जयपुर. राजधानी जयपुर में बचपन बचाओ आंदोलन समिति की सूचना पर भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 2 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. पुलिस ने मामले में एक आरोपी मोहम्मद जियाउद्दीन को भी गिरफ्तार किया है. बाल श्रमिक बिहार के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पुलिस ने डीसीपी नॉर्थ राजीव पचार और एडीसीपी नॉर्थ धर्मेंद्र सागर के निर्देशन में भट्टा बस्ती थाना इलाके में अमन चौक विजय नगर कच्ची बस्ती में कार्रवाई करते हुए बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. बचपन बचाओ आंदोलन, मानव तस्करी विरोधी यूनिट और भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए चूड़ी कार्य करने से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.
जानकारी के मुताबिक बच्चों को बिहार से लालच देकर जयपुर लाया गया था और एक चूड़ी कारखाने में 16 से 18 घंटे काम करवाया जा रहा था. बच्चों को कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था और समय पर भोजन भी नहीं दिया जा रहा था. बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती थी. कारखाना मालिक काफी समय से इन नन्हे मुन्ने बच्चों से काम करवा रहा था. बचपन बचाओ आंदोलन समिति को बच्चों द्वारा बाल मजदूरी होने की सूचना लगी.
पढ़ेंः डूंगरपुर: बालश्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, गुजरात मजदूरी के लिए ले जा रहे 10 बच्चों को छुड़ाया
जिसके बाद बचपन बचाओ आंदोलन समिति ने पुलिस को मामले की सूचना दी और पुलिस ने दबिश देकर सभी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. दोनों बच्चे सामने बैठकर काम करते हुए पाए गए और मकान का कमरा टीनशेड का था. जिसके ऊपर कोई पंखा भी नहीं लगा हुआ था. एक बच्चे ने पुलिस को बताया कि 2 हजार रुपये महीने की तय करके कारखाना मालिक जयपुर लाया था और दूसरे बच्चे ने कहा मुझे पता नहीं है कि कितने रुपए तय करके लाया है. कारखाना मालिक से पूछताछ में सामने आया कि एक बच्चे के घर 7 हजार रुपये एडवांस देकर लाया है और दूसरे बच्चे के घर 2 हजार रुपये एडवांस दिया है. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच पड़ताल कर रही है.
बता दें कि पिछले दिनों भी भट्टा बस्ती इलाके से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया था. राजधानी जयपुर में ज्यादातर भट्टा बस्ती इलाके से ही बाल मजदूरी के मामले सामने आए हैं. बिहार, उत्तर प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से नन्हे-मुन्ने बच्चों को जयपुर में लाकर बाल मजदूरी करवाई जाती है. जिससे इन नन्हे बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है. पहले भी प्रदेशभर के विभिन्न इलाकों से बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर उनके घर भेजा गया था. लगातार कार्रवाई होने के बावजूद भी बाल श्रम पर लगाम नहीं लग पा रही.