जयपुर. केंद्र सरकार ने अनलॉक-5 के तहत भले ही सिनेमाघरों को कोरोना गाइडलाइंस के साथ अनलॉक करने की अनुमति दे दी हो लेकिन राजस्थान में अभी भी सिनेमाघर लॉक ही हैं. क्योंकि राज्य सरकार ने सिनेमाघरों को खोलने के लिए अभी किसी तरह की कोई भी गाइडलाइंस जारी नहीं की है. जिसके चलते हैरान परेशान सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स मालिकों ने राज्य सरकार से गुहार लगाई है कि अब उनकी ओर भी ध्यान दिया जाएं.
अक्सर जहां नई फिल्मों को लेकर सिनेमाघरों में क्रेज रहता था वहां अब वीरानी छाई हुई है. पहले जहां टिकट विंडो पर 'शो हाउसफुल' का बोर्ड लगता था वहां अब 'टिकिट विंडो ऑफ' की तख्तियां टंगी है. यही हाल पिछले 7 माह से राजस्थान के हर एक सिनेमाघर का है लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं. जिसके चलते सिनेमाघर संचालक से लेकर वहां काम करने वाले कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे है. हालात इस कदर खराब है कि उधारी के पैसों से घर खर्च चलाने को मजबूर है. इन सबकी एक ही मांग है कि राज्य सरकार जल्द सिनेमाघरो को अब अनलॉक कर दें.
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जयपुर के मशहूर राजमंदिर सिनेमाघर में पिछले 35 सालों से स्लीपर का काम करने वाले जयकिशन भरी आंखों से कहते है कि, कोरोना काल में ऐसी मजबूरी है कि सिर्फ 8 हजार में घर खर्च चला रहे है. पहले जहां 18 हजार हर माह मेहनताना मिलता था वहां काट पीट कर सिर्फ 8000 हाथ में आते है. इसी तरह 39 साल से सिनेमाघर में सेवाएं देने वाले रामजीलाल शर्मा का कहेना है कि, पहले अच्छा खासा काम चल रहा था लेकिन कोरोना की वजह से सब कुछ डाउन हो गया. हालांकि सिनेमाहॉल बंद होने के बावजूद उनके मालिक उनको आधी सैलरी दे रहे हैं बाकी हालात बिल्कुल खराब है.
ऐसे में जब राज्य में धार्मिकस्थलों से लेकर लगभग सब कुछ खोल चुके है लेकिन फिर भी मल्टीप्लेक्स अभी बंद पड़े है. ऐसे में यदि इनको अनलॉक कर दिया जाए तो सिनेमाघरों के संचालको से लेकर कर्मचारियों और आम पब्लिक को भी मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे. काफी समय से बंद पड़े सिनेमाहॉल की खाली कुर्सियां भी पब्लिक के इंतजार में बांट जो रही है तो वही फिल्मी पर्दे भी अब धूल फांक रहे हैं. ऐसे में उनकी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गुहार है कि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी अब सिनेमाघर चालू करें जिससे उनकी बेपटरी हुई पेट की भूख पटरी पर लौट सके.
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विश्व के तीसरे सबसे बड़े सिनेमा हॉल राजमंदिर के मैनेजर अशोक तंवर का कहेना है कि, जैसे खेत में किसान अच्छी फसल के इंतजार में बारिश की बाट जोता है ठीक इसी तरह हम भी राज्य सरकार की गाइडलाइंस का इंतजार ही कर रहे है. लेकिन अफसोस राज्य सरकार सिनेमा हॉल को अनलॉक करने की जरूरत नहीं समझ रही. जबकि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकार भी गाइडलाइंस जारी कर दे तो हम बिल्कुल तैयार है, लेकिन गाइडलाइंस जारी तो करें. बंद पड़े सिनेमा के चलते कर्मचारीयों से लेकर प्रोपराइटर तक सब घाटे में जा रहे है, जिसके चलते करोड़ो का नुकसान हो चुका है. फिर भी 7 महीने बीत चुके है लेकिन उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि, पहले हर नेता पिक्चर हॉल में मूवी देखने के लिए टिकटें मांगते थे लेकिन आज उनको हमारी परवाह ही नहीं है.
फिलहाल राजस्थान में फैलते कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते राज्य सरकार ने 31 अक्टूबर तक सिनेमा हॉल दर्शकों के लिए बंद रखने का निर्णय लिया है. ऐसे में सिनेमाघरों के मालिकों को इंतजार है कि आखिरकार कब बड़ी स्क्रीन पर कोरोना का पहरा हटेगा.