जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के विभिन्न मार्गों पर औचक निरीक्षण कर चल रहे अवैध वाहनों को जब्त कर उन पर भारी जुर्माना लगाने को कहा है. अदालत ने परिवहन सचिव और आयुक्त को कहा है कि वह नियमित निरीक्षण के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करें.
इसके साथ ही अदालत ने मामले में परिवहन आयुक्त शैलेंद्र अग्रवाल सहित अन्य अधिकारियों को अवमानना की कार्यवाही से मुक्त कर दिया है. न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश लाट साहब और मनोज कुमार की अवमानना याचिका पर दिए.
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अदालत ने कहा कि यह देखने में आया है कि अनफिट बसों के संचालन के दौरान कई बार उनमें आग लग जाती है और जान माल की काफी हानि हो जाती है. ऐसे में परिवहन विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई भी अनफिट बस सड़क पर ना चले. वहीं, अदालत ने जयपुर-गंगानगर, जयपुर-उदयपुर, जयपुर-भरतपुर, अलवर- भरतपुर और पिलानी- जयपुर सहित अन्य मार्गों पर अवैध परिवहन रोकने के लिए औचक निरीक्षण कर उचित कदम उठाने को कहा है.
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साथ ही अदालत ने माना कि विभाग की ओर से अवैध वाहनों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन अवैध वाहनों पर कार्रवाई को लेकर पूर्व में दिए आदेश एक बार के लिए ना होकर निरंतर अवधि के लिए है. अवमानना याचिकाओं में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल और अधिवक्ता डीडी खंडेलवाल ने बताया कि लोक परिवहन सेवा के निर्धारित रूटों पर कई अवैध वाहन चल रहे हैं.
जिससे ना केवल याचिकाकर्ता वाहन संचालकों को नुकसान हो रहा है. बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है. हाईकोर्ट ने भी अवैध वाहनों पर कार्रवाई के आदेश दे रखे हैं. इसके बावजूद विभाग की ओर से कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गई है. ऐसे में लापरवाही बरतने वाले अवमाननाकर्ता अफसरों पर कार्रवाई की जाए.