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Political Appointments in Rajasthan Congress: गहलोत सरकार ने 10 जिलाध्यक्षों को 20 सूत्रीय कार्यक्रमों का बनाया जिला उपाध्यक्ष..एक व्यक्ति एक पद फार्मूला हुआ गायब

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की ओर से साल के अंतिम दिन राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointments in Rajasthan Congress) शुरू हो गईं हैं. सरकार ने 20 सूत्रीय कार्यक्रम के लिए पार्टी की ओर से 10 नए जिला उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. इस नियुक्ति के बाद सरकार के अपने बनाए उस नियम पर सवाल उठ रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति को एक पद देने की बात हुई थी.

Political Appointments in Rajasthan Congress
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Published : Dec 31, 2021, 7:13 PM IST

Updated : Dec 31, 2021, 10:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने वर्ष के अंतिम दिन राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointments in Rajasthan Congress) शुरू कर दी हैं. सरकार की ओर से 20 सूत्रीय कार्यक्रम के 10 जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. खास बात यह है कि जो 10 नए जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं, वह सभी हाल में बनाए गए नए 13 जिला अध्यक्षों में से हैं.

साफ है कि राजस्थान में संगठन के जिला अध्यक्षों को मजबूती दी गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मांग का ही असर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 13 में से 10 जिला अध्यक्षों को नए साल का तोहफा दिया है. जो 10 नए जिला अध्यक्ष 20 सूत्री कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.

पढ़ें. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा, 3 जनवरी से स्कूल बंद करने की संभावना

इनमें अलवर के जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा, बारां के जिला अध्यक्ष रामचरण मीणा, बाड़मेर के जिला अध्यक्ष फतेह खान , दौसा के जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़, जैसलमेर के जिला अध्यक्ष उमेश सिंह तवर, झालावाड़ के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गुर्जर, जोधपुर के जिला अध्यक्ष सलीम खान ,नागौर के जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, राजसमंद के जिला अध्यक्ष हरि सिंह राठौड़ और सीकर की जिला अध्यक्ष सुनीता घटाला शामिल हैं.

1 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने 13 नए जिला अध्यक्ष बनाए थे. उनमें से 10 जिला अध्यक्षों को 20 सूत्री कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है. केवल बीकानेर के जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत और जोधपुर शहर के 1 जिलाध्यक्ष और जोधपुर देहात के जिला अध्यक्षों को इसलिए मौका नहीं मिला क्योंकि जोधपुर से एक ही 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बन सकता था.

पहले भी मिली थी जिला अध्यक्षों को नियुक्तियां

आज 10 जिला अध्यक्षों को 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बनाया गया है. 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्षों की राजनीतिक नियुक्ति की गई है और जिलों में प्रभारी मंत्री अगर अनुपस्थित होता है तो उसकी अनुपस्थिति में मीटिंग की अध्यक्षता भी करते हैं. जिलों से जुड़े तमाम प्रशासनिक निर्णय और जन समस्याओं के निराकरण में उनकी खास भूमिका होती है.

एक व्यक्ति एक पद फार्मूला हुआ गायब

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने अपने 10 जिला अध्यक्षों को 10 जिलों में 20 सूत्री कार्यक्रम में उपाध्यक्ष बना दिया है. ऐसे में संगठन के जिला अध्यक्षों को ही राजनीतिक नियुक्तियां दे दी गई है, ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि जब जिला अध्यक्षों को ही इस तरीके से राजनीतिक नियुक्तियां दे दी जाएगी, तो बाकी उन कार्यकर्ताओं का क्या होगा जो राजनीतिक नियुक्तियों की बाट पिछले 3 साल से देख रहे हैं.

Political Appointments in Rajasthan Congress
एक व्यक्ति एक पद फार्मूला हुआ गायब

क्योंकि जिला अध्यक्षों को पहले ही संगठन में एडजस्ट कर लिया गया था उसके बाद भी उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां देकर सरकार में एडजस्ट कर दिया गया है. ऐसे में जहां एक और गोविंद डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष होने, रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी होने और हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी होने के चलते कांग्रेस के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का हवाला देकर मंत्री पद छोड़ने पड़े थे. तो फिर ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी कि कांग्रेस को अपने इस नियम को तोड़ना पड़ा.

भले ही कहने को इन्हें राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत कहीं जा रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निराशा ही हाथ लगी है. क्योंकि जिन्हें राजनीतिक नियुक्तियां मिली है उनके पास पहले से ही जिला अध्यक्ष के पद थे.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने वर्ष के अंतिम दिन राजनीतिक नियुक्तियां (Political Appointments in Rajasthan Congress) शुरू कर दी हैं. सरकार की ओर से 20 सूत्रीय कार्यक्रम के 10 जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं. खास बात यह है कि जो 10 नए जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं, वह सभी हाल में बनाए गए नए 13 जिला अध्यक्षों में से हैं.

साफ है कि राजस्थान में संगठन के जिला अध्यक्षों को मजबूती दी गई है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की मांग का ही असर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 13 में से 10 जिला अध्यक्षों को नए साल का तोहफा दिया है. जो 10 नए जिला अध्यक्ष 20 सूत्री कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.

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इनमें अलवर के जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा, बारां के जिला अध्यक्ष रामचरण मीणा, बाड़मेर के जिला अध्यक्ष फतेह खान , दौसा के जिलाध्यक्ष रामजीलाल ओढ़, जैसलमेर के जिला अध्यक्ष उमेश सिंह तवर, झालावाड़ के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गुर्जर, जोधपुर के जिला अध्यक्ष सलीम खान ,नागौर के जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत, राजसमंद के जिला अध्यक्ष हरि सिंह राठौड़ और सीकर की जिला अध्यक्ष सुनीता घटाला शामिल हैं.

1 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने 13 नए जिला अध्यक्ष बनाए थे. उनमें से 10 जिला अध्यक्षों को 20 सूत्री कार्यक्रम में जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है. केवल बीकानेर के जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत और जोधपुर शहर के 1 जिलाध्यक्ष और जोधपुर देहात के जिला अध्यक्षों को इसलिए मौका नहीं मिला क्योंकि जोधपुर से एक ही 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बन सकता था.

पहले भी मिली थी जिला अध्यक्षों को नियुक्तियां

आज 10 जिला अध्यक्षों को 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्ष बनाया गया है. 20 सूत्री कार्यक्रम का उपाध्यक्षों की राजनीतिक नियुक्ति की गई है और जिलों में प्रभारी मंत्री अगर अनुपस्थित होता है तो उसकी अनुपस्थिति में मीटिंग की अध्यक्षता भी करते हैं. जिलों से जुड़े तमाम प्रशासनिक निर्णय और जन समस्याओं के निराकरण में उनकी खास भूमिका होती है.

एक व्यक्ति एक पद फार्मूला हुआ गायब

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने अपने 10 जिला अध्यक्षों को 10 जिलों में 20 सूत्री कार्यक्रम में उपाध्यक्ष बना दिया है. ऐसे में संगठन के जिला अध्यक्षों को ही राजनीतिक नियुक्तियां दे दी गई है, ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि जब जिला अध्यक्षों को ही इस तरीके से राजनीतिक नियुक्तियां दे दी जाएगी, तो बाकी उन कार्यकर्ताओं का क्या होगा जो राजनीतिक नियुक्तियों की बाट पिछले 3 साल से देख रहे हैं.

Political Appointments in Rajasthan Congress
एक व्यक्ति एक पद फार्मूला हुआ गायब

क्योंकि जिला अध्यक्षों को पहले ही संगठन में एडजस्ट कर लिया गया था उसके बाद भी उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां देकर सरकार में एडजस्ट कर दिया गया है. ऐसे में जहां एक और गोविंद डोटासरा को प्रदेश अध्यक्ष होने, रघु शर्मा को गुजरात का प्रभारी होने और हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी होने के चलते कांग्रेस के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का हवाला देकर मंत्री पद छोड़ने पड़े थे. तो फिर ऐसी क्या आवश्यकता पड़ी कि कांग्रेस को अपने इस नियम को तोड़ना पड़ा.

भले ही कहने को इन्हें राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत कहीं जा रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निराशा ही हाथ लगी है. क्योंकि जिन्हें राजनीतिक नियुक्तियां मिली है उनके पास पहले से ही जिला अध्यक्ष के पद थे.

Last Updated : Dec 31, 2021, 10:15 PM IST
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