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पर्यटन को नई उड़ान: 1187 करोड़ की लागत से Tourism Circuit के जरिए राजस्थान पर्यटन का होगा कायाकल्प - राजस्थान

पिछली भाजपा सरकार ने केंद्र से 5 टूरिज्म सर्किट (Tourism Circuit) मंजूर कराए थे. कोरोना के चलते टूरिज्म सर्किट योजना पर काम नहीं हो सका है. अब गहलोत सरकार (Gehlot Government) के प्रस्तावित 4 सर्किट को भी इस साल के आखिर तक मंजूरी मिल जाएगी. 1187 करोड़ की लागत से टूरिज्म सर्किट के जरिए राजस्थान में पर्यटन की दिशा और दशा बदलने वाली है.

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राजस्थान पर्यटन का होगा कायाकल्प
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Published : Jul 26, 2021, 4:20 PM IST

जयपुर: राजस्थान ने केंद्र को 3 साल पहले 4 टूरिज्म सर्किट के प्रस्ताव भेजे थे, जिन्हें केंद्र ने मंजूर कर लिया था. सबसे पहले स्वदेश दर्शन योजना के तहत सांभर में साल्ट टूरिज्म (Salt Tourism)का 64 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ. इसके बाद अजमेर-पुष्कर में 40 करोड़ का प्रोजेक्ट प्रसाद योजना में मंजूर किया गया. 91 करोड़ का कृष्णा सर्किट और 95 करोड़ का स्प्रिचुअल सर्किट मंजूर हुआ. इसके बाद 100 करोड़ का हेरिटेज सर्किट मंजूर किया गया.

अब राज्य ने केंद्र को 438 करोड़ का Religious Circuit, सौ-सौ करोड़ के मेगा डेजर्ट इको टूरिज्म और ट्राइबल सर्किट के प्रस्ताव दोबारा भेजे हैं. केंद्र की टीम ने सैद्धांतिक तौर पर इसे मंजूर कर लिया है. माना जा रहा है कि कोरोना कि तीसरी लहर नहीं आई तो इस साल के अंत तक इनके लिए 738 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल जाएगी. यानी केंद्र से मिली राशि के बाद अब राज्य में 1178 करोड़ की लागत से तमाम टूरिज्म सर्किट का विकास होगा. खासकर यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ ही पर्यटकों को उम्मीद से ज्यादा देखने को मिलेगा. ऐसे में अगले 2 साल में राजस्थान देश में अव्वल पर्यटन राज्य बन सकता है.

पढ़ें: दुनिया के 100 शहरों में जयपुर शामिल, नाइट और स्काई टूरिज़्म के कारण टाइम्स मैगजीन ने सूची में दी जगह

प्रस्तावित राशि

रिलिजियस सर्किट (Religious Circuit)- 438 करोड़

मेगा डेजर्ट सर्किट (Mega Desert Circuit)-100 करोड़

ट्राइबल सर्किट (Tribal Circuit)-100 करोड़

इको टूरिज्म सर्किट (Eco Tourism Circuit)-100 करोड़

मेवाड़ सर्किट (Mewar Circuit)- प्रस्तावित

मारवाड़ सर्किट (Marwar Circuit)-प्रस्तावित

मंजूर हो चुकी राशि

हेरिटेज सर्किट (Heritage Circuit)-100 करोड़

स्प्रिचुअल सर्किट (Spiritual Circuit)-95 करोड़

कृष्णा सर्किट (Krishna Circuit)-91 करोड़

सांभर टूरिज्म प्रोजेक्ट (Sambhar Tourism Project)-64 करोड़

अजमेर पुष्कर प्रोजेक्ट (Ajmer Pushkar Project)-40 करोड़

पढ़ें: म्हारे देस में सैर सपाटा : राजस्थान में 16 जून से खुले पर्यटन स्थल...अब तक 50 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचे

दरअसल पिछली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद की बैठक में प्रदेश की जल पुरासंपदा को दुनिया के सामने लाने के लिए पर्यटन सर्किट के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद से ही तमाम सर्किट का खाका तैयार किया गया है. प्रदेश में सरकार बदलने और गहलोत सरकार के काबिज होने के बाद पर्यटन के तौर-तरीके बदले हैं. विभाग ने नए सिरे से प्रस्ताव केंद्र को भेजे हैं. इन सर्किट में नदी, झील, मंदिर अन्य धार्मिक स्थल, पुरास्मारक गांव, हस्तशिल्प, व्यंजन, किले, महल, बावड़ी सहित मेले और उत्सवों तक को शामिल किया गया है. मेवाड़ और मारवाड़ सर्किट के भी प्रस्ताव केंद्र को भेजे हैं. सांभर और अजमेर पुष्कर प्रोजेक्ट पर काम भी पूरा हो चुका है.

केंद्र की मोदी सरकार ने राजस्थान को मोस्ट फेवरेट डेस्टिनेशन के तौर पर चुना था. लेकिन कोरोना के चलते पर्यटन विकास की योजनाएं रूक गईं थीं. अब स्थिति सामान्य है, इसलिए राजस्थान को देश के अव्वल पर्यटन प्रदेश के तौर पर विकसित किया जाएगा.

जयपुर: राजस्थान ने केंद्र को 3 साल पहले 4 टूरिज्म सर्किट के प्रस्ताव भेजे थे, जिन्हें केंद्र ने मंजूर कर लिया था. सबसे पहले स्वदेश दर्शन योजना के तहत सांभर में साल्ट टूरिज्म (Salt Tourism)का 64 करोड़ का प्रोजेक्ट मंजूर हुआ. इसके बाद अजमेर-पुष्कर में 40 करोड़ का प्रोजेक्ट प्रसाद योजना में मंजूर किया गया. 91 करोड़ का कृष्णा सर्किट और 95 करोड़ का स्प्रिचुअल सर्किट मंजूर हुआ. इसके बाद 100 करोड़ का हेरिटेज सर्किट मंजूर किया गया.

अब राज्य ने केंद्र को 438 करोड़ का Religious Circuit, सौ-सौ करोड़ के मेगा डेजर्ट इको टूरिज्म और ट्राइबल सर्किट के प्रस्ताव दोबारा भेजे हैं. केंद्र की टीम ने सैद्धांतिक तौर पर इसे मंजूर कर लिया है. माना जा रहा है कि कोरोना कि तीसरी लहर नहीं आई तो इस साल के अंत तक इनके लिए 738 करोड़ रुपए की मंजूरी मिल जाएगी. यानी केंद्र से मिली राशि के बाद अब राज्य में 1178 करोड़ की लागत से तमाम टूरिज्म सर्किट का विकास होगा. खासकर यहां आधुनिक सुविधाओं के साथ ही पर्यटकों को उम्मीद से ज्यादा देखने को मिलेगा. ऐसे में अगले 2 साल में राजस्थान देश में अव्वल पर्यटन राज्य बन सकता है.

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प्रस्तावित राशि

रिलिजियस सर्किट (Religious Circuit)- 438 करोड़

मेगा डेजर्ट सर्किट (Mega Desert Circuit)-100 करोड़

ट्राइबल सर्किट (Tribal Circuit)-100 करोड़

इको टूरिज्म सर्किट (Eco Tourism Circuit)-100 करोड़

मेवाड़ सर्किट (Mewar Circuit)- प्रस्तावित

मारवाड़ सर्किट (Marwar Circuit)-प्रस्तावित

मंजूर हो चुकी राशि

हेरिटेज सर्किट (Heritage Circuit)-100 करोड़

स्प्रिचुअल सर्किट (Spiritual Circuit)-95 करोड़

कृष्णा सर्किट (Krishna Circuit)-91 करोड़

सांभर टूरिज्म प्रोजेक्ट (Sambhar Tourism Project)-64 करोड़

अजमेर पुष्कर प्रोजेक्ट (Ajmer Pushkar Project)-40 करोड़

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दरअसल पिछली भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद की बैठक में प्रदेश की जल पुरासंपदा को दुनिया के सामने लाने के लिए पर्यटन सर्किट के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद से ही तमाम सर्किट का खाका तैयार किया गया है. प्रदेश में सरकार बदलने और गहलोत सरकार के काबिज होने के बाद पर्यटन के तौर-तरीके बदले हैं. विभाग ने नए सिरे से प्रस्ताव केंद्र को भेजे हैं. इन सर्किट में नदी, झील, मंदिर अन्य धार्मिक स्थल, पुरास्मारक गांव, हस्तशिल्प, व्यंजन, किले, महल, बावड़ी सहित मेले और उत्सवों तक को शामिल किया गया है. मेवाड़ और मारवाड़ सर्किट के भी प्रस्ताव केंद्र को भेजे हैं. सांभर और अजमेर पुष्कर प्रोजेक्ट पर काम भी पूरा हो चुका है.

केंद्र की मोदी सरकार ने राजस्थान को मोस्ट फेवरेट डेस्टिनेशन के तौर पर चुना था. लेकिन कोरोना के चलते पर्यटन विकास की योजनाएं रूक गईं थीं. अब स्थिति सामान्य है, इसलिए राजस्थान को देश के अव्वल पर्यटन प्रदेश के तौर पर विकसित किया जाएगा.

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