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हत्याकांड की जांच सीआईडी-सीबी को, जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर में हुए हत्या के मामले में जांच का जिम्मा सीआईडी-सीबी को सौंप दी है. वहीं, जांच में लापरवाही बरतने के कारण संबंधीत अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश डीजीपी को दिया.

Rajasthan High Court order,  CID CB will investigate
राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्याकांड की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी
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Published : Dec 7, 2020, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर के रुदावल थाना इलाके में हुई हत्या के मामले में सही जांच नहीं करने पर डीजीपी को अनुसंधान अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने हत्याकांड की जांच सीआईडी सीबी के एडी. एसपी को एसआईटी बनाकर करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्याकांड की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश सुनील कुमार की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि जांच अधिकारी एसआई मुकेश कुमार ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. इसके अलावा उसने एफआईआर में बताए एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि आरोपियों को बचाने का काम किया है.

याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का भाई महेश गत 25 जून को सार्वजनिक वाटर टैंक पर नहाने गया था. यहां आधा दर्जन से अधिक लोगों ने उसे नहाने से रोका. जब महेश ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी हत्या कर लाश को कुएं में फेंक दी.

पढ़ें- आरएएस भर्ती के साक्षात्कार लेने पर अंतरिम रोक...

याचिका में कहा गया कि मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है, बल्कि पुलिस समाज की पंचायत में पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने का दबाव डाल रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपते हुए जांच अधिकारी पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भरतपुर के रुदावल थाना इलाके में हुई हत्या के मामले में सही जांच नहीं करने पर डीजीपी को अनुसंधान अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही अदालत ने हत्याकांड की जांच सीआईडी सीबी के एडी. एसपी को एसआईटी बनाकर करने को कहा है.

राजस्थान हाईकोर्ट ने हत्याकांड की जांच सीआईडी सीबी को सौंपी

न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश सुनील कुमार की याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया लगता है कि जांच अधिकारी एसआई मुकेश कुमार ने निष्पक्ष जांच नहीं की है. इसके अलावा उसने एफआईआर में बताए एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि आरोपियों को बचाने का काम किया है.

याचिका में अधिवक्ता सतीश कुमार ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का भाई महेश गत 25 जून को सार्वजनिक वाटर टैंक पर नहाने गया था. यहां आधा दर्जन से अधिक लोगों ने उसे नहाने से रोका. जब महेश ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी हत्या कर लाश को कुएं में फेंक दी.

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याचिका में कहा गया कि मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है, बल्कि पुलिस समाज की पंचायत में पीड़ित परिवार पर राजीनामा करने का दबाव डाल रही है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मामले की जांच सीआईडी सीबी को सौंपते हुए जांच अधिकारी पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.

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