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मानव अधिकार आयोग ने साढ़े 3 साल पुरानी आगजनी की घटना का लिया संज्ञान, कलेक्टर-निगम आयुक्त से 5 जुलाई तक मांगा स्पष्टीकरण

राजस्थान मानव अधिकार आयोग (Rajasthan State Human Rights Commission ने साढ़े 3 साल पुरानी आगजनी की घटना में संज्ञान लिया है. जिसमें आयोग के अध्यक्ष जीके व्यास (GK Vyas) ने जयपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त से 5 जुलाई तक स्पष्टीकरण मांगा है.

Rajasthan State Human Rights Commission, GK Vyas
राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग
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Published : Jun 28, 2021, 7:31 PM IST

जयपुर. राजधानी के विद्याधर नगर इलाके में 13 जनवरी 2018 में आगजनी घटना हुई थी. इस घटना पर राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. जिसमें आयोग ने जयपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को आगामी 5 जुलाई को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट और स्पष्टीकरण के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.

विद्याधर नगर इलाके में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी. जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में जो जनहानि हुई थी, उसमें मृतक के परिजनों को कितना मुआवजा दिलाया जाए, इस संबंध में आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन उस समय जिला कलेक्टर जयपुर को नगर निगम आयुक्त ने किसी प्रकार की स्थिति स्पष्ट नहीं की थी. आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि इस आगजनी की घटना के दौरान जयपुर कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम का टेलीफोन बिल नहीं भरे जाने के कारण घटना से पूर्व ही फोन कटा हुआ था. ऐसे में प्रशासन को हादसे की जानकारी नहीं मिल पाई. जिसके बाद मीडिया में आपदा प्रबंधन विभाग भी बेखबर हैं, यह घटना सुर्खियां बनी थी.

यह भी पढ़ें. निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर को HC से बड़ा झटका, याचिका खारिज कर सरकार को दिए ये आदेश

इसी मामले में राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने जयपुर जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया है. जिसमें उन्होंने 5 जुलाई 2021 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर वह अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. साथ में यह भी स्पष्ट कर दिया कि दोनों अधिकारी यदि उपस्थित नहीं होते हैं तो यह प्रकरण उच्च न्यायालय में निवेदन के साथ प्रेषित कर दिया जाएगा. इस प्रकरण को जनहित याचिका मानते हुए आवश्यक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

जयपुर. राजधानी के विद्याधर नगर इलाके में 13 जनवरी 2018 में आगजनी घटना हुई थी. इस घटना पर राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. जिसमें आयोग ने जयपुर कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को आगामी 5 जुलाई को मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट और स्पष्टीकरण के साथ उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.

विद्याधर नगर इलाके में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी. जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में जो जनहानि हुई थी, उसमें मृतक के परिजनों को कितना मुआवजा दिलाया जाए, इस संबंध में आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा था. लेकिन उस समय जिला कलेक्टर जयपुर को नगर निगम आयुक्त ने किसी प्रकार की स्थिति स्पष्ट नहीं की थी. आयोग की ओर से जारी विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि इस आगजनी की घटना के दौरान जयपुर कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम का टेलीफोन बिल नहीं भरे जाने के कारण घटना से पूर्व ही फोन कटा हुआ था. ऐसे में प्रशासन को हादसे की जानकारी नहीं मिल पाई. जिसके बाद मीडिया में आपदा प्रबंधन विभाग भी बेखबर हैं, यह घटना सुर्खियां बनी थी.

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इसी मामले में राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने जयपुर जिला कलेक्टर और नगर निगम आयुक्त को आदेश दिया है. जिसमें उन्होंने 5 जुलाई 2021 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर वह अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें. साथ में यह भी स्पष्ट कर दिया कि दोनों अधिकारी यदि उपस्थित नहीं होते हैं तो यह प्रकरण उच्च न्यायालय में निवेदन के साथ प्रेषित कर दिया जाएगा. इस प्रकरण को जनहित याचिका मानते हुए आवश्यक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी.

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