जयपुर. राजस्थान में पैर पसार रहे कोरोना संक्रमण के बीच अब स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी अच्छी खबरें आई हैं. सरकार और अधिकारियों के अथक प्रयास से हर दिन चिकित्सा सुविधाओं में तेजी से सुधार हो रहा है. इसी बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर अच्छी खबर आई है. IAS आलोक रंजन के अथक प्रयासों के बाद अब राजस्थान को हर दिन 28 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलेगें. अब तक इसकी संख्या प्रतिदिन 3 हजार 600 ही थी.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड ज्यादा और आवक कम होने की वजह से इसको लेकर मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. वहीं विदेशों से ऑक्सीजन को लेकर बनी तीन आईएएस की कमेटी के प्रयास भी रंग लाने शुरू हो गए हैं. राजस्थान में शनिवार को ही रूस से 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जयपुर पहुंचे हैं. जबकि 1150 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 11 मई को आएंगे.
8 लाख 40 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन हर महीने मिलेगा
गहलोत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्थाओं के लिए अलग-अलग IAS को अलग-अलग जिम्मेदारी दी थी. जिसके बाद RMSCL एमडी आईएएस आलोक रंजन राजस्थान को मिलने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की संख्या को बढ़ाने को लेकर लगातार केंद्र सरकार से बातचीत कर रहे थे. प्रदेश में लगातार बढ़ते संक्रमण और रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड को लेकर आलोक रंजन के प्रयास अब सफल हो गए हैं. आरएमएससीएल ने राजस्थान को दिए जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन के कोटा में बढ़ोतरी कर दी है, जहां अब तक रेमडेसिविर इंजेक्शन राजस्थान को प्रतिदिन 3600 के हिसाब से मिल रहा था और सप्ताह में 26700 इंजेक्शन मिल रहे थे. वहीं अब यह प्रतिदिन 28 हजार की संख्या में मिलेंगे. राजस्थान को आरएमएससीएल अब हर महीने 8 लाख 40 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन देगी.
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कोरोना मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
जानकारों की मानें तो रेमडेसिविर इंजेक्शन की संख्या बढ़ने से कोरोना संक्रमित पीड़ितों को बड़ी राहत मिलेगी. रेमडेसिविर इंजेक्शन का मिलना इस वक्त सबसे मुश्किल है. चारों तरफ लोग गुहार लगा रहे हैं, अस्पतालों में स्टॉक खत्म हो रहा है, लोग एक एक डोज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. एक मरीज को जितनी डोज की जरूरत होती है, उससे कम डोज में किसी तरह काम चलाया जा रहा है. स्थिति ये है कि अस्पतालों के पास इंजेक्शन नहीं बचे तो लोगों को अपने हिसाब से इंजेक्शन का इंतजाम करने को कहा जा रहा है. इसी किल्लत में कालाबाजारी करने वालों को मौका मिल रहा है.
फेफड़े के इंफेक्शन से बचाता है रेमडेसिविर
कोरोना जैसी जानलेवा महामारी में रेमडेसिविर इंजेक्शन मरीजों के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है. कोरोना की वजह से फेफड़ों में इंफेक्शन होता है और फिर मरीज को निमोनिया हो जाता है. रेमडेसिविर इंजेक्शन फेफड़े के इंफेक्शन से लोगों को बचाता है. फेफड़े में इंफेक्शन के आधार पर रेमडेसिविर के इंजेक्शन दिए जाते हैं. ज्यादा गंभीर स्थिति में एक मरीज को 6 इंजेक्शन तक लगाने पड़ते हैं. यही वजह से रेमडेसिविर की भारी डिमांड है.
रूस से आए 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
राजस्थान में ऑक्सीजन की कमी के बीच विदेश से आने वाली ऑक्सीजन सप्लाई भी शुरू हो गई है. रूस से शनिवार की सुबह 3 बजे 100 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जयपुर पहुंचे हैं. 11 मई को बाकी 1150 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जयपुर पहुंचेंगे.
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गहलोत सरकार ने विदेश से ऑक्सीजन को लेकर IAS सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में कमेटी बनाई थी. जिसमें IAS डॉ. प्रीतम बी. यशवंत और आईएएस टीना डाबी को इस टीम शामिल किया गया. तीनों आईएएस की यह टीम लगातर इस प्रयास में लगी है किस तरह से ऑक्सीजन की खरीद की जा सके. इनके लिए लगातार अलग-अलग देशों से संपर्क किया जा रहा है. सूत्रों की माने इस टीम के अथक प्रयासों से रूस से 1250 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद का टेंडर हो फाइनल हो गया.
चीन और दुबई से भी मंगवाए जाएंगे कंसंट्रेटर
वहीं चीन से 10 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर भी बात काफ हद तक हो चुकी है. हालांकि फाइनल टेंडर होना बाकी है. इसी तरह से दुबई से भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगवाए जाएंगे.
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
देश में कोरोना की दूसरी लहर का भीषण कहर जारी है. ऐसे में तमाम राज्य ऑक्सीजन की किल्लत का सामना भी कर रहे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर की भी बड़े पैमाने पर कमी सामने आ रही है. इसकी जगह ऑक्सजीन कंसंट्रेटर की मांग बढ़ रही है, जिसका खास तौर पर होम आइसोलेशन में मौजूद मरीजों और ऑक्सीजन की कमी का सामने कर रहे अस्पतालों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह कैसे काम करता है ?
ऑक्सजीन कंसंट्रेटर एक मेडिकल डिवाइस है, जो आसपास की हवा से ऑक्सीजन को एक साथ इकट्ठा करता है. पर्यावरण की हवा में 78 फीसदी नाइट्रोजन और 21 फीसदी ऑक्सीजन गैस होती है. दूसरी गैस बाकी 1 फीसदी हैं. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इस हवा को अंदर लेता है, उसे फिल्टर करता है, नाइट्रोजन को वापस हवा में छोड़ देता है और बाकी बची ऑक्सीजन मरीजों को उपलब्ध कराता है.