जयपुर. विधानसभा में पेश किए गए राज्य के आगामी वित्तीय वर्ष के बजट पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने भी अपनी प्रतिक्रिया जारी की है. राजे ने कहा कि राज्य के इस बजट में सरकार के वादे तो दिखाई देते हैं, लेकिन इरादे नहीं. उन्होंने कहा कि इस बजट में सरकार ने जिन प्रमुख योजनाओं की घोषणा की है, उनमें से अधिकतर हमारी है.
राजे ने एक बयान जारी कर कहा कि बजट में हमारे समय की कई योजनाओं को नाम बदलकर नए रूप में जनता के सामने परोसने का काम किया गया है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना हमारी भामाशाह और केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना का ही बदला हुआ स्वरूप है.
हमने किसानों के बिजली के बिल माफ किए. किसानों को समर्पित हमारी इस योजना को प्रदेश सरकार ने बंद कर दिया था, लेकिन जब किसानों ने विरोध किया तो बजट में शामिल करना पड़ा. राजे ने कहा कि जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तो केंद्र सरकार की ही है. इनको भी बजट में सरकार ने अपनी तरफ से पेश कर झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारों के लिए नई भर्ती और संविदा कर्मियों के लिए नहीं की गई और सरकार ने जता दिया कि यह केवल वादे हैं और वादों का क्या.
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वसुंधरा राजे की ओर से जारी बयान में कहा गया कि हमारी सरकार की 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी साबित होने वाली योजना इआरसीपी और भामाशाह स्टेट डाटा सेंटर की मुख्यमंत्री ने तारीफ की, चलो देर आए दुरुस्त आए. राजे ने कहा कि योजनाओं की प्रशंसा करना अच्छी परंपरा है, लेकिन जनता जानना चाहती है कि 2 साल तक इन योजनाओं पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया. यदि पहले इन योजनाओं पर ध्यान दिया होता तो समय पर जनता को ज्यादा लाभ मिल पाता. उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि पेट्रोल-डीजल से वेट घटाकर सरकार जनता को बजट में राहत देगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आमजन को इस बजट से कोई राहत नहीं: ओम माथुर
भाजपा के राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर ने भी राज्य बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के दौर में आमजन को इस बजट से कोई राहत नहीं मिली है. माथुर ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य के पास आर्थिक संसाधनों का बार-बार हवाला देते हुए बजट पेश करने की खानापूर्ति की गई है.
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माथुर ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कहते हैं कि कोई नया कर नहीं लगाया, लेकिन जनता आशा कर रहे थे कि कुछ करो मैं राहत जरूर मिलेगी. खासतौर पर ईंधन के मूल्य कम होता तो राहत जरूर मिलती. माथुर ने कहा कि मौजूदा बजट में रोजगार से जुड़े कोई आधारभूत कामों की घोषणा नहीं की गई. बिजली के बढ़े हुए दामों में भी कोई राहत नहीं दी गई. कुल मिलाकर बजट में कोई भी ऐसी दूरगामी संकेत नहीं मिलता जिससे भविष्य का राजस्थान झलकता हो.