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रिश्वत में अस्मत मांगने वाले अधिकारी कैलाशचंद बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गरमाई सियासत, बीजेपी ने घेरा

रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले आरोपी आरपीएस कैलाश बोहरा को प्रदेश की गहलोत सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है, लेकिन विपक्ष में बैठे बीजेपी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति रास नहीं आ रही है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान जो कहा उसे पूरा नहीं किया है. सरकार का यह निर्णय महिलाओं के खिलाफ कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का नमूना है.

कैलाशचंद बोहरा, RPS Kailashchand Bohra
कैलाशचंद बोहरा
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Published : Mar 20, 2021, 10:40 PM IST

जयपुर. रिश्वत में अस्मत मांगने वाले आरपीएस कैलाशचन्द बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने बोहरा को बर्खास्त नहीं करने पर सरकार की नियत पर सवाल उठताते हुए आरोप लगाया है कि सदन में जो कहा उसे पूरा नहीं किया. यह महिला उत्पीड़न के खिलाफ काग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का नमूना है. वहीं, सरकार ने साफ कर दिया कि नियमों के तहत कार्रवाई होगी, अभी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है, आगे बर्खस्तगी की कार्रवाई की जाएगी.

कैलाशचंद बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गरमाई सियासत, Rajasthan Politics
सतीश पूनिया ने किया ट्वीट

रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले आरोपी आरपीएस कैलाश बोहरा को प्रदेश की गहलोत सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है, लेकिन विपक्ष में बैठे बीजेपी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति रास नहीं आ रही है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान जो कहा उसे पूरा नहीं किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार का एक और यू-टर्न मामला है. सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना था. सरकार ने सदन में कहा था कि ऐसे आरोपी को बर्खास्त किया जाएगा, लेकिन सरकार ने बर्खास्त करने की वजह सेवानिवृत्ति दे दी. सरकार का यह निर्णय महिलाओं के खिलाफ कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का नमूना है.

कैलाशचंद बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गरमाई सियासत, Rajasthan Politics
राजेंद्र राठौड़ ने किया ट्वीट

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वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सोशल मीडिया के जरिए कहा कि सरकार की एक बार फिर कथनी और करनी का अंतर सामने आया है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जयपुर में रिश्वत के बदले में महिला की अस्मत मांगने के आरोपी अधिकारी कैलाश बोहरा के मामले में उसे रेड कारपेट पर विदाई दी जा रही है और पेंशन और अन्य भत्ते देकर उपकृत किया जा रहा है. राज्य सरकार अपराधी को कड़ा संदेश नहीं देकर उनके हौसले बुलंद कर रही है.

अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तहत शुरू होगी बर्खास्तगी की प्रक्रिया

बीजेपी के हमले के बीच सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि गृह विभाग ने आज एक आदेश जारी कर गंभीर कदाचार के आरोपी आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है. राजस्थान पेंशन नियम 1996 के नियम 53(1) अन्तर्गत 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके राजकीय कार्मिक को उसकी अक्षमता के आधार पर लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है. इस प्रावधान में बोहरा को तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.

यह भी पढ़ेंः दुल्हनिया लाने से पहले ही दलित दूल्हे के साथ मारपीट, कल जानी है बारात

बता दें, संविधान के आर्टिकल 311 में प्रत्येक राजकीय कर्मचारी को सेवा से पृथक करने से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक है. बोहरा के इस प्रकरण को समग्र रूप से देखते हुए सीसीए नियम 19 की कार्यवाही विचाराधीन रखते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति के पश्चात सीसीए नियमों में कार्यवाही जारी कर नियमों के तहत बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी.

जयपुर. रिश्वत में अस्मत मांगने वाले आरपीएस कैलाशचन्द बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने बोहरा को बर्खास्त नहीं करने पर सरकार की नियत पर सवाल उठताते हुए आरोप लगाया है कि सदन में जो कहा उसे पूरा नहीं किया. यह महिला उत्पीड़न के खिलाफ काग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का नमूना है. वहीं, सरकार ने साफ कर दिया कि नियमों के तहत कार्रवाई होगी, अभी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी है, आगे बर्खस्तगी की कार्रवाई की जाएगी.

कैलाशचंद बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गरमाई सियासत, Rajasthan Politics
सतीश पूनिया ने किया ट्वीट

रिश्वत के बदले अस्मत मांगने वाले आरोपी आरपीएस कैलाश बोहरा को प्रदेश की गहलोत सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है, लेकिन विपक्ष में बैठे बीजेपी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति रास नहीं आ रही है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान जो कहा उसे पूरा नहीं किया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार का एक और यू-टर्न मामला है. सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन में इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस माना था. सरकार ने सदन में कहा था कि ऐसे आरोपी को बर्खास्त किया जाएगा, लेकिन सरकार ने बर्खास्त करने की वजह सेवानिवृत्ति दे दी. सरकार का यह निर्णय महिलाओं के खिलाफ कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का नमूना है.

कैलाशचंद बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति पर गरमाई सियासत, Rajasthan Politics
राजेंद्र राठौड़ ने किया ट्वीट

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वहीं, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी सोशल मीडिया के जरिए कहा कि सरकार की एक बार फिर कथनी और करनी का अंतर सामने आया है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि जयपुर में रिश्वत के बदले में महिला की अस्मत मांगने के आरोपी अधिकारी कैलाश बोहरा के मामले में उसे रेड कारपेट पर विदाई दी जा रही है और पेंशन और अन्य भत्ते देकर उपकृत किया जा रहा है. राज्य सरकार अपराधी को कड़ा संदेश नहीं देकर उनके हौसले बुलंद कर रही है.

अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तहत शुरू होगी बर्खास्तगी की प्रक्रिया

बीजेपी के हमले के बीच सरकार ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि गृह विभाग ने आज एक आदेश जारी कर गंभीर कदाचार के आरोपी आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है. राजस्थान पेंशन नियम 1996 के नियम 53(1) अन्तर्गत 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके राजकीय कार्मिक को उसकी अक्षमता के आधार पर लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिये जाने का प्रावधान है. इस प्रावधान में बोहरा को तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.

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बता दें, संविधान के आर्टिकल 311 में प्रत्येक राजकीय कर्मचारी को सेवा से पृथक करने से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक है. बोहरा के इस प्रकरण को समग्र रूप से देखते हुए सीसीए नियम 19 की कार्यवाही विचाराधीन रखते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है. अनिवार्य सेवानिवृत्ति के पश्चात सीसीए नियमों में कार्यवाही जारी कर नियमों के तहत बर्खास्तगी की कार्यवाही की जाएगी.

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