जयपुर: स्थायीकरण और वेतन नियमितिकरण को लेकर बुधवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और रजिस्ट्रार के बीच हुई हाथापाई और धक्का-मुक्की का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस प्रकरण में गुरुवार को दो शिक्षकों निलंबित कर दिया गया. विश्वविद्यालय ने गुरुवार को आदेश जारी कर डॉ. जयंत सिंह और डॉ. विनोद शर्मा पर यह कार्रवाई की है.
दूसरी तरफ इस कार्रवाई से शिक्षकों में आक्रोश फैल गया और वे कुलपति आवास के बाहर धरने पर बैठ गए. घटना के संबंध में चीफ प्रोक्टर डॉ. एच.एस. पलसानियां ने गांधी नगर थाने में प्रदर्शन करने वाले 6 से अधिक शिक्षकों सहित करीब 150 के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षकों ने कुलसचिव के साथ धक्का-मुक्की की और उनकों और कुलपति को सिंडीकेट में जाने से रोका गया. विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने इस कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए दुर्भाग्य पूर्ण बताया है.
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रूटा अध्यक्ष डॉ. राहुल चौधरी ने इस पूरी घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस समय कारोना महामारी के दौर में आर्थिक और मानसिक असुरक्षा चरम पर है. ऐसे में 2018 में नियुक्त हुए शिक्षकों का स्थायीकरण अविलंब रूप से किया जाना चाहिए. विश्वविद्यालय द्वारा डॉ. जयंत सिंह और डॉ. विनोद शर्मा को अध्यादेश 357 सी के तहत आगामी आदेश तक निलंबित कर दिया गया. जिससे शिक्षकों में आक्रोश का माहौल है.