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Real estate and retail businessmen on Budget: गहलोत सरकार के बजट में निकाय और पंचायतों के प्रतिनिधियों को सौगात, रियल एस्टेट सेक्टर संतुष्ट नहीं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के बजट में जमीनी स्तर पर सभी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ आम आदमी के सुख-दुःख का ध्यान रखने में नगरीय निकायों और पंचायतराज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका बताई. साथ ही इनके मानदेय/भत्तों में वृद्धि की घोषणा की. हालांकि रियल एस्टेट (Real estate sector on state budget 2022) और खुदरा व्यापारी बजट से संतुष्ट नजर नहीं आए.

Real estate and retail businessmen on Budget
बजट से रियल एस्टेट सेक्टर संतुष्ट नहीं
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Published : Feb 23, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 11:39 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों को भी इस बजट में खुश करने की कोशिश की है. सीएम ने अपने बजट भाषण में प्रदेश में जमीनी स्तर पर सभी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ आम आदमी के सुख-दुःख का ध्यान रखने में नगरीय निकायों और पंचायतराज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका बताई. साथ ही उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में आसानी हो, इस दृष्टि से इनके मानदेय/भत्तों में आगामी वर्ष से 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की. हालांकि इस बजट से रियल एस्टेट सेक्टर और खुदरा व्यापारी (Retail businessmen not happy with Budget) संतुष्ट नजर नहीं आए. हालांकि सरकार ने मकान और प्लाट खरीदने वालों को राहत देते हुए स्टाम्प ड्यूटी में 1 प्रतिशत की छूट दी है. वहीं, बुजुर्गों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर ​रजिस्ट्री चार्ज में भी छूट दी गई है.

स्टांप ड्यूटी और रियल एस्टेट को लेकर बजट के मुख्य बिंदु :

  • वेयर हाऊस के लिए भूमियों की DLC दरें वाणिज्यिक से घटाकर औद्योगिक दरों के समान और कृषि आधारित उद्योगों की भूमियों की DLC दरें कृषि की दो गुणा से घटाकर डेढ़ गुणा के बराबर किया जाना प्रस्तावित.
  • रीको क्षेत्रों में स्थित वेयर हाऊस की भूमि का आवंटन वर्तमान में औद्यागिक दरों के डेढ़ गुणा पर किया जाता है. इसे घटाकर औद्योगिक दरों के समान किये जाने की घोषणा.
  • बहुमंजिला भवनों में आवासीय इकाईयों के दोबारा विक्रय पर स्टाम्प ड्यूटी में पहले ही रियायत प्रदान की हुई है.
  • जनता को राहत देने के लिए राजस्थान स्टाम्प अधिनियम में लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के अनुरूप संशोधन कर रिवीजन के लिए निर्धारित समय सीमा के बाद भी रिवीजन स्वीकार करने की सुविधा दिया जाना प्रस्तावित.
  • आगामी वर्ष से स्टाम्प ड्यूटी एमनेस्टी योजना-2022 लागू किये जाने की घोषणा. इसकी अवधि 30 सितम्बर, 2022 तक होगी. इस योजना में ब्याज और पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट के साथ बकाया स्टाम्प ड्यूटी में भी 50 प्रतिशत तक छूट दिया जाना प्रस्तावित है. साथ ही ऑडिट या निरीक्षण में किसी दस्तावेज पर निकाली गई बकाया स्टाम्प ड्यूटी, प्रथम डिमांड नोटिस की तारीख से एक माह की अवधि में जमा कराने पर पक्षकारों को एक Permanent Amnesty के रूप में ब्याज और पैनल्टी की पूरी छूट प्रदान किया जाना प्रस्तावित है.
    गहलोत सरकार के बजट से रियल एस्टेट सेक्टर संतुष्ट नहीं

रियल एस्टेट :

- बड़े क्षेत्रफल के प्रोजेक्ट्स की लागत को कम करके इस उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आवासीय और वाणिज्यिक भूखण्डों के मूल्यांकन (DLC) में दी गई रियायत :

  • 1 हजार वर्गमीटर से 2 हजार वर्गमीटर तक 5 प्रतिशत
  • 2 हजार वर्गमीटर से अधिक किन्तु 3 हजार वर्गमीटर तक 10 प्रतिशत
  • 3 हजार वर्गमीटर से अधिक पर 15 प्रतिशत
  • पिछले बजट में मल्टीस्टोरी भवनों में 50 लाख रुपए तक के फ्लेट्स की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 2 प्रतिशत की छूट दी गई थी. आम जनता की मांग पर इस छूट को 1 वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक किये जाने की घोषणा.

रियल एस्टेट बिल्डर और डेवलपर मनमोहन अग्रवाल ने बजट को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस बजट में उम्मीद से बहुत कम मिला है. पूर्व में जो स्टाम्प ड्यूटी चल रही थी, उसे 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया है. लेकिन रजिस्ट्री की दरों में कमी को लेकर जो उम्मीद थी, उस पर राज्य सरकार खरी नहीं उतरी. उदाहरण के लिए एक एलआईजी का फ्लैट यदि 10 लाख रुपए का है तो इस पर 36 हजार तक स्टांप ड्यूटी लग जाती है और यदि सरकार घोषणा करती कि 50 से 100 रुपए तय करती, तो स्टांप ड्यूटी 12 हजार रह जाती, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. वहीं बिल्डर धीरज सोनी ने कहा कि अफॉर्डेबल हाउसिंग सेक्टर में ना तो स्टांप ड्यूटी में बेनिफिट मिला ना ही आम आदमी को किसी तरह के लोन में बेनिफिट दिया गया.

अन्य बड़ी घोषणाएं:

  • राज्य में नजूल संपत्तियों पर वर्ष 2000 पहले से काबिज अल्प आय वर्ग के रिहायशी कब्जेधारियों से प्रचलित डीएलसी या फिर आरक्षित दर, जो भी कम हो, की 25 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा कराने पर संपत्तियों के स्वामित्व हस्तांतरण के सम्बंध में नियमों में प्रावधान किया जाना.
  • कृषि भूमियों और उस पर आवासीय मकानों के विक्रय की स्थिति में कुएं और टयूबवैल का वर्तमान में मूल्यांकन जोड़कर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क लिया जाता है. ऐसे कुएं और ट्यूबवैल के मूल्य पर देय स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में पूरी तरह छूट देने की घोषणा.
  • मध्यम और निम्न आय वर्ग का स्वयं के आवास का सपना पूरा करने के लिए 100 वर्गगज तक के रिक्त या निर्मित आवासीय भूखण्डों पर स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दिये जाने के घोषणा.
  • साथ ही आमजन को स्वयं का कारोबार स्थापित करने के लिए 50 वर्गगज तक के रिक्त या निर्मित वाणिज्यिक भूखण्डों पर भी स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट देना प्रस्तावित.
  • वर्तमान में पैतृक सम्पत्ति के हकत्याग के मामले में 10 लाख रुपए तक स्टाम्प ड्यूटी 500 रुपए और उससे अधिक मूल्य की सम्पत्ति पर 5 हजार रुपए है. अब 10 लाख रुपए से अधिक मूल्य की पैतृक सम्पत्ति पर भी स्टाम्प ड्यूटी घटाकर 500 रुपए करने की घोषणा.
  • पुत्री और पुत्रवधू के पक्ष में Gift Deed के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी को पूर्णतया माफ करने की घोषणा.
  • पूर्व में पत्नि के पक्ष में Gift Deed के दस्तावेजों पर 31 मार्च, 2022 तक स्टाम्प ड्यूटी माफ की थी. इस छूट को अब स्थाई रूप से देने की घोषणा.
  • राज्य के 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों की अचल सम्पत्ति के क्रय के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने और पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने की घोषणा.
    परकोटे में मेट्रो के फेज वन के सी पार्ट की घोषणा

वहीं शहर के व्यापारी भी इस बजट से संतुष्ट नजर नहीं आए. परकोटे के पुराने दुकानदार नवनीत मित्तल ने बताया कि सरकार ने कोरोना काल में प्रभावित हुए व्यापारियों के नजरिए से बजट में कोई घोषणा नहीं की. जबकि सरकारी कर्मचारियों, किसानों, युवाओं को कुछ ना कुछ दिया है. हर वर्ग को साधने की कोशिश की है, लेकिन खुदरा व्यापारी जो कोरोना में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जो सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं, उनके बारे में सरकार ने कुछ नहीं सोचा. हालांकि चिरंजीवी योजना का बेनिफिट जरूर आम जनता को मिलेगा. लेकिन परकोटे में जो मेट्रो के फेज वन के सी पार्ट की घोषणा की है, इसका विरोध आगामी सरकार को झेलना पड़ेगा.

जयपुर. राज्य सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थानों के जनप्रतिनिधियों को भी इस बजट में खुश करने की कोशिश की है. सीएम ने अपने बजट भाषण में प्रदेश में जमीनी स्तर पर सभी सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ-साथ आम आदमी के सुख-दुःख का ध्यान रखने में नगरीय निकायों और पंचायतराज संस्थाओं के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की महती भूमिका बताई. साथ ही उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में आसानी हो, इस दृष्टि से इनके मानदेय/भत्तों में आगामी वर्ष से 20 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की. हालांकि इस बजट से रियल एस्टेट सेक्टर और खुदरा व्यापारी (Retail businessmen not happy with Budget) संतुष्ट नजर नहीं आए. हालांकि सरकार ने मकान और प्लाट खरीदने वालों को राहत देते हुए स्टाम्प ड्यूटी में 1 प्रतिशत की छूट दी है. वहीं, बुजुर्गों के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदने पर ​रजिस्ट्री चार्ज में भी छूट दी गई है.

स्टांप ड्यूटी और रियल एस्टेट को लेकर बजट के मुख्य बिंदु :

  • वेयर हाऊस के लिए भूमियों की DLC दरें वाणिज्यिक से घटाकर औद्योगिक दरों के समान और कृषि आधारित उद्योगों की भूमियों की DLC दरें कृषि की दो गुणा से घटाकर डेढ़ गुणा के बराबर किया जाना प्रस्तावित.
  • रीको क्षेत्रों में स्थित वेयर हाऊस की भूमि का आवंटन वर्तमान में औद्यागिक दरों के डेढ़ गुणा पर किया जाता है. इसे घटाकर औद्योगिक दरों के समान किये जाने की घोषणा.
  • बहुमंजिला भवनों में आवासीय इकाईयों के दोबारा विक्रय पर स्टाम्प ड्यूटी में पहले ही रियायत प्रदान की हुई है.
  • जनता को राहत देने के लिए राजस्थान स्टाम्प अधिनियम में लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के अनुरूप संशोधन कर रिवीजन के लिए निर्धारित समय सीमा के बाद भी रिवीजन स्वीकार करने की सुविधा दिया जाना प्रस्तावित.
  • आगामी वर्ष से स्टाम्प ड्यूटी एमनेस्टी योजना-2022 लागू किये जाने की घोषणा. इसकी अवधि 30 सितम्बर, 2022 तक होगी. इस योजना में ब्याज और पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट के साथ बकाया स्टाम्प ड्यूटी में भी 50 प्रतिशत तक छूट दिया जाना प्रस्तावित है. साथ ही ऑडिट या निरीक्षण में किसी दस्तावेज पर निकाली गई बकाया स्टाम्प ड्यूटी, प्रथम डिमांड नोटिस की तारीख से एक माह की अवधि में जमा कराने पर पक्षकारों को एक Permanent Amnesty के रूप में ब्याज और पैनल्टी की पूरी छूट प्रदान किया जाना प्रस्तावित है.
    गहलोत सरकार के बजट से रियल एस्टेट सेक्टर संतुष्ट नहीं

रियल एस्टेट :

- बड़े क्षेत्रफल के प्रोजेक्ट्स की लागत को कम करके इस उद्योग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आवासीय और वाणिज्यिक भूखण्डों के मूल्यांकन (DLC) में दी गई रियायत :

  • 1 हजार वर्गमीटर से 2 हजार वर्गमीटर तक 5 प्रतिशत
  • 2 हजार वर्गमीटर से अधिक किन्तु 3 हजार वर्गमीटर तक 10 प्रतिशत
  • 3 हजार वर्गमीटर से अधिक पर 15 प्रतिशत
  • पिछले बजट में मल्टीस्टोरी भवनों में 50 लाख रुपए तक के फ्लेट्स की खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 2 प्रतिशत की छूट दी गई थी. आम जनता की मांग पर इस छूट को 1 वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक किये जाने की घोषणा.

रियल एस्टेट बिल्डर और डेवलपर मनमोहन अग्रवाल ने बजट को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस बजट में उम्मीद से बहुत कम मिला है. पूर्व में जो स्टाम्प ड्यूटी चल रही थी, उसे 31 मार्च 2023 तक बढ़ाया है. लेकिन रजिस्ट्री की दरों में कमी को लेकर जो उम्मीद थी, उस पर राज्य सरकार खरी नहीं उतरी. उदाहरण के लिए एक एलआईजी का फ्लैट यदि 10 लाख रुपए का है तो इस पर 36 हजार तक स्टांप ड्यूटी लग जाती है और यदि सरकार घोषणा करती कि 50 से 100 रुपए तय करती, तो स्टांप ड्यूटी 12 हजार रह जाती, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. वहीं बिल्डर धीरज सोनी ने कहा कि अफॉर्डेबल हाउसिंग सेक्टर में ना तो स्टांप ड्यूटी में बेनिफिट मिला ना ही आम आदमी को किसी तरह के लोन में बेनिफिट दिया गया.

अन्य बड़ी घोषणाएं:

  • राज्य में नजूल संपत्तियों पर वर्ष 2000 पहले से काबिज अल्प आय वर्ग के रिहायशी कब्जेधारियों से प्रचलित डीएलसी या फिर आरक्षित दर, जो भी कम हो, की 25 प्रतिशत राशि एकमुश्त जमा कराने पर संपत्तियों के स्वामित्व हस्तांतरण के सम्बंध में नियमों में प्रावधान किया जाना.
  • कृषि भूमियों और उस पर आवासीय मकानों के विक्रय की स्थिति में कुएं और टयूबवैल का वर्तमान में मूल्यांकन जोड़कर स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क लिया जाता है. ऐसे कुएं और ट्यूबवैल के मूल्य पर देय स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क में पूरी तरह छूट देने की घोषणा.
  • मध्यम और निम्न आय वर्ग का स्वयं के आवास का सपना पूरा करने के लिए 100 वर्गगज तक के रिक्त या निर्मित आवासीय भूखण्डों पर स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट दिये जाने के घोषणा.
  • साथ ही आमजन को स्वयं का कारोबार स्थापित करने के लिए 50 वर्गगज तक के रिक्त या निर्मित वाणिज्यिक भूखण्डों पर भी स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिशत की छूट देना प्रस्तावित.
  • वर्तमान में पैतृक सम्पत्ति के हकत्याग के मामले में 10 लाख रुपए तक स्टाम्प ड्यूटी 500 रुपए और उससे अधिक मूल्य की सम्पत्ति पर 5 हजार रुपए है. अब 10 लाख रुपए से अधिक मूल्य की पैतृक सम्पत्ति पर भी स्टाम्प ड्यूटी घटाकर 500 रुपए करने की घोषणा.
  • पुत्री और पुत्रवधू के पक्ष में Gift Deed के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी को पूर्णतया माफ करने की घोषणा.
  • पूर्व में पत्नि के पक्ष में Gift Deed के दस्तावेजों पर 31 मार्च, 2022 तक स्टाम्प ड्यूटी माफ की थी. इस छूट को अब स्थाई रूप से देने की घोषणा.
  • राज्य के 60 वर्ष से अधिक उम्र के वृद्धजनों की अचल सम्पत्ति के क्रय के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने और पंजीयन शुल्क 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने की घोषणा.
    परकोटे में मेट्रो के फेज वन के सी पार्ट की घोषणा

वहीं शहर के व्यापारी भी इस बजट से संतुष्ट नजर नहीं आए. परकोटे के पुराने दुकानदार नवनीत मित्तल ने बताया कि सरकार ने कोरोना काल में प्रभावित हुए व्यापारियों के नजरिए से बजट में कोई घोषणा नहीं की. जबकि सरकारी कर्मचारियों, किसानों, युवाओं को कुछ ना कुछ दिया है. हर वर्ग को साधने की कोशिश की है, लेकिन खुदरा व्यापारी जो कोरोना में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए, जो सबसे ज्यादा टैक्स देते हैं, उनके बारे में सरकार ने कुछ नहीं सोचा. हालांकि चिरंजीवी योजना का बेनिफिट जरूर आम जनता को मिलेगा. लेकिन परकोटे में जो मेट्रो के फेज वन के सी पार्ट की घोषणा की है, इसका विरोध आगामी सरकार को झेलना पड़ेगा.

Last Updated : Feb 23, 2022, 11:39 PM IST
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