जयपुर. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में गुरुवार को (Protest In Jaipur) शहीद स्मारक पर ओबीसी युवा मोर्चा ने आंदोलन किया. इस दौरान ओबीसी वर्ग से जुड़े हुए कई बड़े नेता भी मौजूद रहे और सरकार से ओबीसी आरक्षण की विसंगतियां दूर करने की मांग की. शहीद स्मारक पर हुए इस आंदोलन में बड़ी संख्या में ओबीसी वर्ग से जुड़े बेरोजगार युवा भी शामिल हुए. उनका कहना था कि राजस्थान की सभी भर्तियों में ओबीसी वर्ग को आवंटित आरक्षण में कई विसंगतियां शामिल हैं, जिससे ओबीसी वर्ग के युवा प्रभावित हो रहे हैं. उन्हें आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है.
ओबीसी कैटेगरी में भूतपूर्व सैनिकों का कोटा 12.5 प्रतिशत फिक्स करने और पहले भर्तियों के (Protest against discrepancies in OBC reservation in Jaipur) बेरोजगारों के पद बहाल करने, होरिजेंटल आरक्षण की जगह वर्टिकल आरक्षण लागू करने और ओबीसी की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए ओबीसी का आरक्षण 27 फीसदी करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया. आंदोलन में जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील, पूर्व सांसद डॉ करण सिंह यादव, ओबीसी महासभा अध्यक्ष रजनी महरवाल सहित कई लोग मौजूद रहे. उन्होंने ओबीसी वर्ग के युवाओं को संबोधित किया और सरकार से जल्द ओबीसी वर्ग के आरक्षण की विसंगतियां दूर करने की मांग की.
सरकार को ट्रेलर दिखाया, पिक्चर अभी बाकी है: राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने भी युवाओं को संबोधित कर आरपार की लड़ाई का एलान किया. उन्होंने कहा ओबीसी के युवाओं के साथ कुठाराघात हो रहा है. उन्हें 21 प्रतिशत आरक्षण भी पूरा नहीं मिल पा रहा. बैक लोग की सीटें भी सामान्य प्रक्रिया से भर दी जाती हैं. उपेन ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि ओबीसी की विसंगतियां दूर नहीं की गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. फिलहाल तो सरकार को ट्रेलर दिखाया जा रहा है. आने वाले दिनों में यदि मांगे नहीं मानी गई तो पिक्चर भी देखने को मिलेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार जो एक लाख नौकरियां निकालने वाली है उनमें ओबीसी आरक्षण की विसंगतियां दूर करें. जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोई भी सरकार रही हो, वो ओबीसी वर्ग के साथ ज्यादती ही करती आई है. टॉप करने वाले छात्रों को भी ओबीसी में आरक्षण नहीं मिल पा रहा. आरोप लगाया कि प्री प्लान कर ओबीसी वर्ग का शोषण किया जा रहा है. ताकि वे अपना आरक्षण छोड़ जाएं. ओबीसी आरक्षण में जो विसंगतियां हैं, सरकार को उसे दूर करना ही पड़ेगा. पूर्व सैनिकों को ओबीसी वर्ग के कोटे में से आरक्षण न देकर उनके लिए अलग से सीटें निकाली जाए. राजाराम मील ने कहा कि ओबीसी वर्ग को कभी भी 21 फीसदी पूरा आरक्षण नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सचिवालय में बैठे अधिकारी ओबीसी वर्ग को पूरा आरक्षण नहीं देते हैं.