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कोरोना ने लगाया राजस्थान भाजपा में विभाग, प्रकोष्ठ-प्रकल्पों के गठन और नियुक्तियों पर ब्रेक - Corona epidemic

प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोरोना ने एक बार फिर राजस्थान भाजपा में विभाग, प्रकोष्ठ और प्रकल्पों के गठन और नियुक्तियों पर ब्रेक लगा दिया है.

Corona break on political appointment,  Satish poonia
कोरोना ने लगाया ब्रेक
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Published : May 9, 2021, 5:49 PM IST

जयपुर. प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप ने अब राजस्थान भाजपा में लंबे समय से अटके विभाग, प्रकोष्ठ और प्रकल्पों के गठन के काम को एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया. पहले उम्मीद थी कि उपचुनाव के बाद भाजपा में बची हुई नियुक्ति और प्रकल्प विभाग और प्रकोष्ठ का गठन कर दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा समय में यह काम फिर से अटकता हुआ दिख रहा है.

पढ़ें- राजस्थान : कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ अब भी खाली, लेकिन ब्यूरोक्रेसी को मिली अहम जिम्मेदारी

कोरोना महामारी ने लगाया ब्रेक, जनसेवा में जुटी भाजपा

दरअसल कोरोना महामारी की दूसरी लहर प्रदेश में अपना कहर बरपा रही है. यही कारण है कि इस दौरान आए उपचुनाव के परिणाम पर भाजपा में समीक्षा तक नहीं हुई और ना ही हार के कारणों का विश्लेषण कर कोई रिपोर्ट तैयार की गई क्योंकि भाजपा के नेता व कार्यकर्ता या तो खुद कोरोना महामारी की चपेट में आ गए या फिर प्रदेशवासियों को इस महामारी से बचाने और उनकी मदद में जुटे हैं. खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार विभिन्न माध्यमों से सेवा ही संगठन से जुड़े अभियान को गति देने में लगे हैं ताकि इस महामारी के दौरान भाजपा संगठन के माध्यम से प्रदेश की जनता की अधिक से अधिक मदद की जा सके.

स्थिति सामान्य होने पर होगा संगठन का विस्तार

प्रदेश भाजपा से जुड़े आला नेता कहते हैं कि फिलहाल मौजूदा समय में जनसेवा जरूरी है. ऐसे में जब महामारी का यह दौर निकलेगा और स्थितियां सामान्य होगी तब पार्टी में नई नियुक्ति और विभाग प्रकल्प और प्रकोष्ठ के गठन के बारे में सोचा जाएगा. फिलहाल, प्रदेश भाजपा के 19 प्रकल्प और 28 विभागों में पुनर्गठन और नियुक्तियों का दौर अब स्थितियां सामान्य होने पर शुरू हो पाएगा और तब ही पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पद देकर संतुष्ट किया जाएगा.

7 प्रकोष्ठ और प्रकल्प बढ़ा

भाजपा के केंद्रीय स्तर पर प्रदेश को पहले 12 प्रकल्प/प्रकोष्ठ ही गठन करने का अधिकार था, जिसे बढ़ाकर 19 कर दिया गया है. मतलब अब प्रदेश अपने स्तर पर 19 प्रकल्पों का गठन कर सकता है. इसी तरह 28 विभागों के गठन को भी सैद्धांतिक रूप से पार्टी ने मंजूरी दे दी है और इसके लिए सभी प्रदेश इकाइयों को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी है.

सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पद के जरिए किया जा सकता है संतुष्ट

प्रदेश संगठन में इन प्रकल्प/प्रकोष्ठ और विभागों के जरिए पार्टी सैकड़ों की तादाद में पद और दायित्व चाहने वाले कार्यकर्ता और नेताओं को संतुष्ट कर सकती है क्योंकि हर विभाग में एक प्रदेश संयोजक, एक सह संयोजक के साथ उसकी टीम बनानी होगी. ऐसे में बड़ी संख्या में प्रकोष्ठ, प्रकल्प और विभाग में जब गठन और नियुक्ति का दौर चलेगा तो उसके जरिए सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ताओं को संतुष्ट किया जा सकता है. लेकिन फिलहाल ऐसे कार्यकर्ता और नेताओं को अब कोरोना महामारी के दौरान उपजे हालातों के सामान्य होने तक इंतजार करना होगा.

ये है प्रकल्प/प्रकोष्ठ

प्रदेश भाजपा में विधि, बुद्धिजीवी, व्यवसायिक, आर्थिक, चिकित्सा, शिक्षक, सहकारिता, पूर्व सैनिक, सांस्कृतिक, व्यापार, बुनकर, पशुपालन/घुमंतू , प्रवासी, नगर निकाय, पंचायत राज और खेल प्रकल्प सहित 19 प्रकल्प बनाए जाने हैं. जिनमें एक संयोजक, एक सह संयोजक और सदस्यों की घोषणा होगी. प्रदेश स्तर पर प्रकल्प में 9 सदस्य बनाए जाएंगे जबकि जिला स्तर पर सदस्यों की संख्या 7 और मंडल स्तर पर इन प्रकल्प व प्रकोष्ठों में सदस्यों की संख्या 5 होगी.

ये है विभाग

इसी तरह भाजपा 28 विभागों को भी वापस सक्रिय करेगी और इसमें नियुक्ति भी करेगी. इन विभागों में जिला कार्यालय निर्माण और रखरखाव विभाग, ग्रंथालय व अध्ययन विभाग, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण पर्यावरण, महासंपर्क अभियान प्रशिक्षण, सुशासन पॉलिसी रिसर्च विभाग, मीडिया विभाग, मीडिया संपर्क विभाग, पॉलिटिकल फीडबैक विभाग, डॉक्यूमेंटेशन विभाग, आपदा राहत सहयोग विभाग, प्रशासनिक विभाग प्रचार, साहित्य निर्माण विभाग, चुनाव प्रबंधन विभाग, चुनाव आयोग समन्वय विभाग, कानूनी विधिक कार्य विभाग, पार्टी पत्रिका प्रकाशन विभाग, सोशल मीडिया विभाग, आजीवन सहयोग निधि विभाग, आईटी सेल और एफबी पेज विभाग, पर्यावरण विभाग प्रमुख है. इनमें एक संयोजक, एक सह संयोजक के साथ कुछ सदस्य भी बनाए जाएंगे जिनकी नियुक्ति होगी.

जयपुर. प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के प्रकोप ने अब राजस्थान भाजपा में लंबे समय से अटके विभाग, प्रकोष्ठ और प्रकल्पों के गठन के काम को एक बार फिर ठंडे बस्ते में डाल दिया. पहले उम्मीद थी कि उपचुनाव के बाद भाजपा में बची हुई नियुक्ति और प्रकल्प विभाग और प्रकोष्ठ का गठन कर दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा समय में यह काम फिर से अटकता हुआ दिख रहा है.

पढ़ें- राजस्थान : कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हाथ अब भी खाली, लेकिन ब्यूरोक्रेसी को मिली अहम जिम्मेदारी

कोरोना महामारी ने लगाया ब्रेक, जनसेवा में जुटी भाजपा

दरअसल कोरोना महामारी की दूसरी लहर प्रदेश में अपना कहर बरपा रही है. यही कारण है कि इस दौरान आए उपचुनाव के परिणाम पर भाजपा में समीक्षा तक नहीं हुई और ना ही हार के कारणों का विश्लेषण कर कोई रिपोर्ट तैयार की गई क्योंकि भाजपा के नेता व कार्यकर्ता या तो खुद कोरोना महामारी की चपेट में आ गए या फिर प्रदेशवासियों को इस महामारी से बचाने और उनकी मदद में जुटे हैं. खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया लगातार विभिन्न माध्यमों से सेवा ही संगठन से जुड़े अभियान को गति देने में लगे हैं ताकि इस महामारी के दौरान भाजपा संगठन के माध्यम से प्रदेश की जनता की अधिक से अधिक मदद की जा सके.

स्थिति सामान्य होने पर होगा संगठन का विस्तार

प्रदेश भाजपा से जुड़े आला नेता कहते हैं कि फिलहाल मौजूदा समय में जनसेवा जरूरी है. ऐसे में जब महामारी का यह दौर निकलेगा और स्थितियां सामान्य होगी तब पार्टी में नई नियुक्ति और विभाग प्रकल्प और प्रकोष्ठ के गठन के बारे में सोचा जाएगा. फिलहाल, प्रदेश भाजपा के 19 प्रकल्प और 28 विभागों में पुनर्गठन और नियुक्तियों का दौर अब स्थितियां सामान्य होने पर शुरू हो पाएगा और तब ही पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पद देकर संतुष्ट किया जाएगा.

7 प्रकोष्ठ और प्रकल्प बढ़ा

भाजपा के केंद्रीय स्तर पर प्रदेश को पहले 12 प्रकल्प/प्रकोष्ठ ही गठन करने का अधिकार था, जिसे बढ़ाकर 19 कर दिया गया है. मतलब अब प्रदेश अपने स्तर पर 19 प्रकल्पों का गठन कर सकता है. इसी तरह 28 विभागों के गठन को भी सैद्धांतिक रूप से पार्टी ने मंजूरी दे दी है और इसके लिए सभी प्रदेश इकाइयों को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने विस्तृत गाइडलाइन भी जारी कर दी है.

सैकड़ों कार्यकर्ताओं को पद के जरिए किया जा सकता है संतुष्ट

प्रदेश संगठन में इन प्रकल्प/प्रकोष्ठ और विभागों के जरिए पार्टी सैकड़ों की तादाद में पद और दायित्व चाहने वाले कार्यकर्ता और नेताओं को संतुष्ट कर सकती है क्योंकि हर विभाग में एक प्रदेश संयोजक, एक सह संयोजक के साथ उसकी टीम बनानी होगी. ऐसे में बड़ी संख्या में प्रकोष्ठ, प्रकल्प और विभाग में जब गठन और नियुक्ति का दौर चलेगा तो उसके जरिए सैकड़ों की तादाद में कार्यकर्ताओं को संतुष्ट किया जा सकता है. लेकिन फिलहाल ऐसे कार्यकर्ता और नेताओं को अब कोरोना महामारी के दौरान उपजे हालातों के सामान्य होने तक इंतजार करना होगा.

ये है प्रकल्प/प्रकोष्ठ

प्रदेश भाजपा में विधि, बुद्धिजीवी, व्यवसायिक, आर्थिक, चिकित्सा, शिक्षक, सहकारिता, पूर्व सैनिक, सांस्कृतिक, व्यापार, बुनकर, पशुपालन/घुमंतू , प्रवासी, नगर निकाय, पंचायत राज और खेल प्रकल्प सहित 19 प्रकल्प बनाए जाने हैं. जिनमें एक संयोजक, एक सह संयोजक और सदस्यों की घोषणा होगी. प्रदेश स्तर पर प्रकल्प में 9 सदस्य बनाए जाएंगे जबकि जिला स्तर पर सदस्यों की संख्या 7 और मंडल स्तर पर इन प्रकल्प व प्रकोष्ठों में सदस्यों की संख्या 5 होगी.

ये है विभाग

इसी तरह भाजपा 28 विभागों को भी वापस सक्रिय करेगी और इसमें नियुक्ति भी करेगी. इन विभागों में जिला कार्यालय निर्माण और रखरखाव विभाग, ग्रंथालय व अध्ययन विभाग, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण पर्यावरण, महासंपर्क अभियान प्रशिक्षण, सुशासन पॉलिसी रिसर्च विभाग, मीडिया विभाग, मीडिया संपर्क विभाग, पॉलिटिकल फीडबैक विभाग, डॉक्यूमेंटेशन विभाग, आपदा राहत सहयोग विभाग, प्रशासनिक विभाग प्रचार, साहित्य निर्माण विभाग, चुनाव प्रबंधन विभाग, चुनाव आयोग समन्वय विभाग, कानूनी विधिक कार्य विभाग, पार्टी पत्रिका प्रकाशन विभाग, सोशल मीडिया विभाग, आजीवन सहयोग निधि विभाग, आईटी सेल और एफबी पेज विभाग, पर्यावरण विभाग प्रमुख है. इनमें एक संयोजक, एक सह संयोजक के साथ कुछ सदस्य भी बनाए जाएंगे जिनकी नियुक्ति होगी.

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