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HC ने स्कूल फीस तय करने के मामले में अधिकारियों से मांगा जवाब - राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

स्कूल फीस तय करने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश एसएमएस स्कूल प्रशासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, Rajasthan High Court asks for an answer
राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
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Published : Nov 20, 2020, 10:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों की फीस तय करने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश एसएमएस स्कूल प्रशासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में याचिका दायर करने वाले स्कूल एसोसिएशन का सदस्य नहीं है. इसके अलावा उसने ऑनलाइन क्लास भी बंद नहीं की है. राज्य सरकार ने गत 28 अक्टूबर को स्कूलों की फीस तय करते हुए सीबीएसई की स्कूलों को सत्तर फीसदी और राजस्थान बोर्ड की स्कूलों को 60 फीसदी फीस वसूल करने को कहा है.

पढ़ेंः राजस्थान में कोरोना के टूटे सारे रिकॉर्ड, 2762 नए केस आए सामने...कुल आंकड़ा 2,37,669

याचिका में कहा गया कि प्रदेश में स्कूल फीस नियामक कानून, 2016 अस्तित्व में है. इस कानून के तहत बनी फीस निर्धारण कमेटी ने याचिकाकर्ता की फीस तय कर रखी है. ऐसे में एक प्रशासनिक आदेश अधिनियम के प्रावधान पर प्रभावी नहीं हो सकता. इसलिए राज्य सरकार की ओर से फीस तय करने के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से निजी स्कूलों की फीस तय करने के मामले में प्रमुख शिक्षा सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब मांगा है. न्यायाधीश अशोक गौड़ की एकलपीठ ने यह आदेश एसएमएस स्कूल प्रशासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता अनुरूप सिंघी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पूर्व में याचिका दायर करने वाले स्कूल एसोसिएशन का सदस्य नहीं है. इसके अलावा उसने ऑनलाइन क्लास भी बंद नहीं की है. राज्य सरकार ने गत 28 अक्टूबर को स्कूलों की फीस तय करते हुए सीबीएसई की स्कूलों को सत्तर फीसदी और राजस्थान बोर्ड की स्कूलों को 60 फीसदी फीस वसूल करने को कहा है.

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याचिका में कहा गया कि प्रदेश में स्कूल फीस नियामक कानून, 2016 अस्तित्व में है. इस कानून के तहत बनी फीस निर्धारण कमेटी ने याचिकाकर्ता की फीस तय कर रखी है. ऐसे में एक प्रशासनिक आदेश अधिनियम के प्रावधान पर प्रभावी नहीं हो सकता. इसलिए राज्य सरकार की ओर से फीस तय करने के आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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