जयपुर. राज्य सरकार विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में ऑडियो टेप से जुड़े प्रकरण में बैकफुट पर आ गई है. सरकार ने मामले को अब राजद्रोह का ना मानकर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मान लिया है.
राज्य सरकार की ओर से मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि मामले में किए गए अनुसंधान के तहत SOG में दर्ज तीनों FIR संख्या 47, 48 और 49 में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 a के तहत राजद्रोह का मामला बनना साबित नहीं हो रहा है. प्रकरण में आरोपियों पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 और 9 के तहत प्रथम दृष्टया अपराध बनना साबित है. ऐसे में प्रकरण की पत्रावली को एसीबी कोर्ट में भेजा जाए.
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गौरतलब है कि एसओजी ने कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर अशोक सिंह, भरत मालानी और संजय जैन को गिरफ्तार किया था. वहीं विधायक भंवरलाल के लिए एसओजी ने कई जगह दबिश दी है.