जयपुर. वरिष्ठ शिक्षकों के बाद अब टीएसपी क्षेत्र में लगे द्वितीय श्रेणी और तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने भी तबादलों की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि उनकी लगातार मांग के बावजूद भी उनका समायोजन सामान्य जिलों में नहीं किया जा रहा है. इन शिक्षकों का यह भी कहना है कि टीएसपी क्षेत्र से शिक्षा विभाग में तृतीय और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़कर अन्य सभी विभागों से कर्मचारियों के सामान्य प्रक्रिया से बड़ी संख्या में स्थानांतरण हुए हैं, लेकिन शिक्षकों के ही स्थानांतरण नहीं हुए हैं. इससे टीएसपी क्षेत्र के बेरोजगारों को भी कम पद आवंटित हो रहे हैं. टीएसपी क्षेत्र से सामान्य जिलों में समायोजन की मांग को लेकर आज नॉन टीएसपी शिक्षक संघर्ष समिति के बैनर तले धरना-प्रदर्शन किया गया.
नॉन टीएसपी शिक्षक संघर्ष समिति राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिले पूर्व में डार्क जोन में थे. इसके चलते इन जिलों में लगे शिक्षकों के स्थानांतरण 1998 से सरकार द्वारा नहीं किए जाते थे. फिर 2014 में डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ का संपूर्ण और उदयपुर, सिरोही, पाली और राजसमंद जिले का आंशिक भाग टीएसपी में आने से यहां 2014 से पूर्व सेवारत सामान्य जिलों के शिक्षकों के तबादले अभी तक नहीं हो पाए हैं. उनका कहना है कि टीएसपी सेवा नियमों के अनुसार, सामान्य जिलों के शिक्षक अब टीएसपी क्षेत्र से सामान्य जिलों में स्थानांतरण की पात्रता रखते हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण सामान्य जिलों के करीब 1300 द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी शिक्षक तबादले से वंचित हैं.
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उनका यह भी कहना है कि सामान्य जिलों के शिक्षकों के तबादले नहीं होने से टीएसपी क्षेत्र में द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के पद भी रिक्त नहीं है. इससे आने वाली भर्तियों में टीएसपी क्षेत्र के मूल निवासी डिग्रीधारी बेरोजगार युवाओं को विज्ञप्ति में पद भी नहीं मिल पा रहे हैं. इसलिए शिक्षकों और बेरोजगारों दोनों की परेशानी को देखते हुए टीएसपी क्षेत्र में लगे सामान्य जिलों के शिक्षकों के तबादले जल्द करवाने की मांग की गई है.