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पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने एक बार फिर सरकार पर दलित मंत्रियों के अपमान का लगाया आरोप

पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने एक बार फिर सरकार पर दलित मंत्रियों के अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पहली बार जीते विधायक जो कांग्रेस के नहीं हैं, उन्हें 9 कमेटियों में शामिल किया गया है. वहीं, भजन लाल जाटव और टीकाराम जूली जैसे दलित मंत्रियों को एक भी कमेटी में स्थान नहीं मिला.

Gehlot government,  Ved Solanki accuses Gehlot government
पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी
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Published : Jun 5, 2021, 10:52 PM IST

जयपुर. पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी सरकार पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाते रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने राजस्थान के दो दलित मंत्रियों टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव को सरकार की एंपावर्ड कमेटियों, मंत्रिमंडल समिति और उप समिति में शामिल नहीं किए जाने को दोनों दलित मंत्रियों के साथ ही दलित समाज का अपमान भी बताया है.

Gehlot government,  Ved Solanki accuses Gehlot government
वेद प्रकाश सोलंकी ट्वीट

पढ़ें- सोनिया गांधी की एडिटेड फोटो वायरल करने का मामला, कांग्रेस बोली- यह काम भाजपा पिछले 10 साल से कर रही है

पहले वेद सोलंकी ने विधानसभा में दलित मंत्रियों को माइक वाली सीट नहीं उपलब्ध करवाने के आरोप लगाए, तो फिर उसके बाद हाल ही में हेमाराम इस्तीफा प्रकरण मामले में राजनीतिक नियुक्तियां गैर कांग्रेसियों के होने का आरोप तो लगाया. इसके साथ ही सरकार पर दलित अधिकारियों का अपमान करने के भी आरोप लगाए. अब एक बार फिर पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने सरकार पर मंत्री टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति, उप समिति और एंपावर्ड कमेटियों में शामिल नहीं करने पर सवाल उठाए हैं.

वेद सोलंकी ने नाम लिखे बगैर तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग को लेकर अपने सोशल मीडिया में कहा कि जो मंत्री पहली बार विधायक बने हैं, उन्हें 9-9 कमेटियों में जगह दी गई है और टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव जैसे दोनों काबिल मंत्रियों को इन कमेटियों में जगह नहीं दी गई है. यह दोनों काबिल मंत्रियों सहित समस्त दलित समाज का अपमान है. दलित समाज जो कि कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक है, उसके बावजूद भी और समाज से आने वाले मंत्रियों को महत्वपूर्ण समितियों में तवज्जो नहीं देना समझ के परे हैं.

Gehlot government,  Ved Solanki accuses Gehlot government
वेद प्रकाश सोलंकी ट्वीट

दरअसल, सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति, उपसमिति और एंपावर्ड कमेटियों की बात की जाए तो कैबिनेट मंत्रियों में शांति धारीवाल 13 कमेटियों में, बीडी कल्ला 12 कमेटियों में, रघु शर्मा 9 कमेटियों में, हरीश चौधरी 7 कमेटियों में, लालचंद कटारिया 7 कमेटियों में, परसादी लाल मीणा 6 कमेटियों में, उदयलाल आंजना 4 कमेटियों में, प्रमोद जैन भाया 3 कमेटियों में, प्रताप सिंह खाचरियावास एक कमेटी में और सालेह मोहम्मद एक कमेटी में शामिल हैं.

वहीं, राज्य मंत्रियों की बात करें तो मंत्री सुभाष गर्ग 9 कमेटियों में, गोविंद डोटासरा 9 कमेटियों में, अशोक चांदना 7 कमेटियों में, ममता भूपेश 5 कमेटियों में, सुखराम बिश्नोई चार कमेटियों में, अर्जुन सिंह बामनिया दो कमेटियों में, भंवर सिंह भाटी एक कमेटी में तो राजेंद्र यादव एक कमेटी में शामिल हैं. केवल टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव ही दो मंत्री हैं जिन्हें किसी कमेटी का मेंबर नहीं बनाया गया है.

जयपुर. पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी सरकार पर दलित विरोधी होने के आरोप लगाते रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने राजस्थान के दो दलित मंत्रियों टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव को सरकार की एंपावर्ड कमेटियों, मंत्रिमंडल समिति और उप समिति में शामिल नहीं किए जाने को दोनों दलित मंत्रियों के साथ ही दलित समाज का अपमान भी बताया है.

Gehlot government,  Ved Solanki accuses Gehlot government
वेद प्रकाश सोलंकी ट्वीट

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पहले वेद सोलंकी ने विधानसभा में दलित मंत्रियों को माइक वाली सीट नहीं उपलब्ध करवाने के आरोप लगाए, तो फिर उसके बाद हाल ही में हेमाराम इस्तीफा प्रकरण मामले में राजनीतिक नियुक्तियां गैर कांग्रेसियों के होने का आरोप तो लगाया. इसके साथ ही सरकार पर दलित अधिकारियों का अपमान करने के भी आरोप लगाए. अब एक बार फिर पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने सरकार पर मंत्री टीकाराम जूली और भजनलाल जाटव को सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति, उप समिति और एंपावर्ड कमेटियों में शामिल नहीं करने पर सवाल उठाए हैं.

वेद सोलंकी ने नाम लिखे बगैर तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग को लेकर अपने सोशल मीडिया में कहा कि जो मंत्री पहली बार विधायक बने हैं, उन्हें 9-9 कमेटियों में जगह दी गई है और टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव जैसे दोनों काबिल मंत्रियों को इन कमेटियों में जगह नहीं दी गई है. यह दोनों काबिल मंत्रियों सहित समस्त दलित समाज का अपमान है. दलित समाज जो कि कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक है, उसके बावजूद भी और समाज से आने वाले मंत्रियों को महत्वपूर्ण समितियों में तवज्जो नहीं देना समझ के परे हैं.

Gehlot government,  Ved Solanki accuses Gehlot government
वेद प्रकाश सोलंकी ट्वीट

दरअसल, सरकार की मंत्रिमंडलीय समिति, उपसमिति और एंपावर्ड कमेटियों की बात की जाए तो कैबिनेट मंत्रियों में शांति धारीवाल 13 कमेटियों में, बीडी कल्ला 12 कमेटियों में, रघु शर्मा 9 कमेटियों में, हरीश चौधरी 7 कमेटियों में, लालचंद कटारिया 7 कमेटियों में, परसादी लाल मीणा 6 कमेटियों में, उदयलाल आंजना 4 कमेटियों में, प्रमोद जैन भाया 3 कमेटियों में, प्रताप सिंह खाचरियावास एक कमेटी में और सालेह मोहम्मद एक कमेटी में शामिल हैं.

वहीं, राज्य मंत्रियों की बात करें तो मंत्री सुभाष गर्ग 9 कमेटियों में, गोविंद डोटासरा 9 कमेटियों में, अशोक चांदना 7 कमेटियों में, ममता भूपेश 5 कमेटियों में, सुखराम बिश्नोई चार कमेटियों में, अर्जुन सिंह बामनिया दो कमेटियों में, भंवर सिंह भाटी एक कमेटी में तो राजेंद्र यादव एक कमेटी में शामिल हैं. केवल टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव ही दो मंत्री हैं जिन्हें किसी कमेटी का मेंबर नहीं बनाया गया है.

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