जयपुर. जिले में सोमवार को राजस्थान नागरिक मंच की ओर से रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी, शिक्षा, चिकित्सा में पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड लागू करने और संस्थानों के निजीकरण के विरोध में चूल्हा, सिगड़ी और लालटेन के साथ प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने महंगाई को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ज्ञापन के माध्यम से बताया, कि मंदी के दौर में अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के बजाए केंद्र सरकार ने जो बजट दिया है वह अर्थव्यवस्था को कमजोर करने वाला है. आयकर में छूट के नाम पर लाई गई वैकल्पिक नीति ने उपलब्ध छूटों से वंचित करने और बचत की प्रवृति को खत्म करने की ओर ले जाएगा.
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पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल मा केवल रेल बल्कि शिक्षा और चिकित्सा में भी आजमाया जाएगा. ज्ञापन में बताया कि केंद्रीय बजट से साफ होता है कि बजट आवंटन में 41 फीसदी की कमी की गई है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार खाद्य सब्सिडी पर खर्च में कटौती करती आ रही है, जिसका प्रभाव निश्चित तौर पर गरीब को मिलने वाले राशन पर पड़ेगा. हाल ही में रसोई गैस के दामों में भी बढ़ोतरी की गई है.
राजस्थान नागरिक मंच के कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र शर्मा ने कहा, कि केंद्र और राज्य सरकार में कोई अंतर नहीं है. राज्य सरकार ने भी बिजली के दामों में बढ़ोतरी की है. उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देकर मांग की है कि रसोई गैस के बढ़े दाम वापस लिए जाए. साथ ही पीपीपी मोड पर शिक्षा, चिकित्सा और रेल आदि के संचालन को निरस्त करने के साथ ही एलआईसी सहित अन्य संस्थानों के विनिवेश के निर्णय को वापस ले.