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Rajasthan High Court: नाबालिग पीड़िता को अदालत में पेश करने के आदेश - जयपुर न्यूज

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पीड़िता को अदालत में पेश करने के आदेश दिए हैं. यह मामला नाबालिग पीड़िता के अपहरण से जुड़ा हुआ है.

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Published : Jul 21, 2021, 7:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने नाबालिग पीड़िता के अपहरण से जुड़े मामले में टोंक एसपी और दाता बास थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे पीड़िता को 22 जुलाई को अदालत में पेश करें. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.

पढ़ें- Rajasthan High Court: RAS भर्ती-2018 के खिलाफ दायर याचिका खारिज

याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता के अपहरण को लेकर 30 मई को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बावजूद पुलिस ने अभी तक पीड़िता को बरामद नहीं किया है. अपहर्ता ने पीड़िता पर दबाव बनाकर पूर्व में हाईकोर्ट में सुरक्षा दिलाने की याचिका भी पेश करवा दी, जबकि नाबालिग की याचिका उसके प्राकृतिक संरक्षकों के जरिए ही पेश हो सकती है.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी पीड़िता के साथ देह शोषण भी कर सकते हैं. ऐसे में प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता को बरामद कराया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एसपी और थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे नाबालिग पीड़िता को 22 जुलाई को अदालत में पेश करें.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने नाबालिग पीड़िता के अपहरण से जुड़े मामले में टोंक एसपी और दाता बास थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे पीड़िता को 22 जुलाई को अदालत में पेश करें. न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता और सीके सोनगरा की खंडपीठ ने यह आदेश पीड़िता के पिता की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिए.

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याचिका में अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने पीड़िता के अपहरण को लेकर 30 मई को नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बावजूद पुलिस ने अभी तक पीड़िता को बरामद नहीं किया है. अपहर्ता ने पीड़िता पर दबाव बनाकर पूर्व में हाईकोर्ट में सुरक्षा दिलाने की याचिका भी पेश करवा दी, जबकि नाबालिग की याचिका उसके प्राकृतिक संरक्षकों के जरिए ही पेश हो सकती है.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरोपी पीड़िता के साथ देह शोषण भी कर सकते हैं. ऐसे में प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पीड़िता को बरामद कराया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने एसपी और थानाधिकारी को आदेश दिए हैं कि वे नाबालिग पीड़िता को 22 जुलाई को अदालत में पेश करें.

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