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Rajasthan High Court: विभाग ने दक्षता परीक्षा में गलत ली थी नाप, एम्स की रिपोर्ट से खुलासा, नियुक्ति के आदेश

राजस्थान हाईकोर्ट ने फोरेस्ट रेंज ऑफिसर और एसीएफ भर्ती 2018 में (Forest Range Officer and ACF Recruitment 2018) एम्स जोधपुर की रिपोर्ट के आधार पर अभ्यर्थी को पात्र माना है. साथ ही मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

Rajasthan High Court, Forest Range Officer and ACF Recruitment 2018
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Sep 8, 2022, 8:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फोरेस्ट रेंज ऑफिसर और एसीएफ भर्ती-2018 में एम्स जोधपुर (Forest Range Officer and ACF Recruitment 2018) की रिपोर्ट के आधार पर अभ्यर्थी को पात्र मानते हुए उसे मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश सुरेन्द्र कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने वर्ष 2018 में वन विभाग में रेंज ऑफिसर और एसीएफ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. याचिकाकर्ता लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार में भी पास हो गया. वहीं विभाग ने उसके शारीरिक दक्षता में चेस्ट की नाप तय सीमा से कम होने के आधार पर चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया.

पढ़ेंः Rajasthan High Court : कट ऑफ में आए अभ्यर्थी को शिक्षक पद पर नियुक्ति के आदेश

पूर्व में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एम्स, जोधपुर को याचिकाकर्ता का नाप लेने के आदेश दिए थे. जिसकी पालना में एम्स की ओर से हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता की सीने की नाप तय मापदंड से काफी अधिक है. वहीं विभाग की ओर से कहा गया कि दक्षता परीक्षा में याचिकाकर्ता के सीने की नाप तय मापदंड से कम आई थी. इसलिए उसे नियुक्ति नहीं दी गई. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने और एम्स की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने याचिकाकर्ता को मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फोरेस्ट रेंज ऑफिसर और एसीएफ भर्ती-2018 में एम्स जोधपुर (Forest Range Officer and ACF Recruitment 2018) की रिपोर्ट के आधार पर अभ्यर्थी को पात्र मानते हुए उसे मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने को कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश सुरेन्द्र कुमार की याचिका को स्वीकार करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि आरपीएससी ने वर्ष 2018 में वन विभाग में रेंज ऑफिसर और एसीएफ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. याचिकाकर्ता लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार में भी पास हो गया. वहीं विभाग ने उसके शारीरिक दक्षता में चेस्ट की नाप तय सीमा से कम होने के आधार पर चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया.

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पूर्व में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एम्स, जोधपुर को याचिकाकर्ता का नाप लेने के आदेश दिए थे. जिसकी पालना में एम्स की ओर से हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि याचिकाकर्ता की सीने की नाप तय मापदंड से काफी अधिक है. वहीं विभाग की ओर से कहा गया कि दक्षता परीक्षा में याचिकाकर्ता के सीने की नाप तय मापदंड से कम आई थी. इसलिए उसे नियुक्ति नहीं दी गई. ऐसे में याचिका को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने और एम्स की रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने याचिकाकर्ता को मेरिट के अनुसार नियुक्ति देने के आदेश दिए हैं.

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