रखे स्कूली बैग इस बात का इशारा करते दिखे कि गाड़ी के अंदर क्षमता से बहुत ज्यादा बच्चे बैठा कर स्कूल जा रहे हैं. कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) कहता है कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जरूरी है. लेकिन इन सूरत-ए-हाल में सामाजिक दूरी की संभावना सिफर नजर आती है.

Coronavirus Unlock के बाद खुले स्कूल

पढ़ें-राजस्थान में खुले स्कूल: बच्चों के चेहरों पर दिखी खुशी... तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर किया गया स्वागत

इसी तरह स्कूल बच्चों को छोड़ने के लिए जब परिजन आ रहे हैं, तो वे बिना मास्क (No Mask) के नजर आए. सवाल उठता है तो क्या घर पर बच्चों को संक्रमण की संभावना नहीं होगी? यही नहीं कुछ स्कूल के मुख्य द्वार पर छात्रों पर सख्ती बरतने वाले, छात्रों के हाथ सैनिटाइज कराने वाले स्कूली कर्मचारी खुद मास्क के बिना दिखे.

वहीं अभिभावकों की माने तो अपने बच्चों को कोरोना काल के बीच स्कूल भेजने में डर तो लगता है लेकिन उनका भविष्य खराब ना हो इसलिए स्कूल भेजना भी जरूरी है. लेकिन स्कूल प्रशासन को कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की भी अपील करते हैं.

जिम्मेदार विभाग के क्या प्रयास !

स्कूली वाहनों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग आगे आकर काम कर सकता है. क्षमता से ज्यादा जिन वाहनों में बच्चों को बैठाया जा रहा है, उन वाहनों पर सख्ती बरतने से सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की पालना हो सकती है. यहां ये भी सवाल उठता है कि जब स्कूलों में शत-प्रतिशत क्षमता के साथ बच्चों की अटेंडस जरूरी है तो उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना आखिर कैसे होगी? इसे लेकर शिक्षा महकमे को भी गाइडलाइन के साथ सख्ती से पालना पर काम करने की जरूरत होगी.

जिम्मेदारी सरकार की भी है. जिसे विजिलेंस टीम बनाकर वक्त-वक्त पर इन स्कूलों का औचक निरीक्षण कराना चाहिए ताकि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले और लापरवाही बरतने वाले स्कूल संचालकों को सबक मिल सके.

शादी समारोह पर भी पाबंदी जरूरी

जयपुर के एक निजी स्कूल में मंगलवार को दो भाई-बहन कोरोना संक्रमित पाए गए उनके माता-पिता बीते दिनों एक शादी समारोह से लौटे थे. ऐसे में संभावना है कि उन्हें ये संक्रमण ऐसे ही किसी कार्यक्रम से मिला होगा. जाहिर है कि अब पाबंदियों को हटाकर शादियों के आयोजन के लिए सरकार की मंजूरी हो चुकी है. अभिभावक सहमें हैं और इन परिस्थितियों के बीच पूछते हैं कि क्या इन हालात में सरकार के फैसले को सही ठहराया जा सकता है?

उधर, सामाजिक कार्यक्रमों में पाबंदियां हट गई है और जयपुर (Jaipur) में शादियों का दौर शुरू हो चुका है, तो क्या भीड़-भाड़ में जाने के बाद सम्भावित संक्रमित बच्चों के स्कूल आने से बड़ी तादाद में बच्चों के बीच संक्रमण फैलने की आशंका नहीं होगी, ये तमाम सवाल फिलहाल सरकारी फैसले पर अंगुलियां उठा रहे हैं.

जयपुर. 17 नवंबर की सुबह ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने जयपुर (Jaipur) की सड़कों पर चलने वाले स्कूली वाहनों (School Vehicles) और विभिन्न स्कूलों के एंट्री गेट (Entry gates) पर जायजा लिया. जिसमें लापरवाही की तस्वीरें सामने आई. कोरोना गाइड लाइन (Corona Guidelines) की खुलेआम धज्जियां उड़ती दिखीं.

स्कूली छात्रों को लाने-ले जाने वाले ऑटो-टेम्पो की क्षमता 5 से लेकर 8 बच्चों तक की होती है, लेकिन स्कूल जाते कई वाहनों पर रखे स्कूली बैग इस बात का इशारा करते दिखे कि गाड़ी के अंदर क्षमता से बहुत ज्यादा बच्चे बैठा कर स्कूल जा रहे हैं. कोविड प्रोटोकॉल (Covid Protocol) कहता है कि सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जरूरी है. लेकिन इन सूरत-ए-हाल में सामाजिक दूरी की संभावना सिफर नजर आती है.

Coronavirus Unlock के बाद खुले स्कूल

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इसी तरह स्कूल बच्चों को छोड़ने के लिए जब परिजन आ रहे हैं, तो वे बिना मास्क (No Mask) के नजर आए. सवाल उठता है तो क्या घर पर बच्चों को संक्रमण की संभावना नहीं होगी? यही नहीं कुछ स्कूल के मुख्य द्वार पर छात्रों पर सख्ती बरतने वाले, छात्रों के हाथ सैनिटाइज कराने वाले स्कूली कर्मचारी खुद मास्क के बिना दिखे.

वहीं अभिभावकों की माने तो अपने बच्चों को कोरोना काल के बीच स्कूल भेजने में डर तो लगता है लेकिन उनका भविष्य खराब ना हो इसलिए स्कूल भेजना भी जरूरी है. लेकिन स्कूल प्रशासन को कोरोना गाइडलाइन फॉलो करने की भी अपील करते हैं.

जिम्मेदार विभाग के क्या प्रयास !

स्कूली वाहनों में कोविड प्रोटोकॉल की पालना को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग आगे आकर काम कर सकता है. क्षमता से ज्यादा जिन वाहनों में बच्चों को बैठाया जा रहा है, उन वाहनों पर सख्ती बरतने से सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की पालना हो सकती है. यहां ये भी सवाल उठता है कि जब स्कूलों में शत-प्रतिशत क्षमता के साथ बच्चों की अटेंडस जरूरी है तो उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना आखिर कैसे होगी? इसे लेकर शिक्षा महकमे को भी गाइडलाइन के साथ सख्ती से पालना पर काम करने की जरूरत होगी.

जिम्मेदारी सरकार की भी है. जिसे विजिलेंस टीम बनाकर वक्त-वक्त पर इन स्कूलों का औचक निरीक्षण कराना चाहिए ताकि बच्चों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले और लापरवाही बरतने वाले स्कूल संचालकों को सबक मिल सके.

शादी समारोह पर भी पाबंदी जरूरी

जयपुर के एक निजी स्कूल में मंगलवार को दो भाई-बहन कोरोना संक्रमित पाए गए उनके माता-पिता बीते दिनों एक शादी समारोह से लौटे थे. ऐसे में संभावना है कि उन्हें ये संक्रमण ऐसे ही किसी कार्यक्रम से मिला होगा. जाहिर है कि अब पाबंदियों को हटाकर शादियों के आयोजन के लिए सरकार की मंजूरी हो चुकी है. अभिभावक सहमें हैं और इन परिस्थितियों के बीच पूछते हैं कि क्या इन हालात में सरकार के फैसले को सही ठहराया जा सकता है?

उधर, सामाजिक कार्यक्रमों में पाबंदियां हट गई है और जयपुर (Jaipur) में शादियों का दौर शुरू हो चुका है, तो क्या भीड़-भाड़ में जाने के बाद सम्भावित संक्रमित बच्चों के स्कूल आने से बड़ी तादाद में बच्चों के बीच संक्रमण फैलने की आशंका नहीं होगी, ये तमाम सवाल फिलहाल सरकारी फैसले पर अंगुलियां उठा रहे हैं.

Last Updated : Nov 17, 2021, 12:32 PM IST
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