जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा चलाए जा रहे प्रशासन शहरों व गांवों के संग अभियान को लेकर भाजपा ने गहलोत सरकार पर जुबानी हमला बोला है. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि सरकार अभियान के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी कर रही है. यूपी सरकार ने इस अभियान के जरिए 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा है.
रामलाल शर्मा ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान भी स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने सरकार की बड़ी तारीफ करते हुए कहा था कि जो काम इतिहास के पन्नों में कभी नहीं हुआ वो काम हम करके बताएंगे. लेकिन जब मंत्री एक शिविर के अंदर स्वयं पहुंचे और वहां की स्थिति से अवगत हुए, तो उनकी आंखें खुली. उन्होंने शिविर में की जारी औपचारिकताओं को मानते हुए अधिकारियों को कहा कि काम नहीं करोगे, तो मैं आपको निलंबित कर दूंगा.
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शर्मा ने कहा कि इस अहंकार के अंदर मंत्री जी का जवाब इस बात को दर्शाता है कि इस अभियान के अंदर सिर्फ औपचारिकता ही पूरी की जा रही है. जनता की समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो रहा है. ना ही पट्टा देने का काम हो रहा है और ना ही शिविर के माध्यम से अन्य कोई काम किए जा रहे हैं. शर्मा ने कहा कि सरकार एक बार वो सूची मंगवा ले, जिसमें जनता ने पट्टा प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था और उनकी संख्या कितनी है और इसमें पट्टे वितरित करने की संख्या कितनी है. इन दोनों में जमीन आसमान का अंतर दिखाई दे जाएगा.
उपमहापौर ने अभियान पर उठाया सवाल
नगर निगम ग्रेटर जयपुर के उपमहापौर पुनीत कर्णावट ने जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान में पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को सर्वेसर्वा बनाने के बाद अभियान का क्या हश्र हुआ यह सरकार के मंत्री शान्ति धारीवाल ने अपने निरीक्षण के दौरान खुद ही देख लिया है. पुनीत कर्णावट ने इस संबंध एक बयान भी जारी किया.
पुनीत कर्णावट ने कहा कि उन्होंने पूर्व में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखकर आगाह किया था कि अभियान की सफलता और प्रासंगिकता बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों की भूमिका सुनिश्चित की जाए लेकिन सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की. उसका नतीजा सबके सामने है. अभियान की जानकारी लेने निकले स्वायत्त शासन मंत्री धारीवाल को नगर निगम के जोन कार्यालय में चल रहे कैंप में अहसास हो गया कि केवल अधिकारियों को अभियान की कमान सौंपकर सरकार से गलती हुई है.
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मंत्री ने स्वयं देखा कि कैसे अधिकारी, कर्मचारी बेवजह ऑब्जेक्शन लगाकर फाइलों को अटका रहे हैं. महत्वपूर्ण बात है कि यह स्थिति तो राजधानी जयपुर की है, जहां पूरी सरकार बैठती है. ऐसे में राज्य के अन्य शहरों, कस्बों में अभियान कैसा चल रहा होगा. इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. साल से जमीन, मकान के पट्टों का सपना संजोए बैठे लोग कैम्प में आने से भी घबराने लगे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं बेलगाम अधिकारी फाइल पर ऐसी नोटिंग न कर दे कि कभी पट्टा मिल ही ना सके.
मंत्री धारीवाल पर पट्टे पेंडिग रहने पर लगाया आरोप
पुनीत कर्णावट ने कहा कि अभियान शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री से निवेदन किया था कि अलग-अलग पार्टियों से होने के बावजूद जनप्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं और उन्हें लोगों के दुखदर्द की चिंता होती है. इसलिए अपनी पूरी क्षमता से लोगों के काम करवाने की कोशिश करते हैं. मंत्री धारीवाल ने नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 69 ए को जादुई धारा बताते हुए अभियान में 10 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य जारी करने के दावे पर कर्णावट ने कहा कि 69 ए की जादुई धारा तो पहले भी थी लेकिन यदि अधिकारी पूरी ईमानदारी, जवाबदेही, मेहनत व लगन से काम करते तो 10 लाख पट्टे पेंडिंग ना रहते.
पुनीत कर्णावट ने राज्य सरकार से कहा कि अभियान की सफलता और निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित करें. जिससे पट्टों के लिए वर्षों से नगर निगम, जेडीए और निकायों के चक्कर काट रहे लोगों को राहत मिल सके और अपने जीवनकाल का सपना पूरा हो सके.