जयपुर. देशभर में कोरोनावायरस का संक्रमण जारी है. इसी बीच अब रेलवे और सरकारी ऑफिस भी 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ खुल गए हैं. लेकिन रेलवे में कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो लंबे समय से ऑफिस नहीं जा रहे हैं. उनके लिए अब परेशानी भी खड़ी हो रही है. रेलवे ने अब अपने कर्मचारियों की छुट्टी का हिसाब लगाना शुरू कर दिया. उत्तर पश्चिम रेलवे के डिप्टी सीपीओ परमेश्वर सेन ने सभी मंडलों और कारखानों के प्रमुख और कार्मिक विभाग के अधिकारियों को एक निर्देश जारी कर छुट्टियों से जुड़ी गाइडलाइंस जारी की है. इसमें सभी मंडलों और कारखानों से उनके यहां कार्यरत कर्मचारियों की उपस्थितियों का रिकॉर्ड भी मांगा गया है.
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रेलवे की नई गाइडलाइन के अनुसार जो कर्मचारी 23 मार्च मतलब कि लॉकडाउन से पहले से ही छुट्टियों पर हैं, और बाद में वे लॉकडाउन के चलते ऑफिस नहीं आ रहे हैं, ऐसे कर्मचारियों पर डीएआर और नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, उन्हें आर्थिक दंड या लीव विदाउट पे भी दिया जाएगा.
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वहीं नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के जोनल उपाध्यक्ष राजेश शर्मा और संयुक्त सचिव सुभाष पारीक ने बताया कि, जो कर्मचारी लॉकडाउन से पहले अनुमति लेकर छुट्टी पर गए हुए हैं, या मुख्यालय से बाहर है. उन्हें इस अवधि में स्पेशल कैजुअल लीव दी जाएगी. उनकी निजी खाते से छुट्टी नहीं काटी जाएगी. इससे न तो उनके खिलाफ कोई प्रशासनिक कार्रवाई होगी और न ही उन्हें आर्थिक नुकसान भी होगा. यह लाभ लॉकडाउन से पहले बाहरी ड्यूटी पर गए कर्मचारियों को भी मिलेगा.