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जयपुर: स्कूल फीस माफी के फैसले के विरोध में उतरे प्राइवेट स्कूल संचालक और टीचर्स

राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस स्थगित करने के फैसले के विरोध में प्राइवेट स्कूल संचालक और टीचर्स ने विरोध किया. टीचर्स का कहना है कि अगर पेरेंट्स फीस नहीं देंगे तो मैनेजमेंट उन्हें कहां से फीस देगा.

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स्कूल फीस माफी के फैसले के विरोध में उतरे प्राइवेट स्कूल संचालक और टीचर्स
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Published : Jul 8, 2020, 8:37 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस स्थगित करने के विरोध में प्राइवेट स्कूल संचालक और कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. सरकार के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए प्राइवेट स्कूल संचालकों और टीचरों ने बुधवार को स्टेच्यू सर्किल पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारे लगाए. प्राइवेट स्कूल संचालक और स्कूल स्टाफ सेंट्रल पार्क के गेट नंबर 3 पर एकत्र हुए और इसके बाद स्टेच्यू सर्किल पर पहुंचे. प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों ने अपने हाथों में विरोध में नारों की तख्तियां भी ली हुई थी और न्याय की मांग कर रहे थे.

राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

प्रदर्शन कर रही अनिता जोशी ने बताया कि सरकार ने फीस स्थगित कर हमें सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर कर दिया है. स्कूल स्टाफ के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हैं, उन्होंने कहा कि आज हजारों लोग सरकारी स्कूल के भरोसे अपना घर चला रहे हैं. यदि अभिभावक फीस नहीं देंगे तो सैकड़ों लोगों का घर कैसे चलेगा. अभिभावक पहले भी फीस दे रहे थे, आज फीस देने में दिक्कत हो रही है.

पढ़ें: 12वीं के विज्ञान वर्ग का परीक्षा परिणाम घोषित, 91.96 फीसदी रहा परिणाम

सरिता शर्मा ने कहा कि बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं और वे कभी भी फोन कर देते हैं. उनकी कॉपी भी ऑनलाइन चेक कर उनको वापस भेजी जाती है और उसका रिकॉर्ड हमारे मोबाइल में रहता है. जब भी बच्चों का फोन आता है हम लोग फोन उठाते हैं और उन्हें पढ़ाते भी हैं. सरिता शर्मा ने कहा कि जो लोग फीस दे सकते हैं उन्होंने ने भी अब फीस देना बंद कर दिया क्योंकि सरकार उनका साथ दे रही है.

प्राइवेट स्कूल की टीचर रश्मि शर्मा ने कहा कि हमारी स्कूल में 3 महीने की फीस माफ कर दी है, उसके बावजूद भी अभिभावक फीस देना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि जब अभिभावक फीस नहीं देंगे तो मैनेजमेंट हम लोगों को कैसे सैलरी देगा और हमारा खर्चा कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल अभिभावकों कोई यह नहीं कह रहा कि एक साथ फीस जमा कराएये. वे अपनी सहूलियत के हिसाब से फीस जमा करा सकते हैं. बता दें कि राज्य सरकार ने पहले गत 31 जुलाई तक प्राइवेट स्कूलों की फीस स्थगित कर दी थी. अब राज्य सरकार ने घोषणा की है, जब तक स्कूल नहीं खुलेगी तब तक प्राइवेट स्कूलों की फीस स्थगित की जाएगी. इस घोषणा के बाद प्राइवेट स्कूल संचालकों और उसके स्टाफ में आक्रोश है.

जयपुर. राज्य सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की फीस स्थगित करने के विरोध में प्राइवेट स्कूल संचालक और कर्मचारी लामबंद हो गए हैं. सरकार के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए प्राइवेट स्कूल संचालकों और टीचरों ने बुधवार को स्टेच्यू सर्किल पर राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारे लगाए. प्राइवेट स्कूल संचालक और स्कूल स्टाफ सेंट्रल पार्क के गेट नंबर 3 पर एकत्र हुए और इसके बाद स्टेच्यू सर्किल पर पहुंचे. प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों ने अपने हाथों में विरोध में नारों की तख्तियां भी ली हुई थी और न्याय की मांग कर रहे थे.

राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

प्रदर्शन कर रही अनिता जोशी ने बताया कि सरकार ने फीस स्थगित कर हमें सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर कर दिया है. स्कूल स्टाफ के अलावा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हैं, उन्होंने कहा कि आज हजारों लोग सरकारी स्कूल के भरोसे अपना घर चला रहे हैं. यदि अभिभावक फीस नहीं देंगे तो सैकड़ों लोगों का घर कैसे चलेगा. अभिभावक पहले भी फीस दे रहे थे, आज फीस देने में दिक्कत हो रही है.

पढ़ें: 12वीं के विज्ञान वर्ग का परीक्षा परिणाम घोषित, 91.96 फीसदी रहा परिणाम

सरिता शर्मा ने कहा कि बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं और वे कभी भी फोन कर देते हैं. उनकी कॉपी भी ऑनलाइन चेक कर उनको वापस भेजी जाती है और उसका रिकॉर्ड हमारे मोबाइल में रहता है. जब भी बच्चों का फोन आता है हम लोग फोन उठाते हैं और उन्हें पढ़ाते भी हैं. सरिता शर्मा ने कहा कि जो लोग फीस दे सकते हैं उन्होंने ने भी अब फीस देना बंद कर दिया क्योंकि सरकार उनका साथ दे रही है.

प्राइवेट स्कूल की टीचर रश्मि शर्मा ने कहा कि हमारी स्कूल में 3 महीने की फीस माफ कर दी है, उसके बावजूद भी अभिभावक फीस देना नहीं चाहते. उन्होंने कहा कि जब अभिभावक फीस नहीं देंगे तो मैनेजमेंट हम लोगों को कैसे सैलरी देगा और हमारा खर्चा कैसे चलेगा. उन्होंने कहा कि कोई भी स्कूल अभिभावकों कोई यह नहीं कह रहा कि एक साथ फीस जमा कराएये. वे अपनी सहूलियत के हिसाब से फीस जमा करा सकते हैं. बता दें कि राज्य सरकार ने पहले गत 31 जुलाई तक प्राइवेट स्कूलों की फीस स्थगित कर दी थी. अब राज्य सरकार ने घोषणा की है, जब तक स्कूल नहीं खुलेगी तब तक प्राइवेट स्कूलों की फीस स्थगित की जाएगी. इस घोषणा के बाद प्राइवेट स्कूल संचालकों और उसके स्टाफ में आक्रोश है.

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