जयपुर. पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय का कला इतिहास में एक बड़ा नाम रहा है. पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय को चित्रकला के क्षेत्र में राजस्थान से पहली बार 1984 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. राजधानी जयपुर में आमेर रोड स्थित आईसीए गैलरी में शनिवार को पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की एकल प्रदर्शनी का आगाज (Ram Gopal Vijayvargiya Photo exhibition) हुआ. प्रदर्शनी में पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय की 43 पेंटिंग्स प्रदर्शित की जा रही हैं.
पदमश्री रामगोपाल विजयवर्गीय ने पूरा जीवन कला को समर्पित किया: पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन कला जगत में वह आज भी जीवित है. पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय के देवलोकगमन उपरांत ऐसा राजस्थान के इतिहास में पहली बार हो रहा हैं कि उनके बनाए गए 43 चित्र एक साथ आईसीए गैलरी में देखने को मिलेंगे. रामगोपाल विजयवर्गीय ने अपना जीवन कला को समर्पित कर दिया था. उन्होंने अपने समय के जानेमाने कलाकारों के साथ काोम किया. जिनमें से कुछ नाम हैं, नंदलाल बोस, अवनींद्र नाथ टैगोर हैं.
रामगोपाल विजयवर्गीय ने अपने जीवन में बहुत से ग्रंथों पर चित्र बनाए थे. गीत गोविन्द, रामायण पर उनका जो सबसे चर्चित विषय रहा वो "मेघदूत" रहा है. मेघदूत कालिदास रचित एक दूतकाव्य है, जिसमें यक्ष और यक्षिणी की प्रेम कहानी है. इसे वे मेघों को अपना दूत बनाके संदेश भेजा करते थे. विजयवर्गीय के चित्रों ने इन पात्रों को जीवंत कर दिया और इनकी सुंदरता देखते ही बनती हैं, इसीलिए इस प्रदर्शनी का शीर्षक भी "मेघदूत" दिया है.
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रामगोपाल विजयवर्गीय अपनी कला से साथ कविता लिखते थे: पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय एक बेहतरीन कलाकार के साथ साथ बहुत ही उम्दा कवि भी थे. वह अक्सर अपने चित्रों साथ दो पंक्ति की कविता लिखा करते थे और इसके साथ-साथ उनके काफी काव्य संग्रह भी छपे हैं. गैलरी निर्देशक वीजेंद्र बंसल ने बताया कि उनके पिता राधामोहन बंसल, जो अपने समय के बहुत बड़े आर्ट डीलर थे और जयपुर में कला के क्षेत्र में खास पहचान रखी है. पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय के साथ उनके पारिवारिक सम्बन्ध रहे हैं.
गैलरी निदेशक विजयवर्गीय पर जल्द निकालेंगे किताब: वीजेंद्र ने बताया कि वो विजयवर्गीय को "बड़े बाऊजी" बुलाया करते थे और आज जो भी वो कला के क्षेत्र में कर रहे है, सब उन्हीं के आशीर्वाद और उनकी दी हुई सीख से कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी को लगाने का उद्देश्य यही है कि हमें बड़े बाऊजी के नाम को और प्रसिद्धि दिलानी है. हमारा सौभाग्य है कि इस पूरी प्रदर्शनी को लगाने में हमारा साथ उन्हीं के घर के सदस्य, उनके भतीजे शंकर विजयवर्गीय ने दिया. जल्द ही वो विजयवर्गीय के ऊपर एक किताब भी निकालेंगे.
उन्होंने बताया कि यह प्रदर्शनी 7 अक्टूबर तक चलेगी. प्रदर्शनी का समय 11 से 8 बजे तक होगा. प्रदर्शनी का उद्घाटन संस्कृत अकादमी अध्यक्ष डॉ. सरोज कोचर ने किया. साथ ही शहर के जाने माने लोग नवरत्न सर्राफ, सुधीर कासलीवाल, सांती चौधरी, पद्मश्री शाकिर अली, विध्यासागर उपाध्याय, विनय शर्मा भी मौजूद रहे.