जयपुर. केंद्र सरकार ने राज्यों पर आयातित कोयला खरीद का दबाव बढ़ा दिया है. इस बढ़ते दबाव के बीच सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस अनिवार्यता को नहीं हटाए तो इससे राज्य पर 1736 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ेगा. गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में सस्ती और निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है. कुशल विद्युत प्रबंधन से ही भीषण गर्मी के बावजूद विद्युत कटौती न्यूनतम कर आमजन को राहत प्रदान की जा रही है.
गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोयले की समस्या से जूझ रहे राज्यों पर आयातित कोयले की खरीद का दबाव बनाया जा रहा है. ऊर्जा मंत्रालय, केंद्र सरकार की ओर से दिसंबर, 2021 में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम पर 4 प्रतिशत आयातित कोयला सम्मिश्रण के लिए एडवाइजरी जारी की थी, जिसे अप्रैल 2022 में बढ़ाकर 10 प्रतिशत खरीदना अनिवार्य कर दिया गया है. इस आयातित कोयले का भाव कोल इंडिया लिमिटेड की ओर से दिए जा रहे कोयले की कीमत से तीन गुना से भी अधिक है. इसकी कीमत करीब 1736 करोड़ रुपए आने की संभावना है, जो कि घरेलू कोयले की खरीद की कीमत से भी काफी अधिक है.
आम उपभोक्ता पर पड़ेगा भार- मुख्यमंत्री ने आम उपभोक्ता पर आयातित कोयले के कारण पड़ने वाले अतिरिक्त भार पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राज्य की विद्युत आवश्यकताओं को देखते हुए एग्रीमेंट के तहत आवश्यकता अनुसार कोयले की उपलब्धता कराई जाए. उन्होंने केंद्र सरकार से आयातित कोयले की खरीद की अनिवार्यता को हटाने का आग्रह किया है. गहलोत ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पर ऊर्जा विभाग की समीक्षा (Energy Department review meeting) की. इस दौरान गहलोत ने उत्पादन निगम को प्रदेश में स्थापित विद्युत उत्पादन इकाईयों के सुचारू संचालन और उत्पादन बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
दुर्घटना संभावित विद्युत लाइनों को कराएं दुरुस्त- मुख्यमंत्री ने विद्युत लाइनों से होने वाले हादसों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक हादसे की पीड़ा वही महसूस कर सकता है जिसने हादसों में अपनों को गंवाया हो. इनकी रोकथाम के लिए प्रदेश में सर्वे कराए और वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर योजनाबद्ध तरीके से दुरूस्त और शिफ्टिंग कार्य कराए जाएं. संभावित दुर्घटना से बचाव के लिए पब्लिक नोटिस जारी करें. उन्होंने लाइनों के नजदीक होने वाले निर्माण कार्यों पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही इस बारे में स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए. हर व्यक्ति की जान को बचाना और हादसों को रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है.
लंबित विद्युत कनेक्शन जल्द करें जारी- गहलोत ने कहा कि प्रदेश में लंबित विद्युत कनेक्शन आवेदनों को जल्द से जल्द जारी कर आमजन को राहत प्रदान किया जाए. आगामी समय में विद्युत की मांग का आंकलन कर आवश्यकता अनुसार उत्पादन क्षमता बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि घरेलू, कृषि और औद्योगिक बिजली आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए. गहलोत ने अधिकारियों को संपर्क पोर्टल, टोल फ्री हेल्पलाइन और विभिन्न माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के तुरंत निस्तारण के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि मीटर रीडिंग और बिलिंग संबंधी समस्याओं का समाधान और विद्युत छीजत में कमी लाने और उपभोक्ताओं का संतुष्टि स्तर बढ़ाने का कार्य प्राथमिकता से करें.