जयपुर. निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) के पति राजाराम गुर्जर (Rajaram Gurjar) के वायरल वीडियो (Viral Video) मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) के लगाए आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि राजस्थान (Rajasthan) में कांग्रेस की सरकार है और वो चाहे जिस एजेंसी से जांच करा लें. वहीं, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने भी संघ को लेकर लगाए आरोपों को निराधार बताया है.
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पवन खेड़ा ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप
दरअसल, बुधवार को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) ने राजाराम गुर्जर के BVG कंपनी प्रतिनिधि के साथ बातचीत के वायरल वीडियो (Viral Video of Rajaram Gurjar) को दिखाते हुए भाजपा (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए हैं. खेड़ा ने राजस्थान में भाजपा की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर का कथित तौर पर वायरल वीडियो और ऑडियो सार्वजनिक करते हुए उन्हें भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त बताया.
जारी किए गए वीडियो में राजाराम गुर्जर कचरा साफ करने वाली कंपनी बीवीजी नागपुर के प्रतिनिधि से बात करते नजर आ रहे हैं. इन वीडियो में बीजेपी-आरएसएस नेता 276 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए 10% कमीशन मांग रहे हैं.
पवन खेड़ा ने कहा कि वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बीवीजी कंपनी को कूड़ा उठाने का ठेका दिया गया था, जिसके बिल के भुगतान के लिए निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर और भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं पर नगर आयुक्त के साथ मारपीट का आरोप लगा था. एक अन्य ऑडियो में, भाजपा नेता राजाराम एक कचरा साफ करने वाली कंपनी के एक कर्मचारी पर चिल्ला रहे थे और उनसे भुगतान जारी करने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं नितिन गडकरी और देवेंद्र फडणवीस से बात ना करने को कह रहे थे.
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केवल आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है: भाजपा
इसके बाद प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच (Mukesh Dadhich) ने भी कांग्रेस (Congress) पर पलटवार किया. दाधीच ने कहा कि कांग्रेस की हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे की तरह हो रही है, जो खुद भ्रष्टाचार की गंगा में नहाए हुए हो वे दूसरों पर आरोप लगाए यह शोभा नहीं देता. दाधीच ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार (Congress Government in Rajasthan) है और इस पूरे प्रकरण की जांच वह किसी भी एजेंसी से करवा सकती है. केवल आरोप लगाने से कुछ नहीं होता है, उसे साबित भी करें. उन्होंने कहा कि जो गहलोत सरकार (Gehlot Government) अपने ही विधायकों पर SOG (Special Operations Group) की ओर से मामले दर्ज करवाती है और बाद में उसे FR (Final Report) लगवा देती है उस सरकार का क्या भरोसा. दाधीच ने वीडियो को भी काट छांट किया हुआ बताया.
सारे आरोप निराधार: सराफ
वहीं, पूर्व मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने भी वायरल वीडियो (Viral Video) में संघ की भूमिका पर उठाए गए सवालों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) एक राष्ट्रवादी राष्ट्रभक्त संगठन है और उस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं.
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मैंने वीडियो नहीं देखा है: सराफ
हालांकि, इस दौरान कालीचरण सराफ (BJP MLA Kalicharan Saraf) ने यह भी कहा कि उन्होंने वायरल वीडियो (Viral Video of Rajaram Gurjar) नहीं देखा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (AAP) सहित कई विपक्षी दल राम मंदिर (Ram Mandir) जमीन खरीद को लेकर भी आरोप लगा रहे हैं, जो पूरी तरह निराधार है.
क्या है पूरा मामला...
जयपुर ग्रेटर नगर निगम से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो निवर्तमान महापौर सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) के पति राजाराम गुर्जर (Rajaram Gurjar) का बताया जा रहा है. हालांकि ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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वायरल वीडियो में बीवीजी के अधिकारियों से 20 करोड़ रुपए के कमीशन पर बात हो रही है. बीवीजी कंपनी का करीब 276 करोड़ रुपए का पेमेंट बताया जा रहा है. वायरल वीडियो में बकाया पेमेंट रिलीज कराने के लिए राजाराम गुर्जर और बीवीजी (BVG कंपनी) के अधिकारियों के बीच बात हो रही है. पेमेंट के बदले 20 करोड़ रुपए रिश्वत की डील हो रही है.
दरअसल, साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. तभी से इस व्यवस्था का विवादों के साथ चोली दामन का साथ रहा, जो अब तक जारी है. बीते कुछ महीनों से तो विवाद और गरमा गया है. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.
निगम की दलील
निगम की दलील है कि कंपनी की तरफ से डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत जो सेवा दी गई वो तय मानकों पर नहीं थी इसलिये ये पेमेंट रोकी गई है. कुल मिलाकर ये 276 करोड़ रुपये बीवीजी कंपनी द्वारा डोर टू डोर कचरा संग्रहण योजना के तहत दी गई सेवा के बदले मांग रही है. वायरल वीडियो में तारीख भी लिखी हुई आ रही है, जो कि 20 अप्रैल 2021 का बताया जा रहा है. ग्रेटर नगर निगम (Greater Nagar Nigam) में चल रही पॉलिटिक्स के बीच एक नया मामला उजागर हुआ है. वीडियो को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर लोगों में भी कई तरह की चर्चाएं हो रही है. पिछले दिनों बीवीजी कंपनी का बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से कंपनी के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे, जिसकी वजह से शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी.