जयपुर. राजस्थान में निकाय चुनाव में बिना पार्षद चुने मेयर, सभापति और चेयरमैन बनने का मामला अब लगभग शांत हो चुका है. लेकिन इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर हो गई है. अब इस याचिका पर कोर्ट क्या फैसला देता है यह तो आने वाला समय बताएगा.
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जो लगातार बिना पार्षद का चुनाव जीते महापौर, सभापति या चेयरमैन बनने का विरोध कर रहे थे, उन्होंने हाईकोर्ट में लगी याचिका को लेकर कहा कि वह हाईकोर्ट में लगी याचिका को लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं करेंगे. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार इस पर संतोषजनक जवाब हाईकोर्ट में देगी. इसका उन्हें पूरा विश्वास है.
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इसके साथ ही पायलट ने कहा कि उनका हमेशा से मानना है कि निकाय और निगम के चुनाव में जो चुने हुए प्रतिनिधि हो उन्ही में से महापौर, सभापति या चेयरमैन बने तो अच्छा होगा. ऐसे में साफ है जिस तरीके से पायलट ने गुरुवार को एक बार फिर से घुमाकर यह बात कह दी कि वह अभी भी चुने हुए प्रतिनिधि के ही चेयरमैन, महापौर या सभापति बनने के पक्षधर हैं. इस बयान से साफ है कि भले ही पायलट इस मामले पर अब कुछ नहीं बोल रहे हो, लेकिन वह अभी उस बात से कायम है कि बिना चुने हुए प्रतिनिधियों को अध्यक्ष, महापौर या सभापति नहीं बनाया जाए.