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राजस्थान हाउसिंग बोर्ड का फैसला, भूखण्डधारी 30 नवंबर तक करें आवेदन नहीं तो आवंटन होगा निरस्त - jaipur news

राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण स्वीकृति मिलने के बाद भी निर्माण नहीं करने वालों के आंवटन निरस्त किए जाएंगे. जिनके प्लाट आवंटन को 2 साल से ज्यादा समय हो गया वो सब इसके दायरे में आएंगे. फिलहाल भूखंड धारियों को 30 नवंबर का समय और दिया गया है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
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Published : Sep 23, 2019, 8:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं करने वालों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे. इसमें वो भूखंडधारी शामिल हैं जिनके, प्लाट आवंटन को 2 साल से ज्यादा समय हो गया और उन्होंने अभी तक निर्माण स्वीकृति नहीं ली. बोर्ड ने ऐसे भूखंडधारियों को 30 नवंबर का समय दिया है.

2 साल से ज्यादा आंवटित जमीन पर निर्माण करने वालों के होंगे आंवटन निरस्त

2 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद कई लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण की स्वीकृति नहीं ली है. इससे साफ है कि उन भूखंड पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है. अब तय समय में निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं किया गया, तो उनको नोटिस देकर भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा. हाउसिंग बोर्ड ने ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित किया है.
नियमों के अनुसार आवंटित भूखंड पर कम से कम एक रहवास इकाई का पालन करना जरूरी है. जिसमें एक बेड रुम, किचन और लेट-बाथ बना हो. साथ ही बिजली का कनेक्शन भी लगा हो. इस संबंध में बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि भूखंड धारियों को 30 नवंबर का समय और दिया गया है. तब तक यदि आवेदन नहीं किया जाता तो आवंटन निरस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आवेदन करने की स्थिति में 31 दिसंबर तक आवश्यक कार्रवाई कर स्वीकृति जारी कर दी जाएगी.
बता दें कि बोर्ड की आवासीय योजना में भूखंड आवंटन की शर्त के अनुसार 2 साल तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर विलंब अवधि बढ़ाने की एक प्रक्रिया है. भूखंड का कब्जा तिथि से 2 वर्ष से 8 वर्ष तक निर्माण नहीं करने पर आवासन आयुक्त की स्वीकृति से विलंब अवधि बढ़ाई जा सकती है. इसके लिए भूखंड की लागत का 1 प्रतिशत प्रशासनिक शुल्क वसूल किया जाता है.

जयपुर. राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं करने वालों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे. इसमें वो भूखंडधारी शामिल हैं जिनके, प्लाट आवंटन को 2 साल से ज्यादा समय हो गया और उन्होंने अभी तक निर्माण स्वीकृति नहीं ली. बोर्ड ने ऐसे भूखंडधारियों को 30 नवंबर का समय दिया है.

2 साल से ज्यादा आंवटित जमीन पर निर्माण करने वालों के होंगे आंवटन निरस्त

2 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद कई लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण की स्वीकृति नहीं ली है. इससे साफ है कि उन भूखंड पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है. अब तय समय में निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं किया गया, तो उनको नोटिस देकर भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा. हाउसिंग बोर्ड ने ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित किया है.
नियमों के अनुसार आवंटित भूखंड पर कम से कम एक रहवास इकाई का पालन करना जरूरी है. जिसमें एक बेड रुम, किचन और लेट-बाथ बना हो. साथ ही बिजली का कनेक्शन भी लगा हो. इस संबंध में बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि भूखंड धारियों को 30 नवंबर का समय और दिया गया है. तब तक यदि आवेदन नहीं किया जाता तो आवंटन निरस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आवेदन करने की स्थिति में 31 दिसंबर तक आवश्यक कार्रवाई कर स्वीकृति जारी कर दी जाएगी.
बता दें कि बोर्ड की आवासीय योजना में भूखंड आवंटन की शर्त के अनुसार 2 साल तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर विलंब अवधि बढ़ाने की एक प्रक्रिया है. भूखंड का कब्जा तिथि से 2 वर्ष से 8 वर्ष तक निर्माण नहीं करने पर आवासन आयुक्त की स्वीकृति से विलंब अवधि बढ़ाई जा सकती है. इसके लिए भूखंड की लागत का 1 प्रतिशत प्रशासनिक शुल्क वसूल किया जाता है.

Intro:जयपुर - राजस्थान हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं करने वालों के आवंटन निरस्त किए जाएंगे। इसमें वो भूखंडधारी शामिल हैं जिनके प्लाट आवंटन को 2 साल से ज्यादा समय हो गया। और उन्होंने अभी तक निर्माण स्वीकृति नहीं ली। बोर्ड ने ऐसे भूखंडधारियों को 30 नवंबर का समय दिया है।


Body:2 साल से ज्यादा समय होने के बावजूद कई लोगों ने हाउसिंग बोर्ड से आवंटित जमीनों पर निर्माण की स्वीकृति नहीं ली है। इससे साफ है कि उन भूखंड पर निर्माण कार्य नहीं किया गया है। अब तय समय में निर्माण स्वीकृति के लिए आवेदन नहीं किया गया, तो उनको नोटिस देकर भूखंड आवंटन निरस्त कर दिया जाएगा। हाउसिंग बोर्ड ने ऐसे लंबित प्रकरणों को चिन्हित किया है। नियमों के अनुसार आवंटित भूखंड पर कम से कम एक रहवास इकाई का पालन करना जरूरी है। जिसमें एक बेड रुम, किचन और लेट बाथ बना हो। साथ ही बिजली का कनेक्शन भी लगा हो। इस संबंध में बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि भूखंड धारियों को 30 नवंबर का समय और दिया गया है। तब तक यदि आवेदन नहीं किया जाता तो आवंटन निरस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आवेदन करने की स्थिति में 31 दिसंबर तक आवश्यक कार्रवाई कर स्वीकृति जारी कर दी जाएगी।


Conclusion:आपको बता दें कि बोर्ड की आवासीय योजना में भूखंड आवंटन की शर्त के अनुसार 2 साल तक निर्माण कार्य पूर्ण नहीं करने पर विलंब अवधि बढ़ाने की एक प्रक्रिया है। भूखंड का कब्जा तिथि से 2 वर्ष से 8 वर्ष तक निर्माण नहीं करने पर आवासन आयुक्त की स्वीकृति से विलंब अवधि बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए भूखंड की लागत का 1% प्रशासनिक शुल्क वसूल किया जाता है।
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