जयपुर. जयपुर नगर निगम ने सफाई कर्मचारियों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बच्चों के लिए शहर में पांच पिंक सिटी स्कूल तो खोले, लेकिन उनकी सुध नहीं ली. अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में एक समय में 21 स्कूल शुरू किये गए थे, लेकिन आज महज पांच ही बचे हैं. आलम ये है कि इन स्कूलों में भी छात्रों के बैठने के लिए कुर्सी टेबल, पढ़ने के लिए ब्लैक बोर्ड, रोशनी के लिए बिजली, यहां तक कि पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है.
जयपुर नगर निगम की ओर से शहर के हवामहल पश्चिम के पिंक सिटी स्कूल की ऐसी ही हकीकत ईटीवी भारत ने जगजाहिर की. जिसके बाद प्रशासन इनकी सुध लेने पहुंचा. इस संबंध में निगम प्रशासक विजय पाल सिंह ने बताया कि निगम की ओर से संचालित सभी पांचों स्कूल का फिजिकली निरीक्षण करवाया गया है. अब इंफ्रास्ट्रक्चर और पानी-बिजली जैसी व्यवस्थाओं का एस्टीमेट तैयार कराया गया है.
बता दें कि जल्द इस क्रम में काम शुरू कर स्कूलों को व्यवस्थित किया जाएगा. चूंकि नगर निगम में ऐसा कोई सेटअप नहीं है कि स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती की जा सके. ऐसे में निगम की ओर से संचालित सभी पांच स्कूल को शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव भेजा गया है.
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गौरतलब है कि 1956 में जिन स्कूलों को शुरू किया गया, उनकी हालत बद से बदतर है. निगम प्रशासक ने भी माना है कि यहां सुविधाओं का अभाव है. हालांकि अब इनका फिजिकल निरीक्षण कर एस्टीमेट तैयार किया गया है. वहीं शिक्षा विभाग से जवाब आने का भी इंतजार है.