जयपुर. डूंगरपुर जिले में बच्चे कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं. इसके बाद बाल आयोग सख्त हो गया है. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया और जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं.
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आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि विशेषज्ञों और चिकित्सकों की ओर से कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका व्यक्त की जा रही है. इसका प्रभाव मुख्यतः बच्चों पर होने की आशंका है. डूंगरपुर जिलेे में कई बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया जाना चिंताजनक है. हमें बच्चों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए समय पर उचित प्रबंध करने होंगे.
उन्होंने बताया कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए डूंगरपुर जिला कलेक्टर सुरेश ओला और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से दूरभाष पर वार्ता कर जिले में कोरोना संक्रमण से प्रभावित बच्चों के संबंध में जानकारी ली है. साथ ही निर्देश दिए हैं कि बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए बाल आयोग की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना करवाई जाए. साथ ही जिला, ब्लॉक और ग्राम स्तर पर समुचित व्यवस्थाएं करवाना सुनिश्चित कराएं.
बेनीवाल ने डूंगरपुर जिला कलेक्टर को चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर बनवाने और आवश्यक दवाइयां, उपकरण, ऑक्सीजन, चिकित्सकों, इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने और जिले में कोरोना संक्रमित बच्चों की सूचना आयोग कार्यालय को भिजवाने के लिए निर्देशित किया है.
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि बाल आयोग की ओर से समस्त जिला कलक्टर्स को चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर (Child Dedicated Covid Center) बनाने और बच्चों के उपचार के लिए सभी तैयारियां समय पर करने के निर्देश प्रदान किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ जिलों में चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड सेंटर संचालित किए जा चुके हैं और कुछ में प्रक्रियाधीन है.
राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की ओर से राज्य में बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए पूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं. सभी जिलों से रिपोर्ट मंगवाकर उनका अध्ययन किया जा रहा है. बेनीवाल ने आमजन से अपील की है कि बच्चों को घर पर ही रखें. घर में किसी व्यक्ति के कोराना संक्रमित होने पर उसके बच्चों से दूरी बनाए रखें. किसी भी प्रकार के कोरोना लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेकर उचित उपचार कराएं. बच्चों को पौष्टिक आहार दें और मास्क, सैनिटाइजर इत्यादि का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करें.