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Rajasthan BJP in UP Punjab Election: यूपी-पंजाब की चुनावी रणनीति को साधने पहुंचे राजस्थान भाजपा के नेता...सोशल इंजीनियरिंग में रखा जातिगत समीकरणों का ध्यान

उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनावी जमीन पर कमल खिलाने के लिए भाजपा ने राजस्थान से बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे किया है. दोनों राज्यों की जमीनी रणनीति को साधने के लिए पार्टी ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ये निर्णय किया है. राजस्थान से यूपी और पंजाब के सियासी मैदान में उतरे नेता पार्टी की रणनीति को धरातलीय रूप देने में जुटे हैं (Rajasthan leaders in UP Election).

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यूपी और पंजाब में राजस्थान बीजेपी नेता
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Published : Jan 27, 2022, 5:43 PM IST

जयपुर. उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनावी मैदान में इस बार भाजपा ने राजस्थान से बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीनी रणनीति साधने के लिए उतारा है. इन नेताओं को संगठनात्मक और चुनाव प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारियां दी गई हैं. दोनों राज्यों में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही पार्टी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे किया है. उत्तर प्रदेश में जहां ब्राह्मण, राजपूत, जाट और ओबीसी में आने वाली कुछ जातियों के नेताओं को जिम्मेदारी दी है तो पंजाब में राजस्थान के सिख पंजाबी और दलित समाज के नेताओं को प्रमुखता से भेजा गया है.

यूपी में ब्राह्मण-ओबीसी समाज के नेताओं की ज्यादा डिमांड

बात करें उत्तर प्रदेश चुनाव की तो राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को यहां सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है (Social Engineering in UP Election). साथ ही राजस्थान से अन्य 97 नेताओं को उत्तर प्रदेश के 7 जिलों की 36 विधानसभा सीटों पर जिम्मेदारियां दी गई है. इनके समन्वय के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच सहित दो अन्य प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है.

मुकेश दाधीच सहित कुल 19 ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता इन जिलों में सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से लगाए गए हैं. वहीं जाट समाज के 9, राजपूत समाज के 9, यादव समाज के 6 ओर वैश्य समाज से आने वाले 7 नेताओं को यहां अलग-अलग विधानसभा सीटों पर जिम्मेदारी दी गई है. कुछ एक सीट पर राजस्थान के दलित समाज से आने वाले नेताओं को भी जिम्मेदारी मिली है. खुद अर्जुन राम मेघवाल जिन्हें इन चुनाव में सह प्रभारी बनाया गया है, वह दलित समाज से ही आते हैं. राजस्थान से यूपी में भेजे गए इन नेताओं में सर्वाधिक ओबीसी समाज से आने वाले नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं.

यह भी पढ़ें. यूपी-पंजाब के चुनाव मैदान में राजस्थान के रणनीतिकार...जीत दिलाने के लिए बहा रहे पसीना...परिणाम तय करेगा 'भविष्य'

पंजाब में सिख, दलित और पंजाबी समाज के नेताओं की डिमांड

पंजाब विधानसभा चुनाव में संगठन की दृष्टि से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई (Gajendra Shekhawat in Punjab Election) है. इसके अलावा पंजाब के 9 जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर राजस्थान के भाजपा प्रदेश मंत्री अशोक सैनी, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक मटोरिया के नेतृत्व में 85 से अधिक नेताओं को जिम्मेदारियां मिली हैं.

राजस्थान के इन जिलों के कार्यकर्ता लगाए

पंजाब राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर और हनुमानगढ़ जिले के नजदीक वाला राज्य है. लिहाजा अधिकतर कार्यकर्ता इन्हीं क्षेत्रों से पंजाब चुनाव में तैनात किए गए हैं. राजस्थान से सिख समाज और पंजाबी समाज के अलावा दलित समाज के भी कई नेता और कार्यकर्ताओं को पंजाब के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने जिम्मेदारियां दी है. मतलब यहां भी पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए ही राजस्थान के नेताओं को जिम्मेदारियां दी है.

जयपुर. उत्तर प्रदेश और पंजाब के चुनावी मैदान में इस बार भाजपा ने राजस्थान से बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जमीनी रणनीति साधने के लिए उतारा है. इन नेताओं को संगठनात्मक और चुनाव प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारियां दी गई हैं. दोनों राज्यों में जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही पार्टी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे किया है. उत्तर प्रदेश में जहां ब्राह्मण, राजपूत, जाट और ओबीसी में आने वाली कुछ जातियों के नेताओं को जिम्मेदारी दी है तो पंजाब में राजस्थान के सिख पंजाबी और दलित समाज के नेताओं को प्रमुखता से भेजा गया है.

यूपी में ब्राह्मण-ओबीसी समाज के नेताओं की ज्यादा डिमांड

बात करें उत्तर प्रदेश चुनाव की तो राजस्थान से आने वाले केंद्रीय मंत्री और बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल को यहां सह प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है (Social Engineering in UP Election). साथ ही राजस्थान से अन्य 97 नेताओं को उत्तर प्रदेश के 7 जिलों की 36 विधानसभा सीटों पर जिम्मेदारियां दी गई है. इनके समन्वय के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच सहित दो अन्य प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है.

मुकेश दाधीच सहित कुल 19 ब्राह्मण नेता और कार्यकर्ता इन जिलों में सोशल इंजीनियरिंग के लिहाज से लगाए गए हैं. वहीं जाट समाज के 9, राजपूत समाज के 9, यादव समाज के 6 ओर वैश्य समाज से आने वाले 7 नेताओं को यहां अलग-अलग विधानसभा सीटों पर जिम्मेदारी दी गई है. कुछ एक सीट पर राजस्थान के दलित समाज से आने वाले नेताओं को भी जिम्मेदारी मिली है. खुद अर्जुन राम मेघवाल जिन्हें इन चुनाव में सह प्रभारी बनाया गया है, वह दलित समाज से ही आते हैं. राजस्थान से यूपी में भेजे गए इन नेताओं में सर्वाधिक ओबीसी समाज से आने वाले नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं.

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पंजाब में सिख, दलित और पंजाबी समाज के नेताओं की डिमांड

पंजाब विधानसभा चुनाव में संगठन की दृष्टि से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई (Gajendra Shekhawat in Punjab Election) है. इसके अलावा पंजाब के 9 जिलों की 31 विधानसभा सीटों पर राजस्थान के भाजपा प्रदेश मंत्री अशोक सैनी, प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक मटोरिया के नेतृत्व में 85 से अधिक नेताओं को जिम्मेदारियां मिली हैं.

राजस्थान के इन जिलों के कार्यकर्ता लगाए

पंजाब राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर और हनुमानगढ़ जिले के नजदीक वाला राज्य है. लिहाजा अधिकतर कार्यकर्ता इन्हीं क्षेत्रों से पंजाब चुनाव में तैनात किए गए हैं. राजस्थान से सिख समाज और पंजाबी समाज के अलावा दलित समाज के भी कई नेता और कार्यकर्ताओं को पंजाब के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने जिम्मेदारियां दी है. मतलब यहां भी पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग को ध्यान में रखते हुए ही राजस्थान के नेताओं को जिम्मेदारियां दी है.

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