जयपुर. प्रदेश में भ्रष्टाचार फैलाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ राजस्थान एसीबी की कार्रवाई (Rajasthan ACB breaking record of its own actions) जारी है. राजस्थान एसीबी हर साल अपनी ही कार्रवाईयों का पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए नए आयाम स्थापित कर रहा है. अब लोग सामने आकर भ्रष्टाचार की शिकायत करने लगे हैं. एसीबी के किए जाने वाले तमाम बड़ी कार्रवाई का सुपरविजन एसीबी डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन कर रहे हैं.
एसीबी की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई को लेकर ईटीवी भारत ने एसीबी एडीजी दिनेश एमएन से खास बातचीत की. एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और एसीबी की ओर से की गई बड़ी कार्रवाई के चलते लोगों में एसीबी के प्रति विश्वास काफी बढ़ा है. एसीबी ने जो हेल्पलाइन नंबर और रिवाल्विंग फंड शुरू किया है, उसके बाद लोगों तक एसीबी की पहुंच और आसान हुई है. इसके चलते कार्रवाई की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
भ्रष्टाचार के मामलों को कर रहे क्लोसली मॉनिटर : एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि भ्रष्टाचार के तमाम प्रकरणों कि मॉनिटरिंग वो खुद एसीबी के आला अधिकारियों के साथ करते हैं. इसके साथ ही इन्वेस्टिगेशन भी आला अधिकारियों के सुपर विजन में की जाती है. इसके साथ ही कोर्ट में यदि बेल लग रही है या चालान पेश हो रहा है तो उसकी भी क्लोज मॉनिटरिंग की जाती है. साथ ही कोर्ट की कार्यवाही की भी क्लोज मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके चलते भ्रष्टाचारियों को जमानत मिलना भी काफी मुश्किल हो गया है. इसके साथ ही अभियोजन स्वीकृति को लेकर भी क्लोज मॉनिटरिंग की जाती है. एसीबी की ओर से कोर्ट में पेश किए जाने वाले चालान के स्तर में भी काफी सुधार हुआ है.
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एसीबी कार्रवाई के ऊपर कोई पॉलिटिकल प्रेशर नहीं : एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि एसीबी की ओर से की जाने वाली कार्रवाई पर कोई पॉलिटिकल प्रेशर नहीं होता है. एसीबी जब भी कोई ट्रैप करती है या किसी को गिरफ्तार करती है तो मजबूत एविडेंस के आधार पर ही कार्रवाई की जाती है. बिना एविडेंस के एसीबी कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकती है. एसीबी की ओर से लगातार की जा रही कार्रवाई के चलते सरकार और मुख्यमंत्री को एसीबी पर पूरा भरोसा है. उनकी तरफ से एसीबी को पूरी फ्रीडम दे रखी है. यही कारण है कि एसीबी सरकार से किसी भी ट्रैप को लेकर कोई परमिशन नहीं लेती है. न ही सरकार की तरफ से या कोई अन्य पॉलिटिकल प्रेशर एसीबी की कार्रवाई के लिए रहता है.
90% से अधिक प्रकरणों में मिली अभियोजन स्वीकृति : एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि सरकार ने एसीबी की ओर से की जा रही कार्रवाई को लेकर 90% से अधिक प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति प्रदान की है. जिन प्रकरणों में विभाग की ओर से अभियोजन स्वीकृति प्रदान नहीं की गई, उन्हें भारतीय कानून के अनुसार ही विभाग अस्वीकृत करता है. किसी भी प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने के लिए डीजी और एडीजी अपने स्तर पर प्रयास करते हैं, इसके साथ ही संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष और सेक्रेटरी से एसीबी के अधिकारी स्वयं जाकर मिलते हैं. राजस्थान एसीबी को मार्च 2022 तक 140 प्रकरणों में से 130 प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हुई, वहीं 10 प्रकरणों में मनाही प्राप्त हुई.
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जन जागरूकता अभियान से जानी एसीबी की कार्यप्रणाली : राजस्थान में गांव-गांव और ढाणी-ढाणी में रहने वाले लोगों को एसीबी के प्रति जागरूक करने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया. जिसके तहत लोगों ने एसीबी की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की. लोग किस तरह से भ्रष्टाचार की शिकायत एसीबी को कर सकते हैं, किस तरह से किसी प्रकार की सूचना एसीबी को दे सकते हैं और किस तरह से खुद का नाम गोपनीय रखते हुए किसी भ्रष्ट व्यक्ति को गिरफ्तार करवा सकते हैं, इन तमाम चीजों के बारे में लोगों को जन जागरूकता कार्यक्रम के तहत जानकारी दी गई.
अभियान के जरिए लोगों ने एसीबी की कार्यप्रणाली को जाना और भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों की शिकायत करना शुरू किया है. जिसके चलते ऐसे विभाग जहां पर पहले एसीबी की पहुंच नहीं थी, अब उन विभागों में भी भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी कार्रवाई कर रही है. जो भी व्यक्ति एसीबी के पास शिकायत लेकर आता है उसकी पूरी बात सुनी जाती है और फिर संबंधित भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को ट्रैप किया जाता है. साथ ही उस व्यक्ति के जायज काम को भी एसीबी पूरा करवाती है. साथ ही रिवाल्विंग फंड से ट्रैप की राशि भी परिवादी को दी जा रही है.
इंटेलिजेंस कलेक्ट से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई : एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि एसीबी की प्रत्येक विंग इंटेलिजेंस कलेक्ट करने का काम भी करती है. ऐसे विभाग जहां पर कई लोग भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, उन विभागों में काम करने वाले संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जाती है. इंटेलिजेंस कलेक्ट कर ऐसे लोगों के विरुद्ध एविडेंस जुटाए जाते हैं. जब पैसों का लेनदेन होता है तो कार्रवाई करते हुए पैसा लेने वाले और देने वाले दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया जाता है. हर 15 दिन में इंटेलिजेंस के आधार पर एसीबी एक कार्रवाई को अंजाम देती है.
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एक-एक रुपए कीमती, उसे रिश्वत में न गवाएं : एडीजी दिनेश एमएन ने ईटीवी भारत के माध्यम से आमजन से अपील की है कि कोरोना काल में रुपए कमाना बेहद जटिल काम हो गया है. इस वक्त एक-एक रुपया बेहद कीमती है. ऐसे में अपनी मेहनत की कमाई को रिश्वत के रूप में न गंवाए. जो भी व्यक्ति रिश्वत की मांग करे उसकी शिकायत तुरंत एसीबी को करें, ताकि उसके के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके. एसीबी न केवल भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को गिरफ्तार करेगी, बल्कि परिवादी को सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी. उसके काम भी पूरे करवाएगी, और साथ ही ट्रैप राशि भी 7 से 8 दिन में परिवादी को वापस दिलवाएगी.
युवाओं की सबसे बड़ी ताकत उनका जोश और जज्बा : दिनेश एमएन ने ईटीवी भारत के माध्यम से युवाओं को ये संदेश देते हुए कहा कि युवाओं की सबसे बड़ी ताकत उनका जोश और उनका काम करने का जज्बा है. युवा अपने ऊपर पूरा विश्वास रखें और जो भी फील्ड वो चुनते हैं, उस फील्ड में जमकर मेहनत करें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करें. उन्होंने कहा कि बिना मेहनत किए कोई भी व्यक्ति सफल नहीं होता इसलिए सफल होने के लिए मेहनत लगातार जारी रखें. किसी भी चीज में असफल होने पर निराश न हो और खुद को पॉजिटिव रखते हुए लगातार प्रयास करते रहें. अपने परिवार के लिए, अपने समाज के लिए और अपने राष्ट्र के लिए जितना अच्छा काम कर सके वो अवश्य करें.