जयपुर. राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कोरोना केसों में लगातार कमी देखने को मिली है. अब राजस्थान में औसत तीन से चार हजार संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि यह एक राहत भरी खबर जरूर है लेकिन इसी बीच प्रदेश में टेस्टिंग के आंकड़ों में भी कमी आई है. जब कोरोना के मामले पीक पर थे, तब राजस्थान में 70 से 80 हजार टेस्टिंग हर रोज हो रही थी. लेकिन अब यह संख्या घटकर 50 हजार पर पहुंच गई है.
राजस्थान सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले कम हुए हैं और रिकवरी रेट भी बढ़ने लगी है. राजस्थान में तकरीबन रिकवरी रेट 88% तक पहुंच चुकी है और जहां एक्टिव केसों की संख्या 2 लाख के पार पहुंच गई थी, अब वो 78 हजार के पास आ गई है. लेकिन इस बीच एक सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या टेस्टिंग कम करने से संक्रमण के आंकड़े घटे हैं.
टेस्टिंग घटाने पर क्या बोले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा
चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने टेस्टिंग की संख्या घटाने के सवाल पर कहा कि हमने टेस्टिंग में किसी तरह की कमी नहीं की है. बल्कि राजस्थान में तकरीबन एक लाख से अधिक टेस्टिंग की क्षमता विकसित कर ली गई है और हाल ही में सरकार की ओर से घर-घर जाकर सर्वे भी किया जा रहा है. ताकि बीमार व्यक्तियों की पहचान की जा सके. इसके अलावा सरकार की ओर से एंटीजन टेस्ट की भी शुरुआत की जा रही है. जिससे संक्रमित व्यक्ति की पहचान आसानी से हो सकेगी.
लॉकडाउन का भी असर
राजस्थान में संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया था. जिसे अब 8 जून तक बढ़ा दिया गया है. चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का कहना है कि लॉकडाउन एक अंतिम विकल्प के रूप में सरकार के पास बचा था और लॉकडाउन का असर भी साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. क्योंकि बीते कुछ समय से राजस्थान में कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिली है.