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बिना चुनाव लड़े निकाय प्रमुख चुनने के प्रावधान पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - नगर पालिका नियमों में संशोधन

नगर पालिका नियमों में संशोधन करते हुए बिना चुनाव लड़े निकाय प्रमुख चुनने का प्रावधान करने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और एसीएस स्वायत्त शासन से जवाब मांगा है.

Municipal election 2019, राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Nov 6, 2019, 8:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर पालिका नियमों में संशोधन कर निकाय चुनाव में सदस्य का चुनाव लडे बिना सीधे प्रमुख चुने जाने का प्रावधान करने पर मुख्य सचिव और एसीएस स्वायत्त शासन से 11 नवंबर तक जवाब मांगा है.

बिना चुनाव लड़े निकाय प्रमुख चुनने के प्रावधान पर मांगा जवाब

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: 'अपना घर' में 2 साल बाद बेटियों को मिली लापता मां...फफक-फफक कर रो पड़ी

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मोहन शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता डीसी गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 16 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर नगर पालिका नियमों में संशोधन कर प्रावधान किया कि कोई भी व्यक्ति जो संबंधित नगर पालिका का सदस्य नहीं है, वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है. जबकि नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 और संविधान के अनुच्छेद 243आर में प्रावधान है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों से ही नगर पालिका का गठन होगा.

पढ़ेंः Exclusive Interview : राजस्थान में प्रथम नागरिक होने के नाते यहां मेरी सरकार, किसी पार्टी की नहीं - कलराज मिश्र

याचिका में कहा गया कि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन धारा 6 और अनुच्छेद 243आर का विरोधाभासी हैं. ऐसे में इसे अवैध घोषित कर रद्द किया जाना चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर पालिका नियमों में संशोधन कर निकाय चुनाव में सदस्य का चुनाव लडे बिना सीधे प्रमुख चुने जाने का प्रावधान करने पर मुख्य सचिव और एसीएस स्वायत्त शासन से 11 नवंबर तक जवाब मांगा है.

बिना चुनाव लड़े निकाय प्रमुख चुनने के प्रावधान पर मांगा जवाब

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न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मोहन शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता डीसी गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 16 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर नगर पालिका नियमों में संशोधन कर प्रावधान किया कि कोई भी व्यक्ति जो संबंधित नगर पालिका का सदस्य नहीं है, वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है. जबकि नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 और संविधान के अनुच्छेद 243आर में प्रावधान है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों से ही नगर पालिका का गठन होगा.

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याचिका में कहा गया कि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन धारा 6 और अनुच्छेद 243आर का विरोधाभासी हैं. ऐसे में इसे अवैध घोषित कर रद्द किया जाना चाहिए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है.

Intro:बाईट- याचिककर्ता के वकील डीसी गुप्ता

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर पालिका नियमों में संशोधन कर निकाय चुनाव में सदस्य का चुनाव लडे बिना सीधे प्रमुख चुने जाने का प्रावधान करने पर मुख्य सचिव और एसीएस स्वायत्त शासन से 11 नवंबर तक जवाब मांगा है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश मोहन शर्मा की याचिका पर दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता डीसी गुप्ता ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत 16 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी कर नगर पालिका नियमों में संशोधन कर प्रावधान किया कि कोई भी व्यक्ति जो संबंधित नगर पालिका का सदस्य नहीं है, वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ सकता है। जबकि नगर पालिका अधिनियम, 2009 की धारा 6 और संविधान के अनुच्छेद 243आर में प्रावधान है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों से ही नगर पालिका का गठन होगा। याचिका में कहा गया कि सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन धारा 6 और अनुच्छेद 243आर का विरोधाभासी है। ऐसे में इसे अवैध घोषित कर रद्द किया जाना चाहिए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा है।Conclusion:
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