जयपुर. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम का गठन जुलाई 2000 में हुआ था. तब से लेकर अब तक 21 वर्षों से अधिक समय में यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. वर्तमान में विद्युत उत्पादन निगम के विभिन्न विद्युत गृहों की 500 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयां तकनीकी कारणों से बंद हैं.
इनमें सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह की 250 मेगावाट क्षमता की इकाई संख्या 2 एवं छबड़ा तापीय विद्युत गृह की 250 मेगावाट क्षमता की इकाई संख्या 4 शामिल है. ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताई और राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के प्रबन्धन एवं सभी कर्मचारियों को बधाई दी है.
उन्होंने बताया कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम (Rajasthan State Electricity Generation Corporation news ) के कोयला आधारित विद्युत गृहों में स्थापित तापीय इकाइयों (Electricity generation in Thermal Power Station) की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता अक्टूबर में सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल तापीय विद्युत गृह की इकाई संख्या 8 से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद 6920 मेगावाट से बढ़कर 7580 मेगावाट हो चुकी है. इसमे से 7080 मेगावाट क्षमता की इकाईयां संचालित की जा रही है.
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राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. के. शर्मा ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर कर तापीय विद्युत गृहों के सभी अभियंताओं एवं कर्मचारियों को बधाई दी. उन्होंने बताया कि निगम के कुशल अभियंताओं की देखरेख, मेहनत, बेहतर रखरखाव, कुशल वार्षिक अनुरक्षण तथा श्रेष्ठ संचालन के कारण ही इस सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को हासिल किया गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी इसी प्रकार उत्पादन निगम अच्छा प्रदर्शन कर राज्य की विद्युत आपूर्ति में अपना विशिष्ट योगदान देता रहेगा.