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नर्सिंग कोर्स में 50 फीसदी सीटों पर बिना मेरिट एडमिशन क्यों- राजस्थान हाईकोर्ट - राजस्थान हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स की पचास फीसदी सीटों पर बिना प्रवेश परीक्षा और बिना मेरिट निजी कॉलेज फेडरेशन के माध्यम से एडमिशन देने पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. साथ ही अदालत ने दिए गए एडमिशन को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

राजस्थान हाईकोर्ट की खबर, Rajasthan High Court news
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस
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Published : Oct 15, 2020, 7:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स के पचास फीसदी सीटों पर बिना प्रवेश परीक्षा और बिना मेरिट निजी कॉलेज फेडरेशन के माध्यम से एडमिशन देने पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने दिए गए एडमिशन को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रविकांत शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स में आरयूएचएस अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेरिट बनाकर प्रवेश देती है. इसके बाद पचास फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए निजी नर्सिंग कॉलेज फेडरेशन को अभ्यर्थियों के नाम भेजती है. याचिका में कहा गया कि अब तक आरयूएचएस ने प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरू नहीं की. जबकि फेडरेशन ने पचास फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी कर दिया.

पढ़ेंः भरतपुर: जेब में रखा मोबाइल फटने से युवक गंभीर रूप से घायल

याचिका में कहा गया कि फेडरेशन के जरिए सीधे प्रवेश देने से प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के हितों पर कुटाराघात होगा. ऐसे में सभी सीटों पर प्रवेश परीक्षा के जरिए ही एडमिशन कराए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए फेडरेशन की ओर से दिए गए एडमिशन को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स के पचास फीसदी सीटों पर बिना प्रवेश परीक्षा और बिना मेरिट निजी कॉलेज फेडरेशन के माध्यम से एडमिशन देने पर राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने दिए गए एडमिशन को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश रविकांत शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में कहा गया कि बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स में आरयूएचएस अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से मेरिट बनाकर प्रवेश देती है. इसके बाद पचास फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए निजी नर्सिंग कॉलेज फेडरेशन को अभ्यर्थियों के नाम भेजती है. याचिका में कहा गया कि अब तक आरयूएचएस ने प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरू नहीं की. जबकि फेडरेशन ने पचास फीसदी सीटों पर प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी कर दिया.

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याचिका में कहा गया कि फेडरेशन के जरिए सीधे प्रवेश देने से प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के हितों पर कुटाराघात होगा. ऐसे में सभी सीटों पर प्रवेश परीक्षा के जरिए ही एडमिशन कराए जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए फेडरेशन की ओर से दिए गए एडमिशन को याचिका के निर्णयाधीन रखा है.

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