जयपुर. प्रदेश की 3 सीटों पर हुए उपचुनाव का परिणाम 2 मई को आएगा, लेकिन इससे पहले सियासी दल मतदान के प्रतिशत को आधार बनाकर प्रस्तावित परिणामों के आकलन में जुटे हैं. केवल राजसमंद में मतदान का प्रतिशत 65 फीसदी से ऊपर रहा, जबकि सहाड़ा और सुजानगढ़ में ये 60 फीसदी से कम रहा. मतदान के यही आंकड़े सियासी दलों के आकलन का केंद्र है और उन दावों की हकीकत भी जो उपचुनाव के दौरान किए गए थे.
दरअसल, उपचुनाव के दौरान विपक्षी दल भाजपा के नेता अपने बयानों में यही कहते नजर आए कि मौजूदा प्रदेश सरकार के खिलाफ अभी से एंटी इनकंबेंसी नजर आ रही है, जिसका फायदा भाजपा को मिलेगा. अब मतदान के प्रतिशत पर नजर डालें तो भाजपा नेताओं का यह दावा धरातल पर कम ही सच होता नजर आ रहा है क्योंकि यदि सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी होती तो जनता अधिक से अधिक वोट डालकर इसका इजहार करती. लेकिन मतदान का प्रतिशत पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में तीनों ही सीटों पर कम रहा.
तीनों सीटों पर मतदान फीसदी
आलम ये रहा कि सहाड़ा में 56.60 फीसदी, सुजानगढ़ में 58.21 फीसदी और राजसमंद में 67.23 फीसदी मतदान हुआ. अब मतदान का प्रतिशत कम रहा तो भाजपा नेता इसके पीछे गर्मी और कोरोना महामारी के प्रकोप से जुड़ा तर्क दे दिया और उप चुनाव की तुलना मुख्य चुनाव से ना करने की बात भी कही.
राजनीति में मतदान का प्रतिशत आने वाले परिणाम की बहुत कुछ कहानी बयां कर देता है और राजनीति से जुड़े लोग अब इसी आकलन में जुटे हैं. राजसमंद सीट पर 65 फीसदी से अधिक हुआ मतदान बीजेपी नेताओं के लिए राहत देने वाला माना जा सकता है, जिसका श्रेय भाजपा नेता स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत को दे रहे हैं. हालांकि, जिन दो विधानसभा सीट सहाड़ा और सुजानगढ़ में मतदान का प्रतिशत कम रहा वहां भी भाजपा नेता जीत की संभावना तो जता रहे हैं, लेकिन धरातल पर इन क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति बहुत ज्यादा मजबूत नहीं मानी जा रही है.
दरअसल, ये उपचुनाव कोरोना के कहर के साए में हुए हैं. ऐसे में मतदान का प्रतिशत इस बार सियासी पंडितों के लिए प्रस्तावित परिणामों के आकलन में सटीक ना बैठे, लेकिन जो दावे चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं ने किए धरातल के कितने नजदीक पहुंचेंगे यह तो 2 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा.