जयपुर. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आधी आबादी को जोड़ने के लिए 40 फीसदी महिलाओं को विधानसभा चुनाव में टिकट देने का मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि क्या उत्तर प्रदेश में लागू किया गया फॉर्मूला राजस्थान या अन्य राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी लागू करेगी.
राजस्थान में इस निर्णय की कांग्रेस की महिला नेत्रियों समेत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और हर कांग्रेस नेता तारीफ कर रहे हैं. लेकिन महिलाओं को टिकट देने के मामले में जमीनी हकीकत यह है कि राजस्थान में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने के कानून की पैरवी करने वाली कांग्रेस पार्टी ने 200 में से केवल 27 महिलाओं को टिकट दिया था. ये कांग्रेस की ओर से की गई घोषणा का महज 13.5 फीसदी था.
हालांकि उपचुनावों को जोड़ दिया जाए तो पार्टी ने गायत्री देवी, रीटा चौधरी ओर प्रीति शक्तावत को भी टिकट दिया. इसके बाद भी ये संख्या 30 होती है जो कि केवल 15 फीसदी है. ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि जो पार्टी अब तक प्रदेश में महिलाओं को विधानसभा में 15 प्रतिशत टिकट भी बमुश्किल दे रही है वो 40 फीसदी आरक्षण कैसे दे पाएगी. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने 25 में से केवल 4 टिकट ही महिलाओं को दिया था. ये भी पार्टी की ओर से की गई घोषणा की तुलना में केवल 15 फीसदी ही बैठता है.
गहलोत कैबिनेट में एक महिला, वसुंधरा कैबिनेट में थी 5 महिलाएं
राजस्थान में अब तक कांग्रेस पार्टी ने उपचुनाव समेत 30 महिलाओं को विधानसभा का टिकट दिया है. इन 30 महिला नेताओ में से 14 महिलाओं ने अपनी पार्टी को जीत भी दिलाई. जबकि प्रीति शक्तावत का चुनाव अभी बाकी है. प्रियंका के निर्णय की तारीफ करने वाले सीएम अशोक गहलोत के कैबिनेट में केवल एकमात्र महिला मंत्री है. गहलोत कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 21 मंत्री हैं और कैबिनेट विस्तार में यह संख्या जब बढ़ेगी तो महिला मंत्रियों की संख्या भी बढ़ जाएगी. लेकिन हकीकत यह है की गहलोत कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 25 मंत्री बनाए गए थे जिनमें से एक का निधन हो गया और तीन मंत्री हटा दिए गए हैं.
पढ़ें. जोधपुर में राजे के बाद अब पूनिया के समर्थक करेंगे शक्ति प्रदर्शन!
गहलोत कैबिनेट के 25 मंत्रियों में से भी केवल एक ही मंत्री ममता भूपेश को स्थान मिला था. गत भाजपा सरकार की बात करें तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे समेत वसुंधरा कैबिनेट में 5 महिला मंत्री थी. ऐसे में 33फीसदी महिलाओं के आरक्षण की बात करने वाली कांग्रेस शासित राजस्थान में केवल एक महिला का मंत्री होना अपने आप में सवाल खड़े करता है कि क्या राजस्थान में भी कभी 40 फीसदी महिलाओं को विधानसभा का टिकट मिल सकता है.
प्रियंका के फॉर्मूले पर चले तो देने होंगे 80 टिकट
प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी महिलाओं को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में टिकट देने का फार्मूला बनाया है. अगर वह फार्मूला राजस्थान में भी कांग्रेस पार्टी लागू करती है तो अगले विधासभा चुनाव में 80 टिकटें महिलाओं को देनी होगी. ऐसे में वर्तमान की स्थिति देखें तो 50 पुरुष विधायकों के टिकट काटने होंगे. प्रियंका के फॉर्मूले की तारीफ करते हुए मुख्य सचेतक महेश जोशी ने एक तरफ जहां कांग्रेस की तारीफ की वहीं यह भी कह दिया कि अभी यह फॉर्मूला केवल उत्तर प्रदेश के लिए ही लागू किया है.
जब जीत में अनुपात बराबर तो टिकट का बंटवारा बराबर क्यों नहीं
राजस्थान विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने इस बार जिन 30 महिलाओं को टिकट दिया, उनमें से 14 महिलाएं चुनाव जीतकर विधायक बने तो वल्लभनगर में उपचुनाव का नतीजा आना अभी बाकी है. ऐसे में विधानसभा चुनाव में महिलाएं पार्टी को 50 फीसदी सीटों पर जीत दिलवा रही हैं तो वहीं पुरुष नेता भी 170 में से 85 जीते हैं. ऐसे में यह आंकड़ा भी 50 फीसदी ही होता है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर टिकट पाने पर पुरुष और महिला प्रत्याशी बराबर चुनाव जीतकर आती हैं, तो फिर टिकट में 33 या 40 फीसदी की बजाए 50 फीसदी आरक्षण की बात क्यों नहीं होती.