जयपुर. पुलवामा आतंकी हमले में भारत के 40 जवान देश के लिए कुर्बान हो गए. इन वीर जवानों में एक कुर्बानी जयपुर जिले के गोविंदपुरा बासड़ी गांव के शहीद रोहिताश लांबा की भी थी. लांबा जब शहीद हुए तो सरकार ने उनकी शहादत पर कई घोषणाएं की, लेकिन वो सभी अब तक पूरी नहीं हुई है. खासतौर पर शहीद के नाम पर सरकारी स्कूल का नामांकन करने की घोषणा भी अब तक अधूरी है.
क्षेत्र के स्थानीय भाजपा विधायक रामलाल शर्मा के अनुसार वे खुद शहीद रोहिताश लांबा की अंत्येष्टि के दौरान मौजूद थे. उन्होंने बताया, कि उस दौरान सरकार ने कई घोषणा की, लेकिन प्रदेश सरकार शहीद की शहादत को भी भूल चुकी है. यही कारण है कि जो वादे किए गए वह अब तक अधूरे हैं. रामलाल शर्मा ने सरकार से मांग की है कि जो वादे अधूरे हैं उसे जल्द पूरा किया जाए.
आर्थिक मदद तो मिली, लेकिन सम्मान के लिए नहीं हुआ काम
शहीद की शहादत को कोई भुला नहीं सकता. लेकिन शहीद परिवार के दर्द को जानकर लगता है कि सरकार शहीद को भूल गई. शहीद के परिजनों को आर्थिक मदद के तौर पर प्रदेश सरकार ने 50 लाख रुपए और केंद्र सरकार ने 80 लाख रुपए देकर आर्थिक सहायता की थी. भामाशाहों ने भी शहीद परिवार की बढ़-चढ़कर मदद की थी. उस समय की गई घोषणाओं को 1 साल गुजर गया, लेकिन अब तक ये घोषणाएं पूरी नहीं हुई है. अब तक ना तो स्कूल का नामकरण शहीद के नाम पर हुआ और ना ही किसी को सरकारी नौकरी मिली है. इतना ही नहीं शहीद स्मारक के नाम का बजट भी अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ है.
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वहीं, ईटीवी भारत ने जब यह मामला उठाया तो प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही इस मामले को दिखाएंगे और यकीनन शहीद के नाम पर जो घोषणा सरकार ने की है उसे भी पूरा किया जाएगा.
ईटीवी भारत से बातचीत में डोटासरा ने कहा कि शहीद के नाम पर स्कूल के नामांतरण की प्रक्रिया भले ही लंबी हो सकती है, लेकिन जो वादा किया गया है उसे प्रदेश सरकार जरूर निभाएगी. शिक्षा मंत्री डोटासरा ने कहा कि वे आज ही इस मामले को दिखाएंगे.