जयपुर. महाराणा प्रताप की तस्वीर नीचे रखने के मामले में राजस्थान की सियासत गर्माती नजर आ रही है. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के लोग महाराणा प्रताप और भगवान राम के नाम पर जनता से वोट मांगते हैं, लेकिन उदयपुर में पिछले दिनों हुए कार्यक्रम में जिस प्रकार देश के सपूत महापुरुष महाराणा प्रताप की प्रतिमा युक्त प्रतीक चिन्ह अपने पांव के आगे नीचे की तरफ रख दिए, वो माफ करने वाला कृत्य नहीं है.
खाचरियावास ने कहा कि कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, सांसद सीपी जोशी सहित भाजपा के कई नेता मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी उस कृति के लिए अब तक सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी. केवल सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से सफाई दे दी गई. जबकि इन नेताओं को व्यक्तिगत रूप से और सार्वजनिक रूप से माफी मांगना चाहिए, क्योंकि देश इनके कृत्य को कभी माफ नहीं करने वाला.
जिन्होंने राम के अस्तित्व को नकारा, उन्हें इस मामले में बोलने का हक नहीं : देवनानी
वहीं, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बयान पर भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने पलटवार किया है. देवनानी ने कहा जो सालों तक बच्चों को स्कूल की किताबों में अकबर महान पढ़ाते रहे और जिनके नेता ने सुप्रीम कोर्ट में राम के अस्तित्व को ही नकार दिया, कम से कम उस पार्टी के नेताओं के मुंह से इस प्रकार के बयान शोभा नहीं देते. देवनानी ने कहा कि हमने पिछली सरकार में किताबों में अकबर महान को हटाकर महाराणा प्रताप महान पढ़वाया. वासुदेव देवनानी ने कहा कि उदयपुर में कार्यक्रम में जो कुछ हुआ वह मानवीय भूल थी और भाजपा के नेताओं ने इस पर अपना खेत भी प्रकट कर दिया, लेकिन अब इसे सियासी मुद्दा बनाया जा रहा है.