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HC On FLW Scheme: मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना में अनियमितताओं को लेकर सुनवाई, सहकारी समितियों को कोर्ट ने दिए ये निर्देश! - HC On FLW Scheme

2 महीने पहले संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षक ने अपनी सीलबंद लिफाफे में माननीय कोर्ट के सामने रिपोर्ट रखी थी. जिसमें राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं का जिक्र किया (Irregularities found in Mukhyamantri loan waiver scheme) गया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान विधानसभा कार्यवाही में पूछे गए सवाल को रिकॉर्ड में पेश किया गया जिसके आधार पर अदालत ने निर्देश जारी किए.

HC On FLW Scheme
मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना में अनियमितताओं को लेकर कोर्ट सख्त
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Published : Jul 21, 2022, 8:41 AM IST

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि रजिस्ट्रार सहकारी समितियां की ओर से हलफनामा पेश किया जाए. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में सिमरथाराम व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दोरान अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि अनियमितताओं को लेकर सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने एक सवाल विधानसभा में प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि अनियमितताओं एवं धोखाधड़ी में लिप्त सोसायटी की जानकारी मांगी थी. राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में बताया गया कि 2361 सोसायटियां अनियमितताओं में लिप्त पाई गई हैं. जबकि वसूलियां केवल 32 सोसायटियों से ही की जानी है. अधिवक्ता राजपुरोहित ने विधानसभा कार्यवाही की प्रति रिकार्ड पर पेश की.

कोर्ट ने कहा कि सरकार के एएजी सुधीर टांक को इसकी कॉपी दी जाए और विधानसभा की इस कार्यवाही के सम्बंध में वे रजिस्ट्रार सहकारी समितियां का हलफनामा पेश करें. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित व अधिवक्ता निखिल डुगावत ने याचिकाए पेश करते हुए अनियमितताओं को उजागर किया था.

पढ़ें-मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना में अनियमितताएं, ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा...कोर्ट ने कहा कार्रवाई करें

गौरतलब है कि, 2 महीने पहले संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षक ने अपनी सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं का जिक्र किया (Irregularities found in Mukhyamantri loan waiver scheme) था. इस रिपोर्ट पर राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा था कि जिनके खिलाफ अनियमितताएं हैं, उन पर कार्रवाई कर अनुपालना रिपोर्ट 2 माह में पेश की जाए.

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि रजिस्ट्रार सहकारी समितियां की ओर से हलफनामा पेश किया जाए. वरिष्ठ न्यायाधीश संदीप मेहता व न्यायाधीश कुलदीप माथुर की खंडपीठ में सिमरथाराम व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई.

सुनवाई के दोरान अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि अनियमितताओं को लेकर सिवाना विधायक हमीरसिंह भायल ने एक सवाल विधानसभा में प्रस्तुत किया. जिसमें बताया गया कि अनियमितताओं एवं धोखाधड़ी में लिप्त सोसायटी की जानकारी मांगी थी. राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में बताया गया कि 2361 सोसायटियां अनियमितताओं में लिप्त पाई गई हैं. जबकि वसूलियां केवल 32 सोसायटियों से ही की जानी है. अधिवक्ता राजपुरोहित ने विधानसभा कार्यवाही की प्रति रिकार्ड पर पेश की.

कोर्ट ने कहा कि सरकार के एएजी सुधीर टांक को इसकी कॉपी दी जाए और विधानसभा की इस कार्यवाही के सम्बंध में वे रजिस्ट्रार सहकारी समितियां का हलफनामा पेश करें. याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित व अधिवक्ता निखिल डुगावत ने याचिकाए पेश करते हुए अनियमितताओं को उजागर किया था.

पढ़ें-मुख्यमंत्री ऋण माफी योजना में अनियमितताएं, ऑडिट रिपोर्ट में हुआ खुलासा...कोर्ट ने कहा कार्रवाई करें

गौरतलब है कि, 2 महीने पहले संयुक्त मुख्य लेखा परीक्षक ने अपनी सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट में राजस्थान कृषक ऋण माफी योजना 2019 के तहत ऋण वितरण में की गई अनियमितताओं का जिक्र किया (Irregularities found in Mukhyamantri loan waiver scheme) था. इस रिपोर्ट पर राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा था कि जिनके खिलाफ अनियमितताएं हैं, उन पर कार्रवाई कर अनुपालना रिपोर्ट 2 माह में पेश की जाए.

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